नियम

शीर्षक मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा भरती नियम, 1990
वर्ष 1990
सम्बंधित अधिनियम भारत का संविधान 1950 (भारत का संविधान 1950)
उद्देश्य मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा में भरती से सम्बन्धित नियम हेतु
अधिसूचना की तिथि 03/08/1990
लागू करने की तिथि 03/08/1990
क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण म.प्र.
विभाग का नाम सामान्य प्रशासन विभाग
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विवरण
मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा भरती नियम, 1990
1 संक्षिप्त नाम तथा प्रारम्भ
2 परिभाषाएं
3 विस्तार तथा लागू होना
4 सेवा का गठन
5 वर्गीकरण, वेतनमान आदि
6 भरती के तरीके
7 सेवा में नियुक्ति
8 सीधी भरती की पात्रता की शर्ते
9 निहर्रता
10 अभ्यर्थी की पात्रता के सम्बन्ध में मण्डल का विनिश्चय अंतिम होगा
11 चयन द्वारा सीधी भरती
12 मंडल द्वारा सिफारिश किए गए अभ्यर्थियों की सूची
13 पदोन्नति द्वारा नियुक्ति
14 पदोन्नति के लिए पात्रता सम्बन्धी में
15 उपयुक्त व्यक्तियों की सूची का तैयार किया जाना
16 चयन सूची
17 चयन सूचि से सेवा में नियुक्ति
18 परिवीक्षा
19 निर्वचन
20 शिथिलीकरण
21 व्यावृत्ति
22 निरसन
23 अनुसूची – एक
24 अनुसूची – दो
25 अनुसूची – तीन
26 अनुसूची - चार

मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा भरती नियम , 19901

क्र० एफ०-बी-25-36 चार-पेक-90-भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, मध्य प्रदेश के राज्यपाल एतद्द्वारा पेंशन तथा कर्मचारी संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा में भरती से सम्बन्धित निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात्-

1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारम्भ - इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा भरती नियम, 1990 है ।

2. परिभाषाएं- इन नियमों में, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

(क) सेवा के सम्बन्ध में “नियुक्ति प्राधिकारी'' से अभिप्रेत है संचालक, मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण;

(ख) ''मंडल'' से अभिप्रेत है, कनिष्ठ सेवा चयन मंडल;

(ग) “सरकार'' से अभिप्रेत है, मध्य प्रदेश सरकार;

(घ) ''राज्यपाल'' से अभिप्रेत है, मध्य प्रदेश के राज्यपाल;

(ड) ''अनुसूची'' से अभिप्रेत है; इन नियमों से संलग्न अनुसूची;

(च) “अनुसूचित जाती'' से अभिप्रेत है, कोई जाति, मूलवंश या जनजाति अथवा जाति, मुलवश या जनजाति का भाग या उसमें का यूथ जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है;

(छ) ''अनुसूचित जनजाति '' से अभिप्रेत है कोई जनजाति या जनजाति समुदाय अथवा जनजाति या जनजाति समुदाय का भाग या उसमें का यूथ जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में अनुसूचित जनजाति के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है;

(ज) ''राज्य'' से अभिप्रेत है, मध्य प्रदेश राज्य;

(झ) ''सेवा'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण संचालनालय (तृतीय श्रेणी) सेवा ।

3. विस्तार तथा लागू होना- मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 में अन्तर्विष्ट उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूत प्रभाव डाले बिना, ये नियम सेवा के प्रत्येक सदस्य को लागू होगें ।

4 . सेवा का गठन- सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति होंगे, अर्थात्--

(एक) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के समय, अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों की मूलत: या स्थानापन्न हैसियत में धारण कर रहे हों,

(दो) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के पूर्व सेवा में भरती किए गए हों, और

(तीन) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के उपबन्धों के अनुसार सेवा में भरती किये जायें ।

5. वर्गीकरण , वेतनमान आदि- सेवा का वर्गीकरण, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या तथा उससे संलग्न वेतनमान, अनुसूची एक में अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अनुसार होंगे :

परन्तु सरकार, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या मैं, समय-समय पर या तो स्थायी आधार पर या अस्थायी आधार पर वृद्धि या कमी कर सकेगी ।

6. भरती के तरीके- (1) इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात् सेवा में भरती निम्नलिखित तरीकों से की जायेगी, अर्थात्-

(क) प्रतियोगी परीक्षा या चयन द्वारा, सीधी भरती द्वारा,

(ख) सेवा के सदस्यों का पदोन्नति द्वारा,

(ग) ऐसे व्यक्तियों के स्थानांतरण द्वारा, जो ऐसी सेवा में ऐसे पद, जो इस निमित्त विनिर्दिष्ट किए जाए, मूल हैसियत में धारण करते हों ।

(2) उपनियम (1) के खण्ड (ख) या (ग) के अधीन भरती किए गए व्यक्तियों की संख्या अनुसूची एक में यथा विनिर्दिष्ट कर्त्तव्य पदों की संख्या किसी भी समय उस प्रतिशतता से अधिक नहीं होगी जो अनुसूची दो में दर्शाई गई है ।

