मध्य प्रदेश विमानन (अराजपत्रित) सेवा भर्ती नियम
,
1990
क्र०एफ० 1-29-83-पैतालीस--
भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को
प्रयोग में लाते हुए, मध्य प्रदेश के राज्यपाल, एतदद्वारा, मध्य प्रदेश
विमानन (अराजपत्रित) सेवा भरती तथा शर्तों को विनियमित करने के लिये
निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात्-
1.
संक्षिप्त नाम-
इन नियमों का संक्षिप्त नाम ''मध्य प्रदेश विमानन (अराजपत्रित) सेवा भरती
नियम, 1990 है ।
2
परिभाषाएं-
इन नियमों में जब तक सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो.-
(क) सेवा के सम्बन्ध में ''नियुक्ति प्राधिकारी'' से अभिप्रेत है विमानन
संचालक;
(ख) ''बोर्ड'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड;
(ग) ''परीक्षा'' से अभिप्रेत है इन नियमों के नियम 11 के अधीन सेवा में
भरती के लिये आयोजित की गई प्रतियोगी परीक्षा;
(घ) ''अनुसूची'' से अभिप्रेत है नियमों से संलग्न अनुसूची;
(ङ) ''अनुसूचित जाति'' से अभिप्रेत है कोई जाति, मूलवंश या जनजाति अथवा
किसी जाति, मूलवंश या जनजाति का भाग या उसमें का यूथ जो भारत के संविधान
के अनुच्छेद 341 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति
के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है;
(च) ''अनुसूचित जनजाति'' से अभिप्रेत है कोई जनजाति या जनजाति समुदाय अथवा
जनजाति या जनजाति समुदाय का भाग या उसमें का यूथ जो भारत के संविधान के
अनुच्छेद 342 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में अनुसूचित जनजाति
के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है;
(छ) ''सेवा'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश विमानन “अराजपत्रित'' सेवा ।
3. विस्तार तथा लागू होना-
मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 में
अन्तर्विष्ट उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ये नियम
सेवा के प्रत्येक सदस्य को लागू होंगे ।
4.
सेवा का गठन-
सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति होंगे, अर्थात्-
(1) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ के समय अनुसूची एक में
विनिर्दिष्ट पदों को मूल रूप से या स्थानापन्न हैसियत में धारण कर रहे
हों;
(2) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के पूर्व सेवा में भरती
किये गये हों; और
(3) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के उपबन्धों के अनुसार सेवा में भरती किये
जाएँ ।
5. वर्गीकरण
,
वेतनमान आदि-
सेवा का वर्गीकरण, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या और उनसे संलग्न
वेतनमान अनुसूची एक में अन्तर्विष्ट उपबन्ध के अनुसार होंगे :
परन्तु सरकार, समय-समय पर सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या में या तो
स्थायी आधार पर या अस्थायी आधार पर वृद्धि या कमी कर सकेगी ।
6.
भरती का तरीका-
(1) इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात्, सेवा भरती निम्नलिखित तरीकों
से की जावेगी, अर्थात्-
(क) प्रतियोगी परीक्षा या साक्षात्कार से चयन के अनुसार सीधी भरती द्वारा;
(ख) अनुसूची-चार के कालम (2) में यथाविनिर्दिष्ट सेवा के सदस्यों में से
पदोन्नति द्वारा;
(ग) ऐसे व्यक्तियों के स्थानान्तरण द्वारा, जो ऐसी सेवा में, ऐसे पद जैसा
इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाए मूल हैसियत में धारण करते हों ।
(2) उपनियम (1) के खण्ड (ख) या खण्ड (ग) के अधीन भरती किये गये व्यक्तियों
की संख्या अनुसूची एक में यथा-विनिर्दिष्ट कर्त्तव्य पदों की संख्या के उस
अनुसूची दो दर्शाये गये प्रतिशत से किसी भी समय अधिक नहीं होगी ।
(3) इन नियमों के उपबन्धों के अधीन रहते हुये, सेवा में किसी ऐसी विशिष्ट
रिक्ति या रिक्तियों को, जिसे या जिन्हें भरती की किसी विशिष्ट कालावधि के
दौरान भरा जाना अपेक्षित है, भरे जाने के प्रयोजन के लिए अपनाया जाने वाला
तरीका या तरीके और प्रत्येक तरीके से भरती किए जाने वाले व्यक्तियों की
संख्या प्रत्येक अवसर पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा, सरकार के परामर्श
से, अवधारित की जाएगी ।
(4) उपनियम (1) अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, यदि नियुक्ति
प्राधिकारी की राय में सेवा की अत्यावश्यकताओं के कारण ऐसा करना अपेक्षित
हो, तो वह (प्रशासकीय विभाग के माध्यम से) सरकार के अनुमोदन के पश्चात्
तथा सामान्य प्रशासन विभाग की पूर्व सहमति से उक्त उपनियम में विनिर्दिष्ट
की गई सेवा में भरती के तरीकों से भिन्न ऐसे तरीकों को अपना सकेगा,
जिन्हें वह इस सम्बन्ध में जारी किये गये आदेश द्वारा विहित करें ।
7.
सेवा में नियुक्ति
- इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात् सेवा में समस्त नियुक्तियाँ
नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा की जायेंगी और ऐसी कोई भी नियुक्ति नियम 6 में
विनिर्दिष्ट भरती के तरीकों में से किसी एक तरीके द्वारा चयन करने के बाद
ही की जाएगी अन्यथा नहीं ।
8.
सीधी भरती के लिए पात्रता की शर्ते -
चयन किये जाने के लिए पात्र होने हेतु अभ्यर्थी को निम्नलिखित शर्तें पूरी
करनी होगी, अर्थात्-
(एक) आयु (क) उसने परीक्षा/चयन के प्रारम्भ की तारीख की आगामी जनवरी के
प्रथम दिन की अनुसूची तीन के कालम (3) में यथा-विनिर्दिष्ट आयु पूरी कर ली
हो तथा उक्त अनुसूची के कालम (4) में विनिर्दिष्ट आयु पूरी न की हो;
(ख) यदि अभ्यर्थी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का हो तो अधिकतम आयु
सीमा में अधिक से अधिक 5 वर्ष की छूट दी जाएगी;
(ग) उन अम्यर्थियों के सम्बन्ध में, जो मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी हों
तो कर्मचारी रह चुके हों, नीचे विनिर्दिष्ट सीमा तक तथा शर्तों के अधीन
रहते हुये अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जायेगी ।
(एक) ऐसा अभ्यर्थी जो अस्थायी सरकारी सेवक हो, 38 वर्ष से अधिक आयु का
नहीं होना चाहिये ।
(दो) ऐसा अभ्यर्थी जो अस्थायी शासकीय सेवक हो तथा किसी अन्य पद के लिये
आवेदन कर रहा हो, 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिये यह रियायत
आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारियों
तथा परियोजना कार्यान्वयन समितियों में कार्य कर रहे कर्म- चारियों को भी
अनुज्ञेय होगी ।
(तीन) ऐसा अभ्यर्थी जो छटनी किया गया सरकारी कर्मचारी हो, अपनी आयु में से
उसके द्वारा पूर्व में की गई सम्पूर्ण अस्थायी सेवा की 7 वर्ष की अधिकतम
सीमा तक की कालावधि, भले ही वह कालावधि एक से अधिक बार की गई सेवाओं का
योग हो कम करने के लिये अनुज्ञात किया जाएगा, बशर्ते कि इसके परिणामस्वरूप
जो आयु निकले वह अधिकतम आयु सीमा से 3 वर्ष अधिक न हो ।
स्पष्टीकरण
3 - “शब्द'' छटनी किये गये सरकारी कर्मचारी से द्योतक है ऐसा व्यक्ति जो
इस राज्य की या संघटक इकाइयों में से किसी भी इकाई की अस्थायी सरकारी सेवा
में कम से कम छह मास की कालावधि तक निरन्तर रहा हो और जिसे रोजगार
कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराने या सरकारी सेवा में नियोजन हेतु
अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व स्थापना
में कमी किये जाने के कारण सेवामुक्त किया गया था ।
(चार) ऐसे अभ्यर्थी को जो भूतपूर्व सैनिक है, अपनी आयु में से उसके द्वारा
पूर्व में की गई सम्पूर्ण प्रतिरक्षा सेवा की कालावधि कम करने के लिये
अनुज्ञात किया जायेगा बशर्ते कि इसके परिणामस्वरूप जो आयु निकले, वह
अधिकतम आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।
स्पष्टीकरण-
शब्द ''भूतपूर्व सैनिक'' से द्योतक है ऐसा व्यक्ति जो निम्नलिखित प्रवर्गो
में से किसी एक प्रवर्ग का हो तथा जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छह मास
की कालावधि तक निरन्तर सेवा करता रहा था और जिसकी किसी भी रोजगार कार्यालय
में अपना रजिस्ट्रेशन कराने या सरकारी सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन
करने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व मितव्ययिता इकाई की
सिफारिशों के परिणामस्वरूप या स्थापना में सामान्य रूप से कमी की जाने के
कारण छटनी की गई थी या जिसे. अधिशिष्ट घोषित कर दिया था ।
(एक) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जो मस्टरिंग आउट अन्सेशन के अधीन नियुक्त किये
गये हो ;
(दो) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें दुबारा भरती किया गया हो, और जिन्हें--
(क) अल्पावधि वचनबद्ध पूर्ण हो जाने पर,
(ख) भर्ती की शर्तो को पूर्ण कर लेने पर,
सेवामुक्त कर दिया गया हो ।
(तीन) मद्रास सिविल इकाई (यूनिट) के भूतपूर्व कर्मचारी,
(चार) ऐसे अधिकारी (सैनिक तथा सिविल) जिनमें अल्पावधि सेवा में नियमित
कमीशन अधिकारी भी आते हैं (जिन्हें उनकी संविदा पूर्ण होने पर सेवोन्मुक्त
किया गया हो),
(पांच) ऐसे अधिकारी, जिन्हें अवकाश रिक्तियों पर छ: मास से अधिक समय तक
निरंतर कार्य कर लेने के पश्चात् सेवोन्मुक्त किया गया हो,
(छ:) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें अशक्त होने के कारण सेवा से अलग कर दिया
गया हो,
(सात) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिनको इस आधार पर सेवोन्मुक्त किया गया हो कि
वे दक्ष सैनिक बनने योग्य नहीं है,
(आठ) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिनको गोली लगने, घाव आदि के कारण चिकित्सीय
आधार पर सेवा से अलग किया गया हो ।
(घ) विधवा अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष होगी ।
(ङ) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अधीन उन अभ्यर्थियों को जो ग्रीन कार्ड
धारक हो, अधिकतम आयु सीमा में अधिकतम दो वर्ष की छूट दी जायेगी ।
(च) आदिम जाति, हरिजन तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्जातीय विवाह
प्रोत्साहन कार्यक्रम के अधीन पुरस्कृत दम्पत्तियों के संवर्ग पति/पत्नी
की दशा में अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष तक की छूट दी जायेगी ।
(छ) विक्रम पुरस्कार धारक अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में भी अधिकतम आयु सीमा
में पांच वर्ष तक की छूट दी जाएगी ।
टीप-
ऐसे अभ्यर्थी, जिन्हें ऊपर उपखण्ड (ग), (एक) और (दो) में उल्लिखित आयु
सीमा में रियायतों के अधीन परीक्षा/चयन में प्रवेश दिया है, नियुक्ति के
लिये पात्र नहीं होंगे, यदि वे आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात्
परीक्षा/चयन होने के पूर्व या उसके पश्चात् सेवा से त्यागपत्र दे देते हैं
। तथापि वे नियुक्ति के पात्र बने रहेंगे यदि आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने के
पश्चात् सेवा या पद से उनकी छटनी कर दी जाए । विभागीय अभ्यर्थियों को चयन
हेतु उपस्थित होने के लिये नियुक्ति प्राधिकारी की पूर्व अनुज्ञा प्राप्त
करनी होगी ।
(दो) शैक्षणिक अर्हताएँ-अभ्यर्थी के पास सेवा के लिये विहित ऐसी शैक्षणिक
अर्हताएं होनी चाहिये जो अनुसूची-तीन के कालम (5) में दर्शाई गई है :
परन्तु-
(क) बोर्ड, आपवादिक मामले में, संचालक की सिफारिश पर, किसी ऐसे अभ्यर्थी
को अर्हता प्राप्त मान सकेगा, जिसके पास यद्यपि इस खण्ड में विहित
अर्हताओं में से कोई अर्हता न हो किन्तु जिसने किसी अन्य विश्वविद्यालय या
संस्था द्वारा संचालित परीक्षा ऐसे स्तर से उत्तीर्ण की हो जिसके कारण
बोर्ड की राय में उस अभ्यर्थी को परीक्षा, में प्रवेश देना/चयन के लिये
विचार किया जाना न्यायोचित हो, और
(ख) ऐसे अभ्यर्थियों को भी, जो अन्यथा अर्हता प्राप्त हो किन्तु जिन्होंने
ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों से उपाधियां प्राप्त की हो जो सरकार द्वारा
विशिष्ट रूप से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय न हो, बोर्ड के विवेकानुसार
परीक्षा में प्रवेश दिया जा सकेगा ।
(तीन) फीस-अभ्यर्थी को नियुक्ति प्राधिकारी/बोर्ड द्वारा विहित की गई फीस
का भुगतान करना होगा ।
9. निरर्हता -
अभ्यर्थी की ओर से अपनी अभ्यर्थिता के लिये किन्हीं भी साधनों से समर्थन
अभिप्राप्त करने का कोई भी प्रयत्न, बोर्ड द्वारा चयन के लिये निरर्हता के
रूप में माना जा सकेगा ।
10. अभ्यर्थी की पात्रता के सम्बन्ध में बोर्ड का विनिश्चय अंतिम
होगा-
परीक्षा में प्रवेश/चयन के लिये अभ्यर्थी की पात्रता या अन्यथा के सम्बन्ध
में बोर्ड का विनिश्चय अन्तिम होगा और ऐसे किसी भी अभ्यर्थी को
परीक्षा/साक्षात्कार में प्रवेश नहीं दिया जाएगा जिसे बोर्ड द्वारा प्रवेश
प्रमाण-पत्र जारी न किया गया हो ।
11. प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भरती
–(1) सेवा में सीधी भरती के लिये प्रतियोगी परीक्षा ऐसे अंतरालों से
आयोजित की जाएगी जैसे नियुक्ति प्राधिकारी समय-समय पर बोर्ड से परामर्श
करके अवधारित करें ।
(2) परीक्षा बोर्ड द्वारा ऐसे आदेशों के अनुसार, जिन्हें नियुक्ति
प्राधिकारी समय-समय पर बोर्ड से परामर्श करके जारी करें; संचालित की जाएगी
।
(3) सीधी भरती के लिये उपलब्ध रिक्तियों में से 16 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत
रिक्तियां उन अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रखी जाएगी, जो क्रमश: अनुसूचित
जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों ।
(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय उन अभ्यर्थियों की, जो
अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों, नियुक्ति के लिये
उसी क्रम में विचार किया जाएगा जिसमें उनके नाम नियम 12 में निर्दिष्ट
सूची में आये हों, चाहे अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका आपेक्षित क्रम
कुछ भी क्यों न हों ।
(5) अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों को
जिन्हें बोर्ड द्वारा प्रशासन की दक्षता बनाए रखने का सम्यक ध्यान रखते
हुए सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त घोषित किया गया हो, उपनियम (3) के
अधीन, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों
के लिये आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्त किया जा सकेगा ।
(6) यदि अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी उनके लिये
आरक्षित सभी रिक्तियों को भरने के लिये पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो,
तो शेष रिक्तियां केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के लिये दो बार पुन: विज्ञापित
की जाएंगी । यदि पुन: विज्ञापन के पश्चात् भी कोई रिक्तियां बिना भरी हुई
रह जाएं तो वे सामान्य अभ्यर्थियों में से भरी जाएंगी और पश्चात् भर्ती
परीक्षा/चयन के दौरान, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित
जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिये उतनी ही संख्या में अतिरिक्त रिक्तियाँ
आरक्षित रखी जाएंगी परन्तु अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के
अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रिक्तियों की कुल संख्या (अग्रनीत रिक्तियों
को सम्मिलित करते हुए) विज्ञप्ति की गई कुल रिक्तियों के पैतालिस प्रतिशत
से किसी भी समय अधिक नहीं होगी ।
12. चयन द्वारा सीधी भरती-
(1) सेवा में भरती के लिये चयन ऐसे अन्तरालों से किया जायेगा जैसे कि
नियुक्ति प्राधिकारी समय-समय पर बोर्ड से परामर्श करके अवधारित करें ।
(2) सेवा के लिये अभ्यर्थियों का चयन बोर्ड द्वारा उसने साक्षात्कार करने
के पश्चात किया जाएगा ।
(3) सीधी भरती के लिये उपलब्ध रिक्तियों में से 16 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत
रिक्तियां उन अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रखी जाएंगी जो क्रमश: अनुसूचित
जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों ।
(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय उन अभ्यर्थियों की, जो
अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हो, नियुक्ति के लिये
उसी क्रम में विचार किया जाएगा, जिसमें उनके नाम नियम 13 में निर्दिष्ट
सूची में आये हों, चाहे अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका आपेक्षिक
क्रम कुछ भी क्यों न हो ।
(5) अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों को,
जिन्हें बोर्ड द्वारा प्रशासन की दक्षता बनाये रखने का सम्यक् ध्यान रखते
हुए, सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त घोषित किया गया हो, उपनियम (3) के
अधीन यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों
के लिये आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्त किया जा सकेगा ।
(6) यदि अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी उनके लिये
आरक्षित सभी रिक्तियों को भरने के लिये पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो,
तो शेष रिक्तियां केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के लिये दो बार पुन: विज्ञापित
की जाएंगी । यदि पुन: विज्ञापन के पश्चात् भी कोई रिक्तियां बिना भरी हुई
रह जाए तो वे सामान्य अभ्यर्थियों में से भरी जाएगी और पश्चातवर्ती चयन के
दौरान, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के
अभ्यर्थियों के लिये उतनी ही संख्या में अतिरिक्त रिक्तियां आरक्षित रखी
जाएंगी :
परन्तु अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित/जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिये
आरक्षित रिक्तियों की कुल संख्या (अग्रनीत रिक्तियों को सम्मिलित करते
हुए) विज्ञापित की गई कुल रिक्तियों के पैंतालिस प्रतिशत से किसी भी समय
अधिक नहीं होगी ।
13
बोर्ड द्वारा सिफारिश किये गये अभ्यर्थियों की सूची-(
1) बोर्ड अपने द्वारा अवधारित किये गये मानकों के अनुसार अर्हित
अभ्यर्थियों योग्यता क्रम में बनाई गई सूची और अनुसूचित जातियों तथा
अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों की सूची जो यद्यपि उक्त मानक के
अनुसार अर्ह नहीं है, किन्तु जिन्हें बोर्ड द्वारा प्रशासन में दक्षता
बनाये रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुए सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त
घोषित किया है, नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रेषित करेगा । यह सूची
सर्वसाधारण की जानकारी के लिये प्रकाशित भी की जाएगी ।
(2) इन नियमों तथा मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम,
1961 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए उपलब्ध रिक्तियों पर नियुक्ति के लिये
अभ्यर्थियों का उसी क्रम में विचार किया जायेगा जिस क्रम में उनके नाम
सूची में आये हैं ।
(3) सूची में किसी अभ्यर्थी का नाम सम्मिलित किये जाने से ही उसे नियुक्ति
का कोई अधिकार प्राप्त नहीं हो जाता, जब तक कि नियुक्ति प्राधिकारी का ऐसी
जांच करने के बाद जैसी कि वह आवश्यक समझे, यह समाधान नहीं हो जाए कि
अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिये सभी प्रकार से उपयुक्त है ।
14.
पदोन्नति द्वारा नियुक्ति
—(1) पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति के लिये चयन करने हेतु एक विभागीय
पदोन्नति समिति गठित की जाएगी, जिसमें अनुसूची-चार में उल्लिखित सदस्य
सम्मिलित होंगे ।
(2) समिति सामान्यत: एक वर्ष से अनधिक के अन्तरालों में अपनी बैठक करेगी ।
(3) ऐसे पदों में जिनमें, अनुसूची-दो में यथा विनिर्दिष्ट पदोन्नति की
प्रतिशतता 33-1/3 प्रतिशत या उससे अधिक हो, पदोन्नति के लिये उपलब्ध
रिक्तियों में से 16 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत रिक्तियां अनुसूचित जातियों
तथा अनुसूचित जनजातियों के उन कर्मचारियों के लिये आरक्षित रखी जाएंगी जो
नियम 15 के उपबन्धों के अनुसार पदोन्नति के लिये पात्र हों |
(4) आरक्षित रिक्तियों में पदोन्नति करने के लिये प्रक्रिया सरकार के
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये अनुदेशों के
अनुसार होगी ।
15. पदोन्नति/स्थानान्तरण के लिये पात्रता सम्बन्धी शर्ते -
(1) उपनियम (2) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, समिति उन सभी व्यक्तियों के
मामले पर विचार करेगी, जिन्होंने उस वर्ष की पहली जनवरी को उन पदों पर,
जिनसे कि अनुसूची-चार के कालम (4) में यथाविनिर्दिष्ट पदोन्नति की जाना
है, कम से कम उतने वर्षों की सेवा (चाहे स्थानापन्न रूप से हो या मूल रूप
में) पूरी कर ली हो तथा जो उपनियम (2) के उपबन्धों के अनुसार विचारणीय
क्षेत्र के भीतर आते हों :
परन्तु आपातकालीन कमीशन तथा अल्पकालिक सेवा कमीशन के निर्मुक्त किये गये
अधिकारियों की सेवा की संगणना सेवा में उनकी नियुक्ति के पश्चात् उस तारीख
से की जाएगी जिस तारीख से उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक
2266/1987-1 (3)-67, दिनांक 21 अक्टूबर, 1967 के अनुसार सेवा में नियुक्त
किया गया समझा गया हो.
परन्तु यह और भी कि किसी कनिष्ठ व्यक्ति को उससे वरिष्ठ व्यक्ति पर
अधिमानता देकर प्रवर श्रेणी/पदोन्नति के लिये केवल इस आधार पर विचार किया
जायेगा कि उसने विहित सेवा की कालावधि पूर्ण कर ली है ।
(2) चयन का क्षेत्र सामान्यत: ''योग्यता तथा वरिष्ठता'' (मेरिट कम
सीनियरिटी) के आधार पर भरे जाने वाले पदों के सम्बन्ध में चयन सूची में
सम्मिलित किये जाने वाले अधिकारियों की संख्या के सात गुणे तक और
''वरिष्ठता तथा योग्यता'' के आधार पर भरे जाने वाले पदों के सम्बन्ध में
चयन सूची में सम्मिलित किये जाने वाले अधिकारियों की संख्या के पांच गुना
तक सीमित होगा:
परन्तु यदि इस प्रकार अवधारित किये गये क्षेत्र, में उपयुक्त कर्मचारी
अपेक्षित संख्या में उपलब्ध न हों तो उस क्षेत्र की उस सीमा तक बढ़ाया जा
सकेगा, जिस सीमा तक समिति द्वारा उसके लिये लिखित कारणों का उल्लेख करते
हुए आवश्यक समझा जावे ।
16.
उपयुक्त व्यक्तियों की सूची तैयार करना
–(1) समिति में ऐसे व्यक्तियों की जो अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति
के सदस्य हों तथा अन्य व्यक्तियों के लिये पृथक् सूची तैयार करेगी जो
उपर्युक्त नियम 15 में विहित शर्तें पूरी करते हों तथा जिन्हें समिति
द्वारा सेवा पदोन्नति/स्थानान्तरण के लिये उपयुक्त ठहराया गया हो । यह
सूची, चयन सूची तैयार करने की तारीख से एक वर्ष के दौरान सेवा निवृत्ति
तथा पदोन्नति के कारण होने वाले प्रत्याशित रिक्तियों को भरने के लिये
पर्याप्त होगी । उक्त सूची में सम्मिलित किये गये व्यक्तियों की संख्या के
25 प्रतिशत व्यक्तियों की एक ओर अपेक्षित सूची भी पूर्वोक्त कालावधि के
दौरान होने वाली अनपेक्षित रिक्तियों को भरने के लिये तैयार की जाएगी ।
(2) ऐसी सूची में सम्मिलित करने के लिये किया जाने वाला चयन वरिष्ठता का
सम्यक् ध्यान रखते हुए भी दृष्टि से योग्यता तथा उपयुक्तता पर आधारित होगा
।
(3) ऐसी सूची तैयार करते समय सूची में सम्मिलित किये गये अधिकारियों के
नाम अनुसूची-चार के कालम (2) में तथा विनिर्दिष्ट सेवा या पदों पर
वरिष्ठता के क्रम में रखे जायेंगे :
परन्तु किसी ऐसे कनिष्ठ कर्मचारी को, जो समिति की राय में असाधारण रूप से
योग्य तथा उपयुक्त हो, सूची में उससे वरिष्ठ अधिकारी की तुलना में उच्चतर
स्थान दिया जा सकेगा ।
स्पष्टीकरण-
ऐसे किसी व्यक्ति का, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित किया गया हो किन्तु
जो सूची की विधिमान्यता के दौरान पदोन्नत न किया गया हो, केवल उसके
पूर्वत्तर चयन के तथ्य से ही उन व्यक्तियों से ऊपर जिन पर पश्चातवर्ती चयन
में विचार किया गया है, वरिष्ठता का कोई दावा नहीं रहेगा ।
(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची का प्रतिवर्ष पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण
किया जएगा ।
(5) यदि इस प्रकार के चयन पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण की प्रक्रिया के दौरान
सेवा के किसी सदस्य को अतिष्ठित किया जाना प्रस्तावित किया जाए तो समिति
प्रस्तावित अधिक्रमण के सम्बन्ध में अपने कारणों को लेखबद्ध करेगी ।
17. चयन सूची पर नियुक्ति प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने की
प्रक्रिया--
नियम 16 के अनुसार तैयार की गई सूची समिति द्वारा निम्नलिखित के साथ
नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रेषित की जाएगी-
(1) सूची में सम्मिलित समस्त व्यक्तियों के अभिलेख ।
(2) अनुसूची-चार के कालम (2) में विनिर्दिष्ट सेवा के ऐसे समस्त सदस्यों
के अभिलेख, जिनको सूची में की गई सिफारिशों के अनुसार अतिष्ठित किया जाना
प्रस्तावित हो अनुसूची-चार के कालम (2) में विनिर्दिष्ट सेवा के किसी भी
सदस्य के प्रस्तावित अधिक्रमण के सम्बन्ध में समिति द्वारा लेखबद्ध किए गए
कारण ।
18.
चयन सूची—
(1) नियुक्ति प्राधिकारी समिति से प्राप्त अन्य दस्तावेजों और साथ ही
समिति द्वारा तैयार की गई सूची पर विचार करेगा और जब तक उसमें कोई
परिवर्तन करना आवश्यक न समझा जाए सूची को अनुमोदित करेगा ।
(2) यदि नियुक्ति प्राधिकारी, समिति से प्राप्त सूची में कोई परिवर्तन
करना आवश्यक समझे, तो वह प्रस्तावित परिवर्तन की जानकारी समिति को देगा और
समिति की टिप्पणी पर, यदि कोई हो, विचार करने के पश्चात वह ऐसे उपांतरणों,
यदि कोई हो, के साथ जो उसकी राय में न्यायोचित तथा उपयुक्त हो, सूची को
अंतिम रूप से अनुमोदित कर सकेगा ।
(3) नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित सूची सेवा के
सदस्यों की अनुसूची-चार के कालम (2) में उल्लिखित पद से उक्त अनुसूची कालम
(3) में उल्लिखित पद पर पदोन्नत करने के लिये चयन सूची होगी ।
(4) चयन सूची सामान्यत: एक वर्ष तक या तब तक प्रवृत्त रहेगी जब तक के नियम
16 के उपनियम (4) के अनुसार उसका पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण नहीं कर लिया
जाता किन्तु उसकी विधिमान्यता उसके तैयार करने की तारीख से 18 मास की कुल
कालावधि से परे नहीं बढ़ाई जायेगी ।
(5) परन्तु, चयन सूची में सम्मिलित किसी व्यक्ति की ओर से उसके आचरण या
कर्त्तव्यों के अनुपालन में गंभीर चूक होने की दशा में चयन सूची का विशेष
रूप से पुनर्विलोकन नियुक्ति प्राधिकारी के अनुरोध पर किया जा सकेगा और
यदि विभागीय पदोन्नति समिति उचित समझे तो चयन सूची में से ऐसे व्यक्ति का
नाम हटा सकेगी ।
19.
चयन सूची से सेवा में नियुक्ति-
(1) चयन सूची में सम्मिलित कर्मचारियों की नियुक्तियां सेवा संवर्ग के
अन्तर्गत आने वाले पदों पर उसी क्रम से की जाएगी जिस क्रम से ऐसे
कर्मचारियों के नाम चयन सूची में हों :
परन्तु जहां प्रशासनिक अत्यावश्यकताओं के कारण ऐसा करना अपेक्षित हो, वहां
ऐसे व्यक्ति को, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित न हो या जो चयन सूची में
अगले क्रम में न हो, सेवा में नियुक्त किया जा सकेगा, यदि नियुक्ति
प्राधिकारी का यह समाधान हो जाये कि रिक्ति में तीन मास से अधिक समय तक
लागू रहने की संभावना नहीं है ।
(2) ऐसे किसी व्यक्ति की, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित हो, सेवा में
नियुक्ति के पूर्व समिति से परामर्श करना सामान्यत: तब तक आवश्यक नहीं
होगा जब तक कि चयन सूची में उसका नाम सम्मिलित किये जाने तथा उस सेवा में
उसकी प्रस्तावित नियुक्ति की तारीख के बीच की कालावधि के दौरान उसके कार्य
में कोई ऐसी गिरावट न आई हो जो नियुक्ति प्राधिकारी की राय में ऐसी हो
जिसके कारण वह सेवा में नियुक्ति के लिये अनुपयुक्त हो गया हो ।
20. परिवीक्षा -
सेवा में सीधी भरती किए गए प्रत्येक व्यक्ति को दो वर्ष की कालावधि के
लिये परिवीक्षा पर नियुक्त किया जाएगा ।
21. निर्वचन --
यदि इन नियमों के निर्वचन के सम्बन्ध में कोई प्रश्न अद्भुत होता है तो
वह सरकार को निर्दिष्ट किया जायेगा जिसका उस पर विनिश्चय अन्तिम होगा ।
22
छूट -
इन नियमों की किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह ऐसे किसी
व्यक्ति के मामले में, जिसे यह नियम लागू होते हों, ऐसी रीति में
कार्यवाही करने की, जो उसे न्यायसंगत और साम्यापूर्ण प्रतीत होती हो,
राज्यपाल की शक्ति को सीमित या कम करती है :
परन्तु किसी मामले को ऐसी रीति से निपटाया नहीं जाएगा जो इन नियमों में
उपबंधित रीति की अपेक्षा उसके लिये कम अनुकूल हो ।
23
व्यावृत्ति-
इन नियमों में की गई कोई भी बात अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों
के लिये राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर, इस सम्बन्ध में जारी किए गए
आदेशों के अनुसार उपबंधित किए जाने हेतु अपेक्षित आरक्षण तथा अन्य
रियायतों को प्रभावित नहीं करेगी ।
24. निरसन तथा व्यावृत्ति-
इन नियमों के. अन्तर्गत आने वाले विषयों से सम्बन्धित तत्स्थानी तथा इन
नियमों के प्रारम्भ होने के ठीक पूर्व प्रवृत्त समस्त नियम एतद्द्वारा
निरस्त किये जाते हैं :
परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन किये गए किसी आदेश या की गई कोई
कार्रवाई के सम्बन्ध में यह समझा जायेगा कि वह इन नियमों के तत्स्थानी
उपबन्धों के अधीन किया गया है या की गई है ।
अनुसूची-एक
[ नियम
5
देखिये ]
|
क्रमांक
|
सेवा में सम्मिलित पदों के नाम
|
पदों की संख्या
|
वर्गीकरण
|
वेतनमान रुपये
|
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(1)
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(2)
|
(3)
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(4)
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(5)
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विमानन यांत्रिकी
सेवा
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|
1.
|
सीनियर मैकेनिक
|
....
|
3
|
तृतीय श्रेणी
अलिपिकीय
|
1400-40-1440-50-2340-60-2640
|
|
2.
|
रेडियो मैकेनिक
|
....
|
1
|
तदैव
|
तदैव
|
|
3.
|
इलेक्ट्रीशियन
|
....
|
1
|
तदैव
|
तदैव
|
|
|
|
लिपिकीय सेवा
|
|
|
|
1.
|
कनिष्ठ लेखा अधिकारी
|
....
|
1
|
तृतीय कार्यपालिक
|
1600-50-2300-60-2720
|
|
2.
|
मुख्य लिपिक (हेडक्लर्क)
|
....
|
1
|
लिपिकीय
|
1320-40-1440-50-2040
|
|
3.
|
स्टोर कीपर
|
....
|
1
|
तदैव
|
1200-40-1440-50-2040
|
|
4.
|
निम्न श्रेणी लिपिक टायपिस्ट/सहायक स्टोर कीपर/फ्लाईट
क्लर्क
|
....
|
5
|
तदैव
|
950-25-1000-30-1210-40-1530
|
|
5.
|
स्टेनो टायपिस्ट
|
....
|
1
|
तदैव
|
950-25-1000-30-1210-40-1530 रूपये 75 प्रतिमाह विशेष
वेतन
|
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