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मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित ( अलिपिकीय) सेवा भर्ती नियम , 2014
क्र. एफ 1-41-2013-बावन-1.-भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, मध्यप्रदेश के राज्यपाल, एतद्द्वारा, मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित (अलिपिकीय) सेवा के भर्ती तथा पदोन्नति से संबंधित निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात् :-
नियम
- संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ - (1) इन नियमों का संक्षित नाम मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित (अलिपिकीय) सेवा भर्ती नियम, 2014 है.
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(2) ये मध्यप्रदेश राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे
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- परिभाषाएं. - इन नियमों में जब तक कि सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, -
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(क) सेवा के संबंध में ''नियुक्ति प्राधिकारी'' से अभिप्रेत है आयुक्त/संचालक हाथकरघा एवं
हस्तशिल्प या उसका अधीनस्थ कोई अधिकारी;
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(ख) ''समिति'' से अभिप्रेत है चयन समिति / विभागीय पदोन्नति समिति;
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(ग) ''परीक्षा'' से अभिप्रेत है नियम 11 के अधीन सेवा में भर्ती के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता परीक्षा;
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(घ) ''सरकार'' से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश सरकार;
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(ङ) ''राज्यपाल'' से अभिप्रेत है म ध्यप्रदेश के राज्यपाल;
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(च) ''अन्य पिछड़ा वर्ग'' से अभिप्रेत है, राज्य शासन द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित अधिसूचना क्रमांक एफ 8-5-पच्चीस-4-84, दिनांक 26 दिसम्बर 1984 द्वारा यथाविनिर्दिष्ट नागरिकों के अन्य पिछड़े वर्ग”
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(छ) ''व्यावसायिक परीक्षा मण्डल'' से अभिप्रेत है, व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल;
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(ज) ''अनुसूची'' से अभिप्रेत है डन नियमों से संलग्न अनुसूची:
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(झ) ''अनुसूचित जातियों'' से अभिप्रेत है कोई जाति, मूलवंश या जनजाति अथवा जाति मूलवंश या समुदाय का भाग या उसमें का यूथ, जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के अधनि मध्यप्रदेश राज्य के सबंध में अनुसूचित जातियों के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया हो,
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(ञ) ''अनुसूचित जनजाति'' से अभिप्रेत है, कोई जनजाति, या जनजाति समुदाय अथवा ऐसी जनजाति या जनजाति समुद्रा- का भाग या उसमें का यूथ, जिसे भारत के संविधान के उानुच्छेद 342 के अधीन मध्यप्रदेश राज्य कै संबंध में अनुसूचित जनजातियों के. रूप में विनिर्दिष्ट किया गया हो,
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(ट) ''सेवा'' से अभिप्रेत है, मध्यप्रदेश हाथकरघा संचालनालय अराजपत्रित अलिपिकीय) सेवा;
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(ठ) ''राज्य'' से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश राज्य ।
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- विस्तार तथा लागू होना -
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मध्यप्रदेश सिविल सेवा सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 में अन्तर्विष्ट उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ये नियम अनुमूवी-एक मे यथाउल्लिखित सेवा के प्रत्येक सदस्य पर लागू होंगे ।
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- सेवा का गठन.-
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सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति सम्मिलित होंगे, अर्थात् -
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(1) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के समय अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों को मूल रूप से या स्थानापन्न रूप से धारण कर रहे हों;
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(2) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारंभ होने से पूर्व, सेवा मे भर्ती किए गए हों; और
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(3) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के उपबंधों के अनुसार सेवा में भर्ती किए गए हों ।
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- सेवा का वर्गीकरण , वेतनमान आदि - (1) सेवा का वर्गीकरण, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या तथा उससे संलग्न वेतनमान अनुसुची-एक में अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार होगी;
परन्तु सरकार समय- समय पर सेवा में सम्मिलित पदों की सख्या में या तो स्थायी या अस्थायी आधार पर वृद्धि या कमी कर सकेगी |
(2) सेवा के सदस्य वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-11-1-2008-चार दिनांक 24.02.2008 के अधीन समयमान वेतनमान पाने के हकदार होंगे ।
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- भर्ती का. तरीका.- (1) इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात्, सेवा में भर्ती निम्मलिखित तरीकों से की जाएगी, अर्थात् :-
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(क) सीधी भर्ती द्वारा, प्रतियोगिता परीक्षा/चयन या साक्षात्कार या दोनों द्वारा
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(ख) अनुसूची-लार के कॉलम (2) में यथाविनिर्दिष्ट सेवा के -सदस्यों की पदोन्नति द्वारा,
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(ग) ऐसे व्यक्तियों के स्थानांतरण द्वारा, जो ऐसी सेवाओं में .ऐसे पदों को मूल रूप में या रथानापन्न हैसियत में धारण करते हैं जैसा कि सरकार द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाए
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(2) उपनियम (1) के खण्ड ७ या खण्ड ग के अधीन भर्ती किए गए व्यक्तियों की संख्या, किसी भी
समय, उनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों की संख्या के अनुसूची--कों में विनिर्दिष्ट किए गए प्रतिशत
से अधिक नहीं होगी ।
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(3) इन नियमों 'के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, भर्ती की किसी विशिष्ट कालावधि के दौरान भरे
जाने के लिए अपेक्षित सेवा में किसी विशिष्ट रिक्ति या रिक्तियों को भरने के प्रयोजन के लिए
अपनाया जाने वाला भर्ती का तरीका या तरीके तथा प्रत्येक तरीके द्वारा भर्ती किए जाने वाले
व्यक्तियों की संख्या, प्रत्येक अवसर पर, यदि अपेक्षित हो, आयोग के परामर्श से सरकार द्वारा
अवधारित की जाएगी ।
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(4) उपनियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, यदि सरकार की राय में सेवा की
अत्यावश्यकताओं को देखते हुए, ऐसा करना अपेक्षित हो, तो वह सामान्य प्रशासन विभाग तथा
आयोग की पूर्व सहमति के पश्चात् उक्त उप नियम में विनिर्दिष्ट सेवा में सेवा में भर्ती के तरीकों से
भिन्न, ऐसे अन्य तरीके अपना सकेगी, जो वह इस निमित्त जारी किए गए आदेश द्वारा विहित करे
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- सेवा में नियुक्ति - इन नियमो के प्रारम्भ होने के पश्चात्, सेवा या पद पर... समस्त नियुक्तियां सरकार द्वारा की जाएंगी और ऐसी कोई भी नियुक्ति नियम 6 में विनिर्दिष्ट भर्ती के तरीकों में से किसी एक्) तरीके द्वारा चयन के पश्चात् ही की जाएगी, अन्यथा नहीं |
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- सीधी भर्ती के लिए पात्रता की शर्ते - परीक्षा में चयन के लिए पात्र' होने 'हेतु अभ्यर्थी को निन्नलिखित शर्तें पूरी करनी होगी, अर्थात् –
(1) आयु :-
(क) उसने परीक्षा / चयन प्रारंभ होने की तारीख के ठीक आगामी जनवरी के प्रथम दिन को अनुसूची-तीन
के कॉलम (3) में यथाविनिर्दिष्ट आयु पूरी कर ली हो, और उक्त अनुसूची के कालम (4) में
यथाविनिर्दिष्ट आयु पूरी न की हो,
(ख) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों से संबंध रखने वाले अभ्यर्थी के लिए
उच्चतर आयु सीमा अधिकतम 5 वर्ष तक शिथिलनीय होगी;
(ग) उन अभ्यर्थियों. के संबंध में, जो मध्यप्रदेश सरकार के कर्मचारी हैं या कर्मचारी रह चुके हैं, आयु सीमा
उस सीमा तक तथा नीचे विनिर्दिष्ट शर्तों के अध्यधीन रहते हुए शिथिलनीय होगी : -
(एक) कोई अभ्यर्थी, जो स्थायी सरकारी सेवक हो, 45 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए;
(दो) कोई अभ्यर्थी, जो अस्थायी रूप से पद धारण कर रहा हो तथा किसी अन्य पद के लिए आवेदन कर रहा हो, 45 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए । यह रियायत आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारियों तथा परियोजना कार्यान्वयन समिति में कार्यरत कर्मचारियों को भी अनुज्ञेय होगी,
(तीन) कोई अभ्यर्थी, जो छंटनी किया गया सरकारी सेवक हो, अपनी आयु में से, उसके द्वारा पूर्व में
की गई समरत अस्थायी सेवा की अधिकतम 7 वर्ष तक की कालावधि, भले ही वह कालावधि एक से
अधिक बार की गई सेवाओं का योग हो, कम करने के लिए अनुज्ञात की जाएगी, बशर्ते कि इसके
परिणामस्वरूप जो आयु निकले वह उच्चतम आयु-सीमा से 5 वर्ष से अधिक नहीं हो;
स्पष्टीकरण - शब्द ''छंटनी किए गए शासकीय कर्मचारी'' से घोतक है ऐसे व्यक्ति जो इस, राज्य अथवा किसी भी संघटक इकाई की अस्थायी शासकीय सेवा में छह मास तक निरंतर रहा हो तथा जिसे रोजगार कार्यालय में अपना पंजीयन कराने अथवा शासकीय सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वेर्ष पूर्व स्थापना में कमी किये जाने के कारण किया गया हो ।
(चार) कोई अभ्यर्थी जो भूतपूर्व सैनिक है, अपनी आयु मे से उसके द्वारा पूर्व में की गई समस्त प्रतिरक्षा
सेवाकी कालावधि कम करने के लिए अनुज्ञात किया जाएगा, बशर्ते कि इसके रारिणामरचरूप जो आयु
निकले वह उच्चतर आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।
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स्पष्टीकरण - शब्द ''भूतपूर्व सैनिक-'' से द्योतक है, ऐसा व्यक्ति, -जो निम्मलिखित प्रवर्गों में से किसी एक्) प्रवर्ग का हो और जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छह मास की कालावधि तक निरन्तर नियोजित रहा है और जिसकी किसी भी रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने या सरकारी सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन करने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व, मितव्ययिता इकाई की सिफारिश के फलस्वरूप या स्थापना में सामान्य रूप से कमी किए जाने के कारण छंटनी की गई थी या जो अतिशेष घोषित किया गया हो अर्थात् -
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(1) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें सेवानिव (मस्टरिग आउट कन्सेशन) रियायतों के अधीन निर्मुक्त कर दिया
गया हो ।
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(2) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें दूसरी बार नामांकित किया गया हो, और जिसे
(क) अल्पकालीन वचनबंध पूर्ण हो जाने पर,
(ख) नामांकन सबंधी शर्ते पूर्ण हो जाने पर, सेवोनुक्त कर दिया गया हो ।
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(3) मद्रास सिविल इकाई (यूनिट) के ऐसे भूतपूर्व सैनिक ।
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(4) संविदा पूरी होने पर सेवोन्मुक्त किये गये ऐसे अधिकार. सैनिक तथा उारनैनिक्)) जिसमें अल्पावधि सेवा में नियमित कमीशन प्राप्त अधिकारी भी सम्मिलित हैं ।
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(5) ऐसे अधिकारी जिन्हें अवकाश रिक्तियों पर छह मास से अधिक समय तक कार्य करने के पश्चात्
सेवोनुक्त कर दिया गया हो ।
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(6) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें अशक्त होने के कारण सेवा से अलग किया गया है ।
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(7) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें इस अधार पर सेवोनुक्त किया गया है कि अब वे दक्ष सैनिक बनने योग्य नहीं हैं ।
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(8) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें गोली लग जाने तथा घाव आदि हो जाने के कारण सेवा से अलग कर दिया
गया हो ।
(घ) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एव अन्य पिछडा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्जातीय विवाह
प्रोत्साहन कार्यक्रम के अधीन पुरस्कृत सवर्ण पति-पत्नी के मामले में सामान्य उच्चतर आयु सीमा 5 वर्ष तक शिथिलनीय होगी,
(ड) विधवा, निराश्रित व तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों के संबंध में सामान्य आयु सीमा 5 वर्ष तक
शिथिलनीय होगी :
(च) परिवार कल्याण कार्यकम के अधीन ग्रीन कार्ड धारकों के संबंध में उच्च-चतर उगयु सीमा 2 वर्ष तक
शिथिलनीय होगी
(छ) विक्रम पुरस्कार. धारक अ]भ्यर्थियों के संबंध में उच्चतर आयु-सीमा 5 वर्ष तक शिथिलनीय होगी,
जा ऐसे उभ्यर्थियों के संबंध में जो मध्यप्रदेश राज्य निगम मण्डल के 'कर्मचारी हैं, उच्चतर उगयु सीमा
45 वर्ष तक शिथिलनीय होगी,
(झ) रचय सेवी नगर सैनिकों तथा नान कमीशन्द्व अधिकारियों के संबध में उनके द्वारा की गई नगर सेना सेवा की कालावधि के लिए की उच्चतर आयु सीमा 3 वर्ष की सीमा के अध्यधीन रहते हुए शिथिलनीय
होगी, किन्तु किसी भी दशा में उनकी आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं हो,
(ञ) निराश्रित उरभ्यर्थियों के लिए उच्चतर आयु सीमा राज्य सरकार द्वारा, समय-- समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार शिथिलनीय होगी ।
टिप्पणी - (1) ऐसे अभ्यर्थी जो उपर्युक्त नियम 8 के उपनियम (1) के खण्ड (ग) के उपखण्ड (एक) तथा (दो) में उल्लिखित आयु संबंधी रियायतों के अधीन परीक्षा / चयन के लिए पात्र पाए जाते हैं, यदी आवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात् परीक्षा / चयन के या तो पूर्व में या उसके पश्चात् सेवा से त्यागपत्र दे देते हैं तो वे नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे । तथापि, यदि आवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात् उनकी सेवा या पद से छंटनी की जाती है तो वे पात्र बने रहेंगे । किसी अन्य मामले में उनकी आयु सीमा शिथिल नहीं की जाएगी ।
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(2) विभागीय अभ्यर्थियों को चयन में प्रवेश के लिए नियुक्ति प्राधिकारी की अनुज्ञा अभिप्राप्त करनी होगी
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(3) इस खण्ड में उपबंधित सभी प्रकार आयु रियायतों को सम्मिलित करने के पश्चात्, किसी भी दशा में
अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी । अधिकतम आयु सीमा की गणना सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क 3-11/12/1/3, दिनाक 03.11.12 एव 20.11.12 के अनुसार की जाएगी ।
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(2) शैक्षणिक अर्हताएं.- अभ्यर्थी के पास अनुसूची-तीन में यथाविनिर्दिष्ट सेवा के लिए विहित शैक्षणिक
अर्हताए होनी ही चाहिए ।
परन्तु -
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(क) व्यावसायिक परीक्षा मण्डल अपवादिक मामलों में, सरकार के परामर्श से, उसकी सिफारिश पर किसी ऐसे अभ्यर्थी को अर्ह मान सकेगा, जिसके पास यद्यपि इन खण्ड में विहित अर्हताओं में से कोई अर्हता नहीं हो, किंतु जिसने अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित परीक्षाएं ऐसे उत्तर से उत्तीर्ण की हो जो व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की राय में अभ्यर्थी को परीक्षा / चयन में प्रवेश के लिए पात्र ठहराता हो
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(ख) ऐसे अभ्यर्थी जो अन्यथा अर्ह हैं, किंतु जिन्होंने ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों से उपाधि प्राप्त की हो, जो ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट रूप से मान्यता नहीं दी गई है, उन पर भी व्यावसायिक परीक्षा मण्डल --विवेक से चयन में उपस्थित होने के लिए विचार किया जा सकेगा
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(3) फीस.- अभ्यर्थी को व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा विहित की गई फीस का भुगतान करना होगा ।
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- निरर्हताएं- अभ्यर्थी की ओर से अपनी अभ्यर्थीता के लिए किसी भी साधन से समर्थन अभिप्राप्त करने के किसी भी प्रयास को व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा परीक्षा / चयन में उसके उपस्थित होने के लिए निरर्हता माना जा सकेगा ।
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(2) कोई भी अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा, जिसने विवाह के लिए नियत की गई न्यूनतम आयु से पूर्व विवाह कर लिया हो ।
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(3) कोई भी व्यक्ति जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हों जिनमे से एक का जन्म 26 जनवरी, 2001 को या उसके पश्चात् हुआ हो किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा
परन्तु कोई भी ऐसा अभ्यर्थी जिसकी पहले से ही एक जीवित संतान हो, तथा आगामी
प्रसव 26 जनवरी, 2001 को या उसके पश्चात् हुआ हो, जिसमें दो या दो से अधिक संतान का
जन्म होता है, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हित नही होगा ।
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(4) कोई भी अभ्यर्थी जिसे महिलाओं के विरूद्ध किसी अपराध का दोषसिद्ध ठहराया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा:
परन्तु जंहा किसी अभ्यर्थी के विरूद्ध न्यायालय मे ऐसे मामले लंबित है, तो उसकी नियुक्ति आपराधिक मामले का अन्तिम विनिश्चय होने तक लंबित रखी जाएगी |
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(5) पुरूष अभ्यर्थी जिसकी एक से अधिक जीवित पत्नियां हैं और महिला अभ्यर्थी के मामले में, जिसने ऐसे व्यक्ति से विवाह कर लिया है जिसकी पहले से ही जीवित पत्नी है, नियुक्ति के' लिए पात्र नहीं होगा / होगी ।
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- अभ्यर्थियों की पात्रता के संबंध में विभाग का विनिश्चय अंतिम होगा.- चयन में प्रवेश हेतु अभ्यर्थी की पात्रता अथवा अपात्रता के संबंध में आयोग का विनिश्चय अंतिम होगा और किसी भी ऐसे अभ्यर्थी को, जिसे व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा प्रवेश प्रमाण-पत्र जरी नहीं किया गया है, परीक्षा / साक्षात्कार में उपस्थित होने के लिए अनुज्ञात नही किया जाएगा ।
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- प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती.- (1) सेवा में भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा तथा साक्षात्कार ऐसे अंतरालों से ली जाएगी, जैसा कि सरकार मण्डल के परामर्श से, समय-समय पर अवधारित करे
(2) मण्डल द्वारा परीक्षा सरकार द्वारा समय- समय पर जारी आदेशो के अनुसार संचालित की जाएगी
(3) सीधी भर्ती के प्रकम पर अनुसूचित जातियों ' अनुसूचित जनजातियों के लिए 16 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत और अन्य पिछडे वर्गों के व्यक्तियों के लिए 14 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे । 6 प्रतिशत पद शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे ।
(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्त पदों को भरते समय अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्यों की नियुक्ति उसी क्रम में की जाएगी जिस कम में उनके नाम, नियम 12 में निर्दिष्ट सूची में आए हों चाहे अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका सापेक्षिक स्थान (रैंक) कुछ भी क्यों न हो ।
(5) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो से संबधित अभ्यर्थियों को जिन्हें व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा प्रशासन में दक्षता बनाए रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुए सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त घोषित किया जाए यथास्थिति, यथाउल्लिखित अनुसुचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियो के लिए आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्त किया जा सकेगा |
(6) यदि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियो तथा अन्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थी उनके लिए अरक्षित रिक्तियों को भरने के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो सकें तो शेष रिक्तियां सरकार की पूर्व अनुमति के बिना अन्य प्रवर्ग के अभ्यर्थियों से नहीं भरी जाएंगी और पद तब तक अग्रेषित नहीं किए जाएंगे, जब तक कि उपयुक्त अभ्यर्थी सेवा में उपलब्ध न हों ।
(7) ऐसी दशाओं में, जहां सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले पदों के लिए कुछ कालावधि का अनुभव आवश्यक शर्त के रूप में विहित किया गया है और नियुक्ति प्राधिकारी या सक्षम प्राधिकारी की राय में ऐसी संभावना पायी जाती है कि अनुसूचित जातियों, अनुभूति जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थीयों पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हो सकेंगे, तो नियुक्ति प्राधिकारी अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों के अनुभव की शर्त को शिथिल कर सकेगा ।
(8) सरकार द्वारा उपनियम (3) में यथाउल्लिखित निःशक्त व्यक्तियों के लिए पद आरक्षित रखे जाएंगे । आरक्षण समस्तर और प्रभागवार होगा ।
- चयन समिति द्वारा सिफारिश किए गए अभ्यर्थियों की सूची - (1) नियुक्ति प्राधिकारी उन अभ्यर्थियों की योग्यता के कम में एक सूची तैयार करेगा और प्रकाशित करेगा जो ऐसे स्तर से अर्ह हो जैसा कि नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अवधारित किया जाए तथा अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों तथा उज्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों की मूवी जो यद्यपि उस स्तर से अहित नहीं है किंतु जिन्हें प्रशासन में दक्षता बनाए रखने का समुचित ध्यान रखते हुए समिति द्वारा सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त घोषित किया गया हो योग्यता के कम में तैयार करेगा और सरकार को अग्रेषित करेगा और यह सूची सर्वसाधारण की जानकारी के लिए भी प्रकाशित की जाएगी ।
(2) इन नियमो तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा ( सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 उपबंधो के अध्ययधी रहते हुए अभ्यर्थि यों की नियुक्ति के लिए उसी क्रम में विचार किया जाएगा जिस क्रम में उनके नाम सूची में आए हो |
(3) सूखी में किसी अभ्यर्थी का नाम सम्मिलित हो जाने से उसे नियुक्ति 'के लिए तब तक कोई अधिकार प्राप्त नहीं हो जाता -जब तक कि नियुक्ति प्राधिकारी का, ऐसी जांच करने के पश्चात्, जैसी कि वह आवश्यक समझे, यह समाधान न हो जाए कि अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिए सभी प्रकार से उपयुक्त है ।
- सीमित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से लिपिकवर्गीय कर्मचारिवृन्द से सहायक ग्रामीण विकास अधिकारी हाथकरघा / कनिष्ठ ग्रामीण विकास अधिकारी हाथकरघा के पद पर चयन द्वारा सीधी भर्ती:- (1) हाथकरघा संचालनालय और उसके अधीनस्थ कार्यालयों के लिपिकवर्गीय कर्मचारिवृन्द के बीच में से चयन द्वारा सहायता ग्रामीण विकास अधिकारी, हाथकरघा / कनिष्ठ ग्रामीण विकास अधिकारी का पदभरने के लिए नियुक्ति प्राधिकारी उस समय तक वार्षिक रूप से पद धारण करेगा जैसा कि अनुसूची-पांच में लागू की गई स्कीम के अनुसार सीमित प्रतियोगी परीक्षा वह अवधारित करे ।
(2) ऐसी नियुक्ति के लिए उपलब्ध रिक्तियों के 16 प्रतिशत, 20 प्रतिशत तथा 14 प्रतिशत उन अभ्यर्थियों के लिए जो कमश: अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्य हैं, आरक्षित रखे जाएंगे ।
(3) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों की नियुक्ति हेतु उसी कम में विचार किया जाएगा जिस क्रम से उनके नाम उप नियम (1) में निर्दिष्ट सूची में आए हों, भले ही अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका सापेक्षिक रैंक कुछ भी क्यों न हो ।
(4) यदि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी उनके लिए आरक्षित सभी रिक्तियों को
भरने के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो तो शेष रिक्तिया राज्य सरकार की अनुज्ञा के बिना अन्य अभ्यर्थियों से नहीं भरी जाएंगी ।
(5) नियुक्ति हेतु सिफारिश किए गए उपयुक्त अभ्यर्थियों की सूची: - ऐसे अभ्यर्थियों की सूची जो ऐसे स्तर से अर्हित हों जैसा कि अनुसूची-पांच में अधिकथित है । योग्यता के क्रम मे क्रमांकित सूची तथा
अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों की सूची, जो यधपि उक्त स्तर से
अहित नहीं हैं किंतु जिन्हें प्रशासन मे दक्षता बनाए रखने का समुचित ध्यान रखते हुए नियुक्ति
प्राधिकारी द्वारा सेवा मे नियुक्ति हेतु उपयुक्त घोषित किया है, तैयार की जाएगी ।
(6) इन नियमों के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए उपलब्ध रिक्तियों पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए
उसी कम मे विचार किया जाएगा जिस क्रम मे उनके नाम सूची में आए हों ।
(7) सूची में किसी अभ्यर्थी का नाम सम्मिलित किए जाने से ही उसे तब तक नियुक्ति का कोई अधिकार
प्राप्त नहीं होता जब तक कि नियुक्ति प्राधिकारी का ऐसी जांच करने के पश्चात् जैसा कि वह आवश्यक
समझे, यह समाधान नहीं हो जाए कि अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिए सभी प्रकार से उपयुक्त है ।
- पदोन्नति द्वारा नियुक्ति.- (1) पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति के लिए चयन करने के लिए अनुसूची-चार में उल्लिखित सदस्यों को शामिल करते हुए एक समिति गठित की जाएगी :
(2) समिति ऐसे अंतराल से जैसा कि वह उचित समझे, बैठक लेगी लेकिन साधारणतया एक वर्ष से अंतराल अधिक न हो;
(3) पदोन्नति मे आरक्षण और विचारण के क्षेत्र की सीमा, मध्यप्रदेश सिविल सेवा पदोन्नति में आरक्षण
तथा विचारण क्षेत्र की सीमा नियम 1997 के उपबंधों के अनुसार और सामान्य प्रशासन विभाग में
सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार होगी ।
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- पदोन्नति के लिए पात्रता की शर्ते - (1) उपनियम (2) के उपबंधो के अध्यधीन रहते हुए, समिति उन सभी व्यक्तियो के मामलों पर विचार करेगी जिन्होंने उस वर्ष की 1 जनवरी को उस पद पर, जिससे कि पदोन्नति की जाना है, उतने वर्षों की सेवा (चाहे स्थानापन्न या मूल रूप से) राज्य सरकार द्वारा अनुभूती चार के कॉलम (3) में यथाविनिर्दिष्ट उनके समतुल्य घोषित पद या पदों पर पूर्ण कर ली हो और जो उपनियम (2) के अनुसार विचारण क्षेत्र में आते हों :
परंतु किसी कनिष्ठ व्यक्ति को, पदोन्नति के लिए केवल इस आधार पर उससे वरिष्ठ व्यक्तियों पर अधिमान नहीं, दिया जाएगा कि उसने सेवा की विहित कालावधि पूर्ण कर ली है ।
(2) अभ्यर्थियों की पदोन्नति के विचारण क्षेत्र के लिए मध्यप्रदेश पदोन्नति नियम, 2002 के उपबंध
यथावश्यक परिवर्तन सहित लागू होंगे ।
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- उपयुक्त व्यक्तियों की सूची का तैयार किया जाना - (1) विभागीय पदोर्नाते समिति, ऐसे व्यक्तियों की एक सूची तैयार करेगी जो ऊपर नियम 15 में विहित शर्तों को पूरा करते हों, और जिन्हें समिति द्वारा सेवा में पदोन्नति के लिए उपयुक्त समझा गया हो । यह सूची, चयन सूची तैयार किए जाने की तारीख से एके वर्ष के दौरान सेवानिवृत्ति / पदोन्नति के कारण होने वाली प्रत्याशित रिक्तियों को भरने के लिए पर्याप्त होगी । उक्त सूची में सम्मिलित किए गए व्यक्तियों की संख्या के 25 प्रतिशत व्यक्तियों की एक आरक्षित सूची पूर्वोक्त कालावधि के दौरान होने वाली अनपेक्षित रिक्तियों को भरने के लिए तैयार की जाएगी ।
(2) ऐसी सूची में नाम सम्मिलित करने लिए किया जाने वाला चयन वरिष्ठता का सम्यक रखते हुए
योग्यता तथा रानी दृष्टि से उपयुक्तता पर आधारित होगा ।
(3) ऐसा सूची को तैयार करते समय सूची में सम्मिलित किए गय व्यक्तियों के नाम अनुसूची-चार के कॉलम (2) में यथाविनिर्दिष्ट पदों पर वरिष्ठता के क्रम में रखे जाएंगे ।
स्पष्टीकरण - कोई व्यक्ति जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित किया गया हो, किंतु जो सूची की
विधिमान्यता के दौरान पदोन्नत न हुआ हो, केवल उसके पूर्ववर्ती चयन के तथ्य से ही उन व्यक्तियों के उपर जिन पर कि पश्चात्वर्ती चयन में विचार किया गया है, वरिष्ठता का कोई दावा नहीं करेगा ।
(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची प्रतिवर्ष पुनर्विलोकित तथा पुनरीक्षित की जाएगी ।
(5) यथारिशति, पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण प्रक्रिया दौरान यदि सेवा के किसी सदस्य को अधिक्रमित करना
प्रस्तावित किया जाता हो तो समिति, प्रस्तावित अधिक्रगण के लिए अपने कारणों को अभिलिखित
करेगी |
- चयन सूची. – (1) आयुक्त द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित सूची, अनुसूची चार के कालम (2) में उल्लिखित पदों से उक्त अनुसूची चार के कालम (3) मे उल्लिखित पदों पर सेवा के सदस्यों की पदोन्नति के लिए चयन सूची होगी ।
(2) चयन सूची सामान्यत: तब तक प्रवृत्त मे रहेगी जब तक कि उसका पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण नहीं कर लिया जाता, किन्तु उसकी विधिमान्यता उसके तैयार किए जाने की तारीख से 18 मास की कुकालावधि से अधिक नहीं बढाई जाएगी.