(3) इन नियमों के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, सेवा में किसी सी विशिष्ट रिक्ति या रिक्तियों को जो भरती की किसी विशिष्ट कालावधि के दौरान भरी जाना अपेक्षित हो, भरे जाने के प्रयोजन के लिए अपनाया जाने वाला तरीका या तरीके तथा प्रत्येक तरीके से भरती किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रत्येक अवसर पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अवधारित की जायेगी ।

(4) उपनियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी, यदि नियुक्ति प्राधिकारी की राय में, सेवा की आवश्यकताओं को देखते हुए ऐसा करना, अपेक्षित है, तो नियुक्ति प्राधिकारी प्रशासकीय विभाग के माध्यम से कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग की पूर्व सहमति से उक्त उपनियम में विनिर्दिष्ट सेवा में भरती के तरीकों से भिन्न ऐसे अन्य तरीके अपना सकेगा, जो वह इस निमित्त जारी किये गये आदेश द्वारा विहित करें ।

7. सेवा में नियुक्ति- इन नियमों के प्रारम्भ के पश्चात् सेवा में समस्त नियुक्तियां, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा की जाएगी और ऐसी कोई भी नियुक्ति नियम 6 में विनिर्दिष्ट भरती के तरीकों में से किसी एक तरीके द्वारा चयन करने के पश्चात् ही की जाएगी अन्यथा नहीं ।

8. सीधी भरती की पात्रता की शर्ते - चयनित होने के लिये पात्र होने हेतु अभ्यर्थी को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी चाहिये, अर्थात् -

(एक) आयु-

(क) उसने चयन प्रारम्भ होने की तारीख से आगामी जनवरी के प्रथम दिन की अनुसूची-तीन के कालम (3) में यथाविनिर्दिष्ट आयु पूरी कर ली हो, और उक्त अनुसूची के कालम (4) में विनिर्दिष्ट आयु पूरी न की हो ।

(ख) यदि अभ्यर्थी किसी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का हो, तो ऊपरी आयु सीमा को अधिकतम 5 वर्ष तक शिथिल किया जाएगा ।

(ग) ऐसे अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में भी जो मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी हैं या रह चुके हैं ऊपरी आयु सीमा उस सीमा तक तथा ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए शिथिल की जायेगी जो नीचे विनिर्दिष्ट की गई है-

(एक) ऐसा अभ्यर्थी, जो स्थायी सरकारी सेवक है, 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिये

(दो) ऐसा अभ्यर्थी, जो अस्थायी रूप से पद धारण कर रहा है और किसी अन्य पद के लिये आवेदन करता है, 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिये, यह रियायत आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारियों और परियोजना कार्यान्वयन समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को भी अनुज्ञेय होगी ।

(तीन) ऐसे अभ्यर्थी को, जो छटनी किया गया सरकारी सेवक है, अपनी आयु में से उसके द्वारा पूर्व में की गई सम्पूर्ण अस्थायी सेवा की अधिक से अधिक 7 वर्ष तक की कालावधि, भले ही वह कालावधि एक से अधिक बार की गई सेवाओं का योग हो, कम करने के लिये अनुज्ञात किया जाएगा, बशर्ते कि परिणामिक आयु ऊपरी आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।

स्पष्टीकरण- पद ''छटनी किया गया सरकारी सेवक'' से द्योतक है ऐसा व्यक्ति जो इस राज्य या किसी संघटक इकाई की अस्थायी सरकारी सेवा में लगातार कम से कम छ: माह तक रहा है और जिस रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने या सरकारी सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व स्थापना में कमी किये जाने के कारण सेवा मुक्त किया गया था ।

(चार) ऐसे अभ्यर्थी, जो भूतपूर्व सैनिक हैं, अपनी आयु में से उसके द्वारा पूर्व में की गई सम्पूर्ण प्रतिरक्षा सेवा की कालावधि कम करने के लिये अनुज्ञात किया जाएगा बशर्ते कि परिणामिक आयु ऊपरी आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।

स्पष्टीकरण- पद ''भूतपूर्व सैनिक'' से द्योतक है ऐसा व्यक्ति, जो निम्नलिखित प्रवर्गों में से किसी एक प्रवर्ग का है और जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छ: मास की निरन्तर कालावधि तक नियोजित रहा था और जिसकी किसी भी रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने या सरकारी सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन करने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व मितव्ययता इकाई की सिफारिशों के परिणामस्वरूप स्थापना में सामान्य रूप से कमी किये जाने के कारण छटनी कर दी गई थी या जिसे अधिशेष घोषित कर दिया गया था

(एक) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें मस्टरिंग आउट कन्सेशन के अधीन मुक्त कर दिया गया है,

(दो) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें दुबारा भरती किया गया और जिन्हें-

(क) नियोजन की अल्पकालिक अवधि पूर्ण हो जाने पर,

(ख) भरती की शर्तो को पूर्ण कर लेने पर सेवोन्युक्त कर दिया गया है,

(तीन) मद्रास सिविल इकाई (यूनिट) के भूतपूर्व कर्मचारी,

(चार) ऐसे अधिकारी (सैनिक तथा सिविल), जिनमें अल्पकालिक सेवा में नियमित कमीशंड अधिकारी भी आते हैं) जिन्हें उनकी संविदा पूर्ण होने पर सेवोