मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय लिपिकवर्गीय) अराजपत्रित सेवा भर्ती नियम , 2015
क्र.एफ 1-42-2013-बावन- 1.-
भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, मध्यप्रदेश के राज्यपाल, एतदद्वारा, मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय के अराजपत्रित लिपिकवर्गीय) सेवा के सदस्यों की भर्ती तथा सेवा शर्तों से संबंधित निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात्
- संक्षिप्त नाम तथा प्रारंभ - (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय (लिपिकवर्गीय) अराजपत्रित सेवा भर्ती नियम, 2015 है ।
(2) ये नियम “मध्यप्रदेश राजपत्र” मे इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे ।
2. परिभाषाएं :- इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, -
(क) सेवा के संबध में “नियुक्ति प्राधिकारी” से अभिप्रेत है आयुक्त / संचालक हाथकरघा एवं हस्तशिल्प या उसका अधीनस्थ कोई अधिकारी जिसे सरकार ब्दारा सेवा या पद पर नियुक्त करने के अधिकार प्रत्यायोजित किए गए है ।
(ख) “मण्डल” से अभिप्रेत है, व्यावरनायिक परीक्षा मण्डल, भोपाल;
(ग) “समिति” से अभिप्रेत है नियम 13 के अधीन गठित चयन समिति / विभागीय पदोन्नति समिति;
(घ) “परीक्षा” से अभिप्रेत है नियम 11 में विनिर्दिष्ट चयन के लिए संचालित करने हेतु प्रतियोगिता परीक्षा;
(ङ) “सरकार” से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश सरकार,
(च) “राज्यपाल” से अभिप्रेत है, मध्यप्रदेश के राज्यपाल,
(छ) “अन्य पिछड़ा वर्ग” से अभिप्रेत है, राज्य सरकार द्वारा, समय-समय पर यथासंशोधित अधिसूचना क्र. एफ-8-5-पच्चरिन-4-84 दिनांक 26.09.1984 द्वारा विनिर्दिष्ट नागरिकों के अन्य पिछडा वर्ग
(ज) “अनुसूची” से अभिप्रेत है, इन नियमों से संलग्न अनुसूची;
(झ) “अनुसूचित जाति” से अभिप्रेत है, कोई जाति, मूलवंश या जनजाति अथवा जाति, मूलवंश या जनजाति का भाग या उसमें का यूथ जिसे भारत. के संविधान के अनुच्छेद 341 के अधीन मध्यप्रदेश राज्य के संबंध में अनुसूचित जातियों के रुप में विनिर्दिष्ट किया गया है
(ञ) “अनुसचित जनजाति” से अभिप्रेत है, कोई जनजाति या जनजाति. समुदाय अथवा ऐसी जनजाति या जनजाति समुदाय का भाग या उसमें का यूथ जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अधीन मध्यप्रदेश राज्य के संबंध में अनुसूचित जनजातियों के रुप में विनिर्दिष्ट किया गया है;
(ट) सेवा से अभिप्रेत है, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प अराजपत्रित (लिपिक वर्गीय) सेवा,
(ठ) “राज्य” से अभिप्रेत है, मध्यप्रदेश राज्य ।
3. विस्तार तथा लागू होना - मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 में अन्तर्विष्ट उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ये नियम अनुसूची-एक में यथाउल्लेखित सेवा के प्रत्येक सदस्य पर लागू होंगे ।
4. सेवा का गठन - सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति सम्मिलित होंगे, अर्थात् :-
(1) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारंभ होने पर, अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों को मूल राप से अथवा स्थानापन्न रुप से धारण कर रहे हों
(2) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारंभ होने से पूर्व, सेवा मे भर्ती किए गए हो;
(3) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के उपबंधों के अनुसार सेवा में भर्ती किए गए हों ।
5. वर्गीकरण, वेतनमान तथा पदों की संख्या - (1) सेवा का वर्गीकरण, उससे संलग्न वेतनमान तथा सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या, अनुसूची-एक में अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार होगी
परन्तु सरकार, समय-समय पर, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या में या तो स्थायी या
अस्थायी आधार पर वृद्धि या कमी कर सकेगी ।
(2) सेवा के सदस्य वित्त विभाग के परिपत्र दिनौक 24.01.2008 एवं समय समय पर वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अधीन समयमान वेतनमान के पात्र होंगे ।
6 भर्ती का तरीका - (1) इन नियमों के प्रारंभ होने के पश्चात्, सेवा में भर्ती निम्नलिखित तरीकों से की जाएगी, अर्थात् –
(क) प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा;
(ख) अनुसूची-वार के कालम (2) में यथाविनिर्दिष्ट सेवा के सदस्यों की पदोन्नति द्वारा.
(ग) ऐसे व्यक्तियों के स्थानांतरण द्वारा जो ऐसी सेवा मे ऐसे पद मूल रुप से या स्थानापन्न रुप से धारण कर रहे हों, जैसा कि राज्य सरकार ब्दारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाए ।
(2) उपनिययम (1) के खण्ड (ख) अथवा खण्ड (ग) के अधीन भर्ती किए गए व्यक्तियों की संख्या, किसी भी समय अनुसची-एक में यथाविनिदिष्ट पदों की संख्या के अनुसूची-हों में दर्शाए गए प्रतिशत से किसी भी समय अधिक नहीं होगी.
(3) इन नियमों के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, जिन्हें सेवा में किसी विशेष रिक्ति या रिक्तियों को जिन्हें भर्ती की किसी विशिष्ट कालावधि के दौरान भरा जाना अपेक्षित हो, भरने के प्रयोजन के लिए अपनाया जाने वाला भर्ती का तरीका या तरीके तथा प्रत्येक तरीके द्वारा भर्ती किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या, प्रत्येक अवसर पर, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अवधारित की जाएगी
(4) उपनियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए, यदि नियुक्ति प्राधिकारी की राय में, सेवा की आवश्यकतओं को देखते हुए, ऐसा करना अपेक्षित हो, तो नियुक्ति प्राधिकारी, सामान्य प्रशासन विभाग की पूर्व सहमति से, उक्त उपनियम में विनिर्दिष्ट सेवा में भर्ती के तरीकों से भिन्न ऐसे अन्य तरीके अपना सकेगा, जो इस निमित्त जारी किए गए आदेश द्वारा विहित किए जाएं ।
7. सेवा में नियुक्ति - इन नियमों के प्रारंभ होने के पश्चात, सेवा में समस्त नियुक्तियां, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा की जाएंगी और ऐसी कोई भी नियुक्ति, नियम 6 में विनिर्दिष्ट भर्ती के तरीकों में से किसी एक तरीके द्वारा चयन करने के पश्चात् ही की जाएगी, अन्यथा नहीं ।
8. सीधी भर्ती के लिये पात्रता की शर्ते - प्रतियोगिता परीक्षा के लिये पात्र होने हेतु अभ्यर्थी को निम्नलिखित शर्ते पूरी करनी होगी, अर्थात् :-
(1) आयु:- (क) उसने परीक्षा प्रारंभ होने की तारीख के ठीक आगामी पहली जनवरी को, अनुसूची-तीन के कॉलम (3) में यथाविनिर्दिष्ट आयु पूरी कर ली हो, किन्तु उक्त अनुसूची के कॉलम (4) में यथाविनिर्दिष्ट आयु पूर्ण नहीं की हो;
(ख) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़ा वर्गों के अभ्यर्थियों के लिये उच्चतर आयु सीमा अधिकतम पांच वर्ष तक शिथिलनीय होगी;.
(ग) उन अभ्यर्थियों के संबंध में, जो मध्यप्रदेश सरकार के कर्मचारी हैं या कर्मचारी रह चुके हैं, उच्चतर आयु सीमा नीचे विनिर्दिष्ट की गई शर्तों तथा सीमा के अध्यधीन रहते हुए शिथिलनीय होगी;
(एक) ऐसा अभ्यर्थी, जो स्थायी शासकीय सेवक हो, 45 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए;
(दो) ऐसा अभ्यर्थी, जो अस्थायी शासकीय सेवक हो तथा किसी दूसरे पद के लिए आवेदन कर रहा हो, 45 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए यह रियायत, आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारियों और परियोजना कार्यान्वयन समिति में कार्यरत कर्मचारियों को भी अनुलेय होगी;
(तीन) ऐसे अभ्यर्थी को, जो छंटनी किया गया सरकारी सेवक हो, उसे अपनी आयु मेँ से उसके द्वारा पूर्व में की गई सम्पूर्ण अस्थायी सेवा की अधिकतम सात वर्ष की सीमा तक की कालावधि, भले ही वह कालावधि एक से अधिक बार की गई सेवाओं का योग हो, कम करने के लिये अनुज्ञात किया जाएगा, बशर्ते कि इसके परिणामस्वरूप जो आयु निकले वह उच्चतम आयु सीमा से पांच वर्ष से अधिक न हो.
स्पष्टीकरण - पद “छंटनी किया गया शासकीय सेवक” से द्योतक है ऐसा व्यक्ति जो इस राज्य की अथवा किसी भी संघटक इकाई की अस्थाई शासकीय सेवा में कम से कम छह माह की कालावधि तक निरंतर रहा हो और जिसे रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराने अथवा शासकीय सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन करने की तारीख से अधिक से अधिक तीन .वर्ष पूर्व स्थापना में कमी किए जाने के कारण सेवोंमुक्त किया गया है ।
(चार) ऐसे अभ्यर्थी को, जो भूतपूर्व सैनिक हैं, अपनी आयु में से उसके द्वारा पूर्व में की गई संपूर्ण प्रतिरक्षा सेवा की कालावधि कम करने के लिये अनुज्ञात किया जाएगा, बशर्ते कि इसके परिणामस्वरुप जो आयु निकले वह उच्चतम आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो.
स्पष्टीकरण - पद “भूतपूर्व सैनिक” से द्योतक है, ऐसा व्यक्ति, जो निम्नलिखित प्रवर्गो में से किसी एक प्रवर्ग में रहा हो तथा जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छह मास की निरन्तर कालावधि तक नियोजित रहा था तथा जिसकी किसी भी रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने अथवा सरकारी सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन करने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व, मितव्ययिता इकाई की सिफारिशों के फलस्वरुप अथवा स्थापना में सामान्य रुप से कमी किए जाने के कारण छंटनी की गई थी अथवा जो अतिशेष सरप्लस घोषित किया गया हो :-
(1) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिसे सेवानिवृत्ति रियायतों (मस्टरिग आउट कन्सेशन) के अधीन
निर्मुक्त्त कर दिया गया हो;
(2) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें दूसरी बार नामांकित किया गया हो, और
(क) अल्पकालीन वचनबंध अवधि पूर्ण हो जाने पर;
(ख) भर्ती संबधी शर्ते पूर्ण कर लेने पर सेवोन्मुक्त कर दिया गया हो
(3) मद्रास सिविल इकाई (यूनिट) के भूतपूर्व कार्मिक.
(4) ऐसे अधिकारी, (सैनिक तथा असैनिक) (जिसमें अल्पावधि सेवा मे नियमित कमीशन प्राप्त अधिकारी भी शामिल है) जो उनकी संविदा पूरी होने पर सेवोन्मुक्त किए गए हो
(5) ऐसे अधिकारी, जिन्हें अवकाश रिक्तियों पर छह मास से अधिक समय तक निरन्तर कार्य करने के पश्चात् सेवोन्मुक्त किया गया हो
(6) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें अशक्त होने के कारण सेवा से अलग कर दिया गया हो,
(7) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें इस आधार पर सेवोन्मुक्त किया गया हो कि वे दक्ष सैनिक बनने के योग्य नहीं रहे
(8) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें गोली लग जाने के परिणाम स्वरुप घाव हो जाने आदि के कारण
चिकित्सीय आधार पर सेवा से अलग कर दिया हो ।
(पांच) अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन कार्यकम के अधीन किसी दम्पत्ति के पुरस्कृत सवर्ण पति/पत्नी के मामले में उच्चतम आयु सीमा पांच वर्ष तक शिथिलनीय होगी,
(छह) विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों के संबध में, सामान्य उच्चतम आयु सीमा पाँच वर्ष तक शिथिलनीय होगी
(सात) विक्रम पुरस्कार धारक अभ्यर्थियों के मामले में, उच्चतम आयु सीमा पांच वर्ष तक शिथिलनीय होगी.
(आठ) ऐसे अभ्यर्थियों के संबंध मे, जो मध्यप्रदेश राज्य निगम / मण्डल के कर्मचारी हैं, उच्चतम आयु सीमा 45 वर्ष तक शिथिलनीय होगी
(नौ) उन अभ्यर्थियों के लिये, जो परिवार कल्याण कार्यक्रम के अधीन ग्रीनकार्ड धारक हैं, उच्चतम आयु सीमा दो वर्ष तक शिथिलनीय होगी
(दस) नगर सेना (होम गार्डस) के स्वयंसेवी नगर सैनिकों एवं नॉन-कमीशन्द्व अधिकारियों के में, उनके द्वारा की गई नगर सेवा की कालावधि के लिए सामान्य उच्चतम आयु सीमा तीन वर्ष की सीमा के अध्यधीन रहते हुए शिथिल होगी. किन्तु किसी भी दशा में उनकी आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी
टिप्पणी : (1) ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें उपर्युक्त नियम 8 के उप नियम (1) के खण्ड ग) के उप खण्ड (एक)
तथा (दो) में उल्लिखित आयु संबंधी रियायतों के अधीन परीक्षा / चयन के लिये प्रवेश में दिया गया हो, यदि आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् परीक्षा से पहले या उसके बाद सेवा से त्याग-पत्र देते है तो नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे. तथापि, यदि आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् उनकी सेवा अथवा पद से छंटनी की जाती है तो वे पात्र बने रहेंगे. किसी भी अन्य मामले में ये आयु सीमाएं शिथिल नहीं की जाएंगी ।
(2) इस खण्ड में उपबंधित समस्त रियायतें सम्मिलित करते हुए समस्त श्रेणियों में अधिकतम आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी. अधिकतम आयु सीमा की गणना सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र सी-3-11/12/1/3, दिनांक 03.11.2012 तथा दिनांक 20-11-2012 के अनुसार होगी,
(3) विभागीय अभ्यर्थियों को चयन में उपस्थित होने के लिये अपने नियुक्ति प्राधिकारी से पूर्व अनुज्ञा प्राप्त करना होगी.
(2) शैक्षणिक अर्हताएं.- अभ्यर्थी के पास, अनुसूची-तीन के कॉलम (5) में दर्शाई गई निर्धारित शैक्षणिक
अर्हता होनी चाहिए ।
(3) फीस- अभ्यर्थी को व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा निर्धारित फीस का भुगतान करना होगा.
9. निरर्हता - (1) किसी अभ्यर्थी की ओर से अपनी अभ्यर्थिता के लिये किसी भी साधनों से समर्थन प्राप्त करने के लिये किसी भी प्रयास को, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा परीक्षा चयन में उसके उपस्थित होने के लिए निरर्हित माना जा सकेगा ।
(2) कोई अभ्यर्थी, सेवा में नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा जिसने विवाह के लिये न्यूनतम आयु से पूर्व विवाह कर लिया हो
(3) कोई व्यक्ति, जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हों, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी,
2001 को या उसके पश्चात् हुआ हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नही होगा:
परंतु कोई भी अभ्यर्थी, जिसकी पहले से ही एक जीवित संतान है तथा आगामी प्रसव 26 जनवरी, 2001 को या उसके पश्चात हुआ हो, जिसमें दो या दो से अधिक संतान का जन्म होता है, किसी सेवा में या पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हित नही होगा
(4) कोई अभ्यर्थी, जो महिलाओं के विरूद्ध किसी अपराध का दोषसिद्ध ठहरा दिया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा:
परन्तु यदि उसके विरूद्ध किसी न्यायालय में ऐसा मामला लंबित है, तो उसकी नियुक्ति को आपराधिक मामले के अंतिम विनिश्चय तक लंबित रखा जायेगा.
(5) कोई पुरूष अभ्यर्थी, जिसकी एक से अधिक जीवित पत्नियां हैं और किसी ऐसी महिला अभ्यर्थियों के मामले में, जिसने ऐसे व्यक्ति से विवाह कर लिया है, जिसकी पहले से ही जीवित पत्नी है, सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा / होगी
10. अभ्यर्थी की पात्रता के संबंध मे व्यवसायिक परीक्षा मण्डल का विनिश्चय अंतिम होगा.- चयन के
लिये प्रवेश हेतु अभ्यर्थी की पात्रता या अन्यथा के संबंध में व्यवसायिक परीक्षा मण्डल का विनिश्चय अंतिम होगा और किसी भी ऐसे अभ्यर्थी को, जिसे व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा प्रवेश प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है, परीक्षा / साक्षात्कार में उपस्थित होने के लिये अनुज्ञात नहीं किया जाएगा एवं रिक्त पदों की पूर्ति राज्य शासन की पूर्व अनुमति के बगैर अन्य अभ्यर्थियों से नहीं की जायगी ।
11. प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती - (1) सेवा में भर्ती के लिए चयन / प्रतियोगिता परीक्षा ऐसे अंतरालों से ली जाएगी, जैसा कि आयुक्त / संचालक हाथकरघा, समय-समय पर व्यवसायिक परीक्षा मण्डल की सलाह से अवधारित करे,
(2) परीक्षा व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा ऐसे आदेशों के अनुसार संचालित की जाएगी जैसा कि आयुक्त / संचालक, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प समय-समय पर, मण्डल की सलाह से जारी करें.
(3) सीधी भर्ती के लिए उपलब्ध रिक्तियों के 16 .प्रतिशत, 20 प्रतिशत तथा 14 प्रतिशत स्थान क्रमश: ऐसे अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगे जो क्रमश: अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्य हैं. यह आरक्षण होरोजेन्टल (क्षैतिज) होगा.
(4) मध्यप्रदेश लोकसेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 कमांक 21 सन् 1994) में अन्तर्विष्ट उपबंधों के अनुसार तथा एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी आदेशों के अनुसार सीधी भर्ती के प्रकम पर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो के लिए पद आरक्षित रखे जाएंगे ।
(5) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय उन अभ्यर्थियों की, जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो के सदस्य हैं, नियुक्ति पर विचार उसी क्रम में किया जायेगा, जिस क्रम में उनके नाम नियम 12 में निर्दिष्ट सूची में आए हों, चाहे अन्य अभ्यर्थियों की तुलना मे उनका सापेक्षिका स्थान रैंक कुछ भी क्यो न हो
(6) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के उन अभ्यर्थियों को, जिन्हें प्रशासन में दक्षता बनाए रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुए मण्डल द्वारा सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त समझा गया हो, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गो के अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्त किया जा सकेगा,
(7) यदि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी उनके लिये आरक्षित रिक्तियों को भरने के लिये पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो तो शेष रिक्तियां राज्य सरकार अनुज्ञा के बिना अन्य अभ्यर्थियों से नहीं भरी जाएगी तथा यह रिक्तियां अगले चयन के लिए अनुसूचित जातियों' अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो के अभ्यर्थियों के लिए रिक्त रखी जाएंगी ।
(8) परिपत्र कमांक 08-5/04/अ.प्र./एक दिनांक 31.05.2005 के अनुसार तृतीय श्रेणी संवर्ग के निःशक्तजनों के लिये अस्थिबाधित 2 प्रतिशत, दृष्टिबाधित 2 प्रतिशत तथा श्रवण बाधित 2 प्रतिशत) आरक्षित रखी जाएंगी । आरक्षण पद्धति होरिजेंटल तथा कम्पार्टमेन्ट वाईज होगा । इस आरक्षण के अधीन नियुक्त किए गए अभ्यर्थियों को 100 बिन्दु संबंधित प्रवर्ग रोस्टर के समक्ष दर्शाया जायेगा ।
12. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा सिफारिश किए गए अभ्यर्थियों की सूची-
(1) मण्डल, उन अभ्यर्थियों की योग्यताक्रम में एक सूची, जो ऐसे २त्तर से अहित हों जैसा कि मण्डल अवधारित करे तथा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो के उन अभ्यर्थियों की सूची, जो यद्यपि उस स्तर से अहित नहीं हैं या जिन्हें प्रशासन में दक्षता बनाए रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुए, मण्डल द्वारा सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त घोषित किया गया है, तैयार करेगा तथा नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रेषित करेगा. यह सूची सर्वसाधारण की जानकारी के लिए भी प्रकाशित की जाएगी,
(2) इन नियमों तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें)नियम, 1961 के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हए, उपलब्ध रिक्तियों पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए उसी क्रम में विचार किया जाएगा जिस क्रम में उनके नाम सूची में आए हों । नियुक्ति ऐसे रोस्टर से नियमों के अनुसार की जायेगी ।
(3) सूची में किसी अभ्यर्थी का नाम सम्मलित किए जाने से ही उसे नियुक्ति का कोई अधिकार तब तक प्राप्त नहीं होता, जब तक कि नियुक्ति प्राधिकारी ऐसी जाँच करने के पश्चात, जैसी कि वह आवश्यक समझे, यह समाधान नहीं हो जाए कि अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिये सभी प्रकार से उपयुक्त है
(4) नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व नियुक्ति प्राधिकारी को अभ्यर्थी का चरित्र प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा
(5) चयन मूवी मण्डल द्वारा उसके जारी किये जाने कि तारीख से एक वर्ष की कालावधि के लिये विधिमान्य रहेगी. जिसकी अवधि आगामी 6 माह तक मण्डल की सहमति से बढ़ाई जा सकेगी
13 पदोन्नति द्वारा नियुक्ति -
(1) पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति हेतु प्रारम्भिक चयन करने के लिये अनुसूची-चार में उल्लेखित सदस्यों से मिलकर एक समिति गठित की जाएगी :
परंतु यदि पदोन्नति द्वारा भरे जाने वाले पदो के संबंध में विभागीय पदोन्नति
समिति की अध्यक्षता करने वाले सदस्यों से भिन्न नामनिर्दिष्ट सदस्यों में से कोई सदस्य अनुसूचित जातियों या अनुरक्षित जनजातियों के प्रवर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं करता है तो उसी प्रास्थिति का अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग का एक सदस्य विभागीय पदोन्नति समिति में सम्मिलित किया जाएगा और विभागीय पदोन्नति समिति की सदस्य संख्या उस सीमा तक बढ़ाई जाएगी
(2) विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक ऐसे अंतरालों से होगी, जिसमें साधारणत: सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 02.06.2013 एवं दिनांक 12.05.2014 के अनुसार 06 माह से अधिक का अंतराल नही होगा
(3) अनुसूची-चार में विनिर्दिष्ट सेवा के सदस्यों की पदों पर पदोन्नति के लिए अभ्यर्थी की पात्रता, चयन प्रक्रिया तथा पदोन्नति द्वारा नियुक्ति, मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 में यथाविनिर्दिष्ट उपबंधों के अनुसार तथा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा, समय समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार होगी
14. पदोन्नति के लिये पात्रता संबंधी शर्ते.-
(1) उप नियम (2) के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, समिति, उन समस्त व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी, जिन्होंने उस वर्ष की जनवरी के प्रथम दिन को, उस पद पर जिससे पदोन्नति की जानी है या राज्य सरकार द्वारा उसके समतुल्य घोषित किए गए किसी अन्य पदों पर उतनें वर्षो की सेवा (चाहे स्थानापन्न रूप में या मूल रूप में) पूर्ण कर ली हो, जैसा कि अनुसूची-चार के कॉलम (4) में विनिर्दिष्ट है और जो उपनियम (2) के उपबंधों के अनुसार विचारण क्षेत्र में आते हों:
परंतु किसी कनिष्ठ व्यक्ति को वरिष्ठ से ऊपर केवल इस आधार पर अधिमान
नहीं दिया जाएगा कि उसने इस उपनियम में उल्लिखित विहित सेवा पूर्ण कर ली है
(2) पदोन्नति के लिए विचारण क्षेत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2००2 के उपबंध लागू होंगे ।
15. उपयुक्त अभ्यर्थियों की सूची तैयार करना –
(1) विभागीय पदोन्नति समिति, ऐसे व्यक्तियों की एक सूची तैयार करेगी, जो उपरोक्त नियम न 4 में विहित शर्तो को पूरा करते हों, और जो समिति द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002 के उपबंधों के अनुसार सेवा में पदोन्नति के लिये उपयुक्त समझे गए हो, यह सूची, चयन सूची तैयार करने की तारीख से एक्) वर्ष के दौरान सेवानिवृत्ति / पदोन्नति के कारण होने वाली प्रत्याशित रिक्तियों को भरने के .लिये पर्याप्त होगी । उक्त सूची में सम्मिलित व्यक्तियों की संख्या के 25 प्रतिशत व्यक्तियों की आरक्षित रखी भी पूर्वोक्त कालावधि के दौरान होने वाली अनवेक्षित रिक्तियों को भरने के लिए तैयार की जाएगी
(2) प्रत्येक चयन सूची के तैयार करते समय, सूची में सम्मिलित किए गए व्यक्तियों के नाम अनुसूची-चार के कालम (2) तथा विनिर्दिष्ट सेवा या पदों में ज्येष्ठता के क्रम में रखे जाएंगे
स्पष्टीकरण :- ऐसे व्यक्ति का, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित किया गया हो किन्तु जिन्हें सूची की विधिमान्यता के दौरान पदोन्नत नहीं किया गया हो, केवल उनके पूर्वतर चयन के आधार पर ही उन व्यक्तियों के ऊपर जिन पर पश्चात्वर्ती चयन सूची में विचार किया गया था, ज्येष्ठता का कोई दावा नहीं होगा ।
(3) यदि चयन, पुनर्विलोकन अथवा पुनरीक्षण की प्रक्रिया में यह प्रस्तावित हो कि सेवा के किसी सद२च का अधिक्रमण किया जाए, जो समिति प्रस्तावित अधिक्रमण के संबंध में अपने कारणों को लेखबद्ध करेगी
(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची का प्रत्येक वर्ष पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण किया जाएगा
1 6. चयन सूची.-
(1) नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अंतिम रूप से यथा अनुमोदित चयन सूची अनुसूवी-चार के कलम (2) में विनिर्दिष्ट किए गए पदों से उक्त अनुसूची के कॉलम (3) में विनिर्दिष्ट किए गए पदों पर सेवा के सदस्यों की पदोन्नति के लिये चयन सूची होगी
(2) चयन सूची जब तक कि नियम 15 के उपनियम (4) के अनुसार उसका पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण नही कर लिया जाता साधारणतया एक वर्ष की कालावधि के लिए प्रवृत्त रहेगी किन्तु उसकी विधिमान्यता उसे तैयार किये जाने की तारीख से 18 मास की कुल कालावधि से परे नहीं बढ़ाई जाएगी:
परन्तु चयन सूची में सम्मिलित किए गए किसी व्यक्ति की ओर से आचरण या कर्तव्यों के निवर्हन में कोई गंभीर चूक होने की दशा में, नियुक्ति प्राधिकारी की प्रेरणा पर, चयन सूची का विशेष पुनर्विलोकन किया जा सकेगा और समिति, ऐसे व्यक्ति का नाम चयन मूवी से हटा सकेगी, जैसा कि वह उचित समझे
17. चयन सूची से सेवा में नियुक्ति -
चयन सूची में सम्मिलित व्यक्तियों की सेवा के संवर्ग (केडर) के पदों पर नियुक्तियां वरिष्ठता क्रम तथा रोस्टर के अनुसार की जाएंगी, आरक्षित पद किसी अन्य संवर्ग से नहीं भरे जाएंगे ।
टिप्पणी - चयन सूची के लिए प्रक्रिया तथा उनकी पारस्परिक वरिष्ठता और रिक्त पद मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2002 तथा परिपत्र दिनांक 6-7-2002 के अनुसार अग्रनीत किए जाएंगे ।
18. परिवीक्षा - सेवा में के किसी संवर्ग में सीधी भर्ती किए गए प्रत्येक व्यक्ति को, दो वर्ष की कालावधि के लिए कच्छ-कहा पर नियुक्त किया जाएगा ।
19. निर्वचन - यदि इन नियमों के निर्वचन के संबंध में कोई प्रश्न उद्भूत होता है, तो वह सरकार को निर्दिष्ट किया जाएगा, जिस पर उसका विनिश्चय अंतिम होगा
20. शिथिलीकरण - इन नियमों में की किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति के मामले मे, जिसे ये नियम लागू होते हैं, राज्यपाल की, ऐसी रीति में, जो उसे न्यायसंगत तथा साम्यापूर्ण प्रतीत होती हो, कार्यवाही करने की शक्ति को सीमित या कम करती
परन्तु कोई मामला ऐसी रीति में नहीं निपटाया जाएगा जो कि इन नियमों में उपबंधित रीति की अपेक्षा उस व्यक्ति के लिये कम अनुकूल हो.
21. व्यावृत्ति - इन नियमों में की कोई भी बात राज्य सरकार द्वारा इस संबध में समय-समय पर बनाए गए नियमों या जारी किए गए अनुदेशों / आदेशों के अनुसार अनु२ह्यचइत जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो के लिए, उपबधित किए जाने वाले आरक्षण, शिथिलीकरण तथा अन्य शर्तो को प्रभावित नहीं करेगी
22. निरसन तथा व्यावृत्ति - इन नियमों के ततथानी और इन नियमों के प्रारंभ होने के ठीक पूर्व प्रवृत्त मध्यप्रदेश हाथकरघा अराजपत्रित लिपिकवर्गीय) सेवा भर्ती नियम, 1984 एतद्द्वारा, निरसित किए जाते हैं:
परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन किए गए किसी आदेश या की गई किसी कार्रवाई के संबंध में यह समझा जाएगा कि वह इन नियमों के तत्त्वानी उपबंधों के अधीन किया गया है या की गई है ।
अनुसूची-एक
(नियम 5 देखिए)
वर्गीकरण , वेतनमान तथा सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या
|
क्रमांक
|
सेवा में सम्मिलित पदों का नाम
|
पदों की संख्या
|
वर्गीकरण
|
वेतनमान
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
|
1
|
अधीक्षक
|
01
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा एवं संचालनालय अराजपत्रित (लिपिक वर्गीय)
|
9300-34800+3600
|
|
2
|
सहायक अधीक्षक
|
06
|
तदैव
|
9300-34800+3200
|
|
3
|
निज सहायक
|
04
|
तदैव
|
9300-34800+3600
|
|
4
|
शीघ्रलेखक
|
04
|
तदैव
|
5200-20200+2800
|
|
5
|
सहायक ग्रेड-एक
|
09
|
तदैव
|
5200-20200+2800
|
|
6
|
सहायक ग्रेड-दो
|
50
|
तदैव
|
5200-20200+2400
|
|
7
|
सहायक ग्रेड-तीन
|
58
|
तदैव
|
5200-20200+1900
|
|
8
|
स्टेनोटायपिस्ट
|
06
|
तदैव
|
5200-20200+1900
|
|
9
|
वाहन चालक
|
05
|
तदैव
|
5200-20200+1900
|
नोट :- लेखापाल / सहायक ग्रेड-दो को एक ही संवर्ग में रखे जाने के निर्णय के अनुक्रम में पूर्व में लेखापाल पद सहायक ग्रेड-दो से पदोन्नति का पद होने से लेखापाल पद पर पदस्थ कर्मचारियों की वरिष्ठता सहायक ग्रेड-दो के ऊपर निर्धारित होगी ।
अनुसूची-दो
(नियम 6 देखिए)
|
विभाग का नाम
|
सेवा में सम्मिलित पद का नाम
|
पदों की कुल संख्या
|
भरे जाने वाले पदों की संख्या की प्रतिशतता
|
अभियुक्ति
|
|
सीधी भर्ती द्वारा (नियम 6 (1) (क) देखिए)
|
सेवा के सदस्यों की पदोन्नति द्वारा (नियम 6 (1) (ख) देखिए)
|
अन्य सेवाओं से व्यक्तियों के अस्थाई स्थानांतरण द्वारा (नियम 6 (1) (ग) देखिए)
|
|
हाथकरघा
संचालनालय
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा संचालनालय अराजपत्रित
(लिपिकवर्गय सेवा)
|
|
|
| |
1. अधीक्षक
|
01
|
-
|
100 प्रतिशत
|
|
|
| |
2. सहायक अधीक्षक
|
06
|
-
|
100 प्रतिशत
|
|
|
| |
3. निज सहायक
|
04
|
-
|
100 प्रतिशत
|
|
|
| |
4. शीघ्रलेखक
|
04
|
50 प्रतिशत
|
50 प्रतिशत
|
|
|
| |
5. सहायक ग्रेड-एक
|
09
|
-
|
100 प्रतिशत
|
|
|
| |
6. सहायक ग्रेड-दो
|
50
|
-
|
100 प्रतिशत
|
|
|
| |
7. सहायक ग्रेड-तीन
|
58
|
75 प्रतिशत
|
25 प्रतिशत
|
|
चतुर्थ श्रेणी के अर्हतादायी कर्मचारियों की पदोन्नति द्वारा
|
| |
8. स्टेनोटयपिस्ट
|
06
|
100 प्रतिशत
|
-
|
|
|
| |
9. वाहन चालक
|
05
|
100 प्रतिशत
|
-
|
|
|
नोट :- लेखापाल / सहायक ग्रेड-दो को एक ही संवर्ग में रखे जाने के निर्णय के अनुक्रम में पूर्व में लेखापाल पद सहायक ग्रेड-दो से पदोन्नति का पद होने से लेखापाल पद पर पदस्थ कर्मचारियों की वरिष्ठता सहायक ग्रेड-दो के ऊपर निर्धारित होगी ।
अनुसूची-तीन
(नियम 8 देखिए)
सीधी भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों की आयु तथा अर्हताएं
|
विभाग का नाम
|
सेवा का नाम
|
न्यूनतम आयु सीमा
|
अधिकतम आयु सीमा
|
निर्धारीत शैक्षणिक अर्हताएं
|
अभियुक्ति
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
(6)
|
|
हाथकरघा संचालनालय
|
मध्यप्रदेश हाथकरघा संचालनालय अराजपत्रित (लिपिकवर्गीय) सेवा
|
|
|
|
| |
सहायक ग्रेड-तीन
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
1. 10+2 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत हायर सेकेण्डरी (12वी) की परीक्षा उत्तीर्ण
|
|
| |
|
|
|
2. मान्यताप्राप्त संस्था हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा 25 शब्द गति से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है
|
|
| |
|
|
|
निम्नलिखित मान्यताप्राप्त संस्थाओं में से किसी एक संस्था से कम्प्यूटर परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक हैं
|
|
| |
|
|
|
1. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त किसी विश्वविद्यालय से डिप्लोमा
|
|
| |
|
|
|
2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त - समस्त मुक्त विश्यविद्यालय से डिप्लोमा
|
|
| |
|
|
|
3. डी. ओ. ई. ए सी. सी. से डिप्लोमा स्तर परीक्षा
|
|
| |
|
|
|
4. शासकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय से मार्डन आफिस मेनेजमेंट कोर्स
|
|
| |
शीघ्रलेखक
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
1. 10+2 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत हायर सेकेण्डरी (12वीं) की परीक्षा उत्तीर्ण |
|
|
| |
|
|
|
1. शासन द्वारा मान्यताप्राप्त संस्था से हिन्दी शीघ्रलेखन 100 शब्द तथा मुद्रलेखन में कम से कम 35 शब्द प्रति मिनट गति से परीक्षा उत्तीर्ण
|
|
| |
|
|
|
निम्नलिखित मान्यताप्राप्त संस्थाओं में से किसी एक्) संस्था से कम्प्यूटर परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक हैं ।
1. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त किसी विश्वविद्यालय से डिप्लोमा
2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त समस्या मुक्त विश्यविद्यालय से डिप्लोमा
3. डी. ओई ए सी सी. से डिप्लोमा स्तर परीक्षा
4. शासकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय से मार्डन आफिस मेनेजमेंट कोर्स
|
|
| |
स्टेनोटायपिस्ट
|
18 वर्ष
|
40 वर्ष
|
1. 10+2 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत हायर सेकेंडरी (12वीं) की परीक्षा उत्तीर्ण |
|
|
| |
|
|
|
2. मान्यताप्राप्त संस्था से हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा 25 शब्द गति / अंग्रेजी मुद्रलेखन परीक्षा 30 शब्द गति से उत्तीर्ण होना अनिवार्य हैं
अ/आई.टी.आई. से 80 शब्द प्रति मिनट की गति से हिन्दी शीघ्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र अथवा
ब/मध्यप्रदेश शीघ्रलेखन एवं मुद्रलेखन परिषद् अथवा मान्यता प्रापत अन्य संस्था से 80 शब्द प्रति मिनट की गति से हिन्दी शीघ्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र; अथवा
|
|
| |
|
|
|
(1) विश्यविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त किसी विश्वविद्यालय से डिप्लोमा
(2) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त समस्त मुक्त विश्यविद्यालय से डिप्लोमा
(3) डी. ओ ई. ए सी. सी. से डिप्लोमा स्तर परीक्षा
(4) शासकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय से मार्डन आफिस मेनेजमेंट कोर्स
|
|
| |
|
|
|
1. 10+2 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत हायर सेकेण्डरी (12वीं) की परीक्षा उत्तीर्ण |
|
|
| |
|
|
|
2 . वाहन संचालन का वैध ड्रायविंग लायसेंस
|
|
अनुसूची-चार
(नियम 14 देखिए)
|
विभाग का नाम
|
उस सेवा या पद का नाम जिससे पदोन्नति की जानी हो
|
उस सेवा या पद का नाम जिस पद पर पदोन्नति की जानी हो
|
पदोन्नति के लिए सेवा की न्यूनतम अवधि
|
विभागीय पदोन्नति समिति के सदस्यों के नाम
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
|
हाथकरघा संचालनालय
|
|
|
|
1. अतिरिक्त संचालक / संयुक्त संचालक ग्रामोद्योग हाथकरघा / तकनीकी
- अध्यक्ष
2. संयुक्त संचालक / उप संचालक ग्रामोद्योग हाथकरघा / तकनीकी
- सदस्य
3. संयुक्त संचालक / उप संचालक ग्रामोद्योग स्थापन शाखा का भारसाधन
- सदस्य
|
|
1
|
सहायक अधीक्षक
|
अधीक्षक
|
05 वर्ष
|
तदैव
|
|
2
|
सहायक ग्रेड-एक
|
सहायक अधिक्षक
|
05 वर्ष
|
तदैव
|
|
3
|
सहायक ग्रेड-दो
|
सहायक ग्रेड-एक
|
05 वर्ष
|
तदैव
|
|
4
|
सहायक ग्रेड-तीन
|
सहायक ग्रेड-दो
|
05 वर्ष
|
तदैव
|
|
5
|
शीघ्रलेखक
|
निज सहायक
|
05 वर्ष
|
तदैव
|
|
6
|
स्टेनोटायपिस्ट
|
शीघ्रलेखक
|
05 वर्ष
|
तदैव
|
|
7
|
चतुर्थ श्रेणी भृत्य / चौकीदार
|
सहायक ग्रेड-तीन
|
05 वर्ष
|
तदैव
|