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- चयन सूची से सेवा में नियुक्ति –
(1) चयन रखी से पद या सेवा के संवर्ग पदों पर नियुक्ति, विहित रोस्टर के अधीन राज्य सरकार द्वारा द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 (क्रमांक 21 सन् 1994) के उपबंधो के साथ की जाएगी |
(2) किसी ऐसे व्यक्ति की जिसका नाम सेवा की चयन सूची में सम्मिलित है सेवा में नियुक्ति के पूर्व समिति से परामर्श करना सामान्यत: तब तक अवश्यक नहीं होगा, जब तक कि चयन सूची में उसका नाम सम्मिलित किए जाने और प्रस्तावित नियुक्ति की तारीख के बीच की कालावधि के दौरान उसके कार्य में ऐसी गिरावट न आई हो, जिससे कि वह नियुक्ति प्राधिकारी की राय में सेवा में नियुक्ति के लिए उसे अनुपयुक्त हो गया हो ।
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- परिवीक्षा पर नियुक्ती - सेवा में सीधी भर्ती किए गए प्रत्येक व्यक्ति को दो वर्ष की कालावधि के लिए परिवीक्षा पर नियुक्त किया जाएगा ।
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- पदक्रम सूची - इस कैडर के कर्मचारियों की पदक्रम सूची अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों के अनुसार की जाएगी । ऐसी सूची में कर्मचारियों के नाम सेवा में उनकी वरिष्ठता के अनुसार दर्शित किए जाएंगे ।
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- निर्वचन - यदि इन नियमों के निर्वचन के संबंध में कोई प्रश्न उद्भूत होता है तो वह सरकार को निर्दिष्ट किया जाएगा, जिसका उस पर विनिश्चय अन्तिम होगा ।
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- शिथिलीकरण - इन नियमों में की किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह ऐसे किसी व्यक्ति के मामले में, जिसे यह नियम लागू होते हैं, राज्यपाल की ऐसी रीति में, जो उसे न्यायसंगत तथा साम्यापूर्ण प्रतीत होती हो, कार्रवाई करने की शक्ति को सीमित या कम करती है :
परन्तु कोई मामला ऐसी रीति से नहीं निपटाया जाएगा जो इन नियमों मे उपबंधित रीति की अपेक्षा उस व्यक्ति के लिए कम अनुकूल हो ।
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- व्यावृत्ति.- इन नियमों में की कोई भी बात अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछडे वर्ग के लिए राज्य सरकार द्वारा, इस सबंध मै, समय-समय पर जारी किए गए आदेशों के अनुसार, उपबध किए जाने हेतु अपेक्षित आरक्षण तथा अन्य शर्तों को प्रभावित नहीं करेगी ।
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- निरसन तथा व्यावृत्ति - इन नियमों के तत्वथानी नियम और उनके प्रारंभ होने के ठीक पूर्व प्रवृत्त सभी नियम, इन नियमों कै अन्तर्गत आने वाले विषयों के सबंध मे, एतदद्वारा निरसित किए जाते हैं
परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन किए गए किसी आदेश या की गई किसी कार्रवाई के संबंध में यह समझा जाएगा कि वह इन नियमों के तत्थानी उपबंधों के अधीन किया गया आदेश या की गई कार्रवाई है ।
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अनुसूची - एक
( नियम 5 देखिए)
सेवा में सम्मिलित पद, सेवा का वर्गीकरण, वेतनमान
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अनुक्रमांक
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सेवा में सम्मिलित पदों के नाम
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पदों कि संख्या
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वर्गीकारण
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वेतनमान
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(1)
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(2)
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(3)
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(4)
|
(5)
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1
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ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
28
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित (अलिपिकवर्गीय) सेवा
|
9300+34800+3600
|
|
2
|
सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
30
|
-तदैव-
|
5200-20200+2400
|
|
3
|
कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकार (हाथकरघा)
|
35
|
-तदैव-
|
5200-20200+2100
|
|
4
|
ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
25
|
-तदैव-
|
9300-34800+3600
|
|
5
|
ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
30
|
-तदैव-
|
5200-20200+2800
|
|
6
|
ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
35
|
-तदैव-
|
5200-20200+2100
|
|
7
|
तकनीकी सहायक
|
15
|
-तदैव-
|
5200-20200+1900
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अनुसूची – दो
(नियम 6 देखिए)
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अनुक्रमांक
|
सेवा में सम्मिलित पदों के नाम
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पदों की कुल संख्या
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भरे जाने वाले पदों कि संख्या का प्रतिशत
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अन्य सेवाओं से स्थानांतरण यदि कोई हो नियम हए! देखिए।
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अभ्युक्ति
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|
सीधी भर्ती
द्वारा
[नियम 6 (1) (क) देखिए]
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पदोन्नति द्वारा [नियम 6 (1) (ख) देखिए]
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(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
(6)
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(7)
|
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित (अलिपिकवर्गीय) सेवा
|
|
|
|
|
|
|
1
|
ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
28
|
-
|
100 प्रतिशत
|
-
|
|
|
2
|
सहायक ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
30
|
40 प्रतिशत
*10 प्रतिशत
|
50 प्रतिशत
|
-
|
लिपिकवर्गीय काडर से
|
|
3
|
कनिष्ठ ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
35
|
90 प्रतिशत
*10 प्रतिशत
|
-
|
-
|
लिपिकवर्गीय काडर से
|
|
4
|
ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
25
|
-
|
100 प्रतिशत
|
-
|
-
|
|
5
|
सहायक ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
30
|
50 प्रतिशत
|
50 प्रतिशत
|
-
|
-
|
|
6
|
कनिष्ठ ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
35
|
85 प्रतिशत
|
15 प्रतिशत
|
-
|
-
|
|
7
|
तकनीकी सहायक
|
15
|
100 प्रतिशत
|
-
|
-
|
-
|
अनुसूची - तीन
( नियम 8 देखिए)
सीधी भर्ती हेतु आयु तथा पात्रता
|
विभाग का नाम
|
पद या सेवा का नाम
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न्यनतम आयु सीमा
|
न्यनतम म आयु सीमा
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न्यनतम शैक्षणिक अर्हता
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तकनीकी अर्हता तथा अनुभव
|
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित (अलिपिकीय) सेवा
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
(6)
|
|
1
|
सहायक ग्रामोधोग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविधालय से कला/वाणिज्य/विज्ञान विषयों में स्नातक
|
-
|
|
2
|
कनिष्ठ ग्रामोधोग विरत्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविधालय से कला/वाणिज्य/विज्ञान विषयों में स्नातक
|
-
|
|
3
|
कनिष्ठ ग्रामोधोग विरत्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
10+2 प्रणाली के अंतर्गत भौतिक शास्त्र / रसायन शास्त्र / गणित के साथ उच्चतर माध्यमिक (12वी) उत्तीर्ण होने चाहिए
|
1. टेक्सटाईल / बुनाई हाथकरघा प्रौधोगिकी में 3 वर्ष का डिप्लोमा
2. हाथकरघा कपड़ा मूल्यांकन का समान्य ज्ञान
|
|
4
|
कनिष्ठ ग्रामोधोग विरत्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
10+2 प्रणाली के अंतर्गत भौतिक शास्त्र / रसायन शास्त्र / गणित के साथ उच्चतर माध्यमिक (12वी) उत्तीर्ण होने चाहिए
|
1. बुनाई में 3 वर्ष का अनुभव
2. हाथकरघा कपड़ा मूल्यांकन का समान्य ज्ञान
|
|
5
|
तकनीकी सहायक
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
उच्चतर माध्यमिक (12वी) उत्तीर्ण होना चाहिए
|
हाथकरघा कपड़ा मूल्यांकन का समान्य ज्ञान
|
अनुसूची – चार
(नियम 13 देखिए)
|
विभाग का नाम
|
उस पद का नाम जिससे पदोन्नति कि जानी है |
|
उस पद का नाम जिस पर पदोन्नति कि जानी है |
|
पदोन्नति हेतु सेवा कि न्यूनतम कालावधि
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विभागीय पदोन्नति समिति के सदस्यों के नाम
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय अराजपत्रित (अलिपवर्गीय) सेवा
|
|
|
|
|
1.
|
सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) (निरीक्षक हाथकरघा)
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ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
5 वर्ष
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1. अतिरिक्त संचालक / संयुक्त संचालक ग्रामोद्योग (हाथकरघा / तकनीकी) – अध्यक्ष
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|
2. संयुक्त संचालक / उप संचालक ग्रामोद्योग (हाथकरघा / तकनीकी) – सदस्य
|
|
3. संयुक्त संचालक / उप संचालक ग्रामोद्योग (हाथकरघा / तकनीकी) प्रभारी स्थापना – सदस्य
|
|
4. अनुसूचित जातियों / अनुसूचित जनजातियों से संबंधित एक नामानिर्दष्ट सदस्य – सदस्य
|
|
2.
|
कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा)
|
5 वर्ष
|
तदैव
|
|
3.
|
सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
5 वर्ष
|
तदैव
|
|
4.
|
कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
5 वर्ष
|
तदैव
|
|
5.
|
तकनीकी सहायक
|
कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (तकनीकी)
|
5 वर्ष
|
तदैव
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अनुसूची – पांच
(नियम 13 देखिए)
हाथकरघा संचालनालय के लिपिकवर्गीय कर्मचारिवृन्द में से सीमित प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) / कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) के पदों को भरने की स्कीम
1 . शीर्षक - इस स्कीम का नाम हाथकरघा संचालनालय तथा उसके उप कार्यालयों के लिपिकवर्गीय
कर्मचारिवृन्द में से चयन द्वारा सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) / कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) के पदों को भरने की स्कीम है ।
2 . पात्रता - हाथकरघा संचालनालय के लिपिकवर्गीय कर्मचारिवृन्द के केवल ऐसे सदस्य इस योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे जो निम्नलिखित अर्हताएं रखते हों, अर्थात्: -
(क) जो हाथकरघा संचालनालय मे किसी लिपिकवर्गीय पद पर स्थायी या स्थानापन्न रूप से कम से कम 5 वर्षों से कार्य कर रहे हो, जो सहायक ग्रामोद्योग विरत्तार अधिकारी (हाथकरघा) / कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) के पद पर सीधी भर्ती के लिए अनुभूती तीन में विहित शैक्षणिक योग्यता रखते हों जिनकी आयु चयन किए जाने वाले वर्ष की 1 जनवरी को 40 (चालीस वर्ष) से अधिक न हो और अनूसूचित जातियों / अनुसूचित जनजातियों के कर्मचारिवृन्द के लिए 45 (पैंतालीस) वर्ष होगी ।
(ब) इस योजना के अधीन किसी भी व्यक्ति को परीक्षा में तीन बार से अधिक शामिल होने के लिए अनुज्ञात नहीं किया जाएगा ।
3 . चयन - नियुक्ति के लिए चयन (एक) इस स्कीम के अधीन ली गई लिखित परीक्षा में अभिप्राप्त अंको और (दो) संबंधित कर्मचारिवृन्द की पिछली पांच वर्ष की चरित्रावलियों के मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा ।
4 . परीक्षा - (एक) प्रत्येक वर्ष या ऐसे अंतरालों पर, ऐसी तारीख या तारीखों को तथा ऐसे स्थान या स्थानों पर जैसा कि नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा विनिश्चित किया जाए लिखित परीक्षा होगी ।
(दो) लिखित परीक्षा में प्रत्येक 50 अंक वाले दो प्रश्न पत्र होंगे, उत्तीर्ण होने के लिए किसी भी अभ्यर्थी को प्रत्येक प्रश्न पत्र में पृथक रूपने 50% अंक अभिप्राप्त करना होगा |
(तीन) नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा प्रश्न-पत्र तैयार कराए जाएंगे और जिनमें निम्नलिखित समावेशित होगा:-
प्रश्न-पत्र प्रथम - सामान्या हिन्दी का ज्ञान, सामान्य ज्ञान तथा प्रारंभिक अंकगणित
प्रश्न-पत्र द्वितीय - (1) शासकीय सेवा से संबंधित साधारण नियमों का ज्ञान
(2) हाथकरघा संचालनालय द्वारा उपयोग की जा रही शब्दावली का ज्ञान
(3) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 तथा उसके अधीन बनाए गए नियम तथा प्रवृत्त विभागीय योजनाएं ।
(चार) प्रश्न-पत्रों के लिए पाठ्यकम उपाबंध में दिए गए अनुसार होगा ।
(पांच) परीक्षा में शामिल होने के लिए केवल वे कर्मचारी पात्र होंगे जो उपरोक्त पैरा-2 में उल्लिखित अर्हताओं को पूरा करते हो । परीक्षा के लिए लिए नियत तारीख से कम से कम एक मास पूर्व नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा परीक्षा में शामिल होने की वांछा रखने वाले कर्मचारी में से आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे और केवल उनको जो शामिल होने के पात्र पाए जाएं परीक्षा की तारीख, समय तथा स्थान सूचित किया जाएगा ।
(छह) उत्तरपुस्तकाओं का मूल्यांकन, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा नामनिर्दिष्ट सबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा ।
(सात) ऐसे कर्मचारियों की पृथक से सूची तैयार की जायेगी जिन्होंने प्रश्नपत्रों में कुल अंकों का 50 प्रतिशत या अधिक अंक अभिप्राप्त किए हैं ।
5. चरित्रावली का मूल्यांकन करना तथा चयन की अंतिम सूची -
(एक) ऐसे कर्मचारियो के जिनके नाम उपर पैरा 4 (तीन) के अनुसार तैयार की गई सूची में है पांच वर्षों की गोपनीय चरित्रावली का मूल्यांकन अनुसूची चार के कॉलम (5) के अनुसार विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा किया जाएगा ।
(दो) ऐसे प्रत्येक कर्मचारी को प्रत्येक वर्ष की चरित्रायली के लिए 20 अंकों में से निम्नलिखित आधार पर अंक समनुदेशित किए जाएंगे: -
उत्कृष्ट / बहुत अच्छा .. .. .. 20
अच्छा .. .. .. 15
सामान्य .. .. .. 10
(तीन) 100 अंकों में से चरित्रावली के आधार पर प्रत्येक कर्मचारी को समनुदेशित किए गए अंक परीक्षा में उसके द्वारा अभिप्राप्त किए गए अंकों के सामने लिखे जाएंगे और अंकों का योग किया जाएगा
(चार) चयन की अंतिम सूची परीक्षा में और चरित्रावली के मूल्यांकन करने में अभिप्राप्त किए गए अंक के अनुसार तैयार की जाएगी । सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) / कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) के पदों पर लिपिकवर्गीय सेवा के लिए 10 प्रतिशत कोटा में नियुक्ति इस सूची में से उसी क्रमानुसार से की जाएगी, जिस क्रम मे उनके नाम आते हो,
(पांच) इस योजना के अधीन सहायक ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) / कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) के रूप मे नियुक्त किए गए लिपिकवर्गीय कर्मचारी की पारस्परिक वरिष्ठता उपर तैयार की गई चयन की अंतिम सूची में दी गई वरिष्ठता पर आधारित होगी|
6. परिवीक्षा - इस योजना के अधीन नियुक्त किया गया प्रत्येक कर्मचारी दो वर्ष के लिए परिवीक्षा पर रखा जाएगा । इस कालावधि के दौरान उस पद के लिए विहित किया गया प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा और विभागीय परीक्षा यदि विहित की जाए, उत्तीर्ण करना होगी यदि परिवीक्षा की कालावधि के दौरान किसी कर्मचारी को, सहायक ग्रामोद्योग विरत्तार अधिकारी (हाथकरघा) / कनिष्ठ ग्रामोद्योग विस्तार अधिकारी (हाथकरघा) के पद के लिए उपयुक्त नहीं पाया जाए तो उसको उसके मूल लिपिकवर्गीय पद पर प्रत्यावर्तित किया जा सकेगा, लिपिकवर्गीय पद पर प्रत्यावर्तित होने पर ऐसे प्रत्यावर्तित कर्मचारी की परिवीक्षा कालावधि के दौरान की गई सेवा की कालावधि लिपिकवर्गीय पद पर उसके द्वारा बिताई गई सेवा की कालावधि के रूप में समझी जाएगी ।
उपाबंध
प्रश्न पत्रों का पाठ्यक्रम
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प्रश्न पत्र एक
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प्रश्न पत्र दो
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(कुल अंक 50)
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(कुल अंक 50)
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(समय 2 - घण्टा)
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(समय 2 - घण्टा)
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(एक) सामान्य ज्ञान (15 अंक) सामयिक घटनाओं, भारतीय इतिहास, भारतीय भूगोल तथा संबंधित विषयों से संबंधित सामान्य जानकारी पर आधारित प्रश्न और मध्यप्रदेश के बारे में सामान्य जानकारी पर आधारित प्रश्न (केवल 3 प्रश्न)
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(एक) शासकीय सेवा नियमों का ज्ञान (20 अंक) वेतन, भत्ते अवकाश सामान्य भविष्य निधि योजना से संबंधित नियमों का प्रारंभिक ज्ञान । सेवा में भर्ती के नियमों का ज्ञान, शासकय सेवकों के आचरण से संबधित नियमों का ज्ञान (3 प्रश्न)
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(दो) सामान्य हिन्दी (15 अंक) समान शब्दों में भिन्नता, निबंध, किसी विषय पर लगभग 150 (विचारों की अभिव्यक्ति) पर आधारित संक्षिप्त प्रश्न
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(दो) शब्दावली का ज्ञान (15 अंक) विभिन्न पदनामों और विभाग की शब्दावली, जिसका विशिष्ट अर्थ होता है । जिसके ज्ञान की दिन प्रतिदिन के कार्यकलापों में आवश्यकता होती है, का सामान्य ज्ञान ।
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(तीन) प्रारंभिक अंकगणित (20 अंक) गुणा, भाग दशमलव, भिन्न, प्रतिशत, हानि और लाभ औसत, क्षेत्र आयतन, समानुपातिक अनुपात (4 प्रश्न)
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(तीन) विभागों से संबंधित नियमों का ज्ञान मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 तथा उसके बनाए गए नियमों में प्रवृत्त विभागीय योजनाओं का ज्ञान (15 अंक)
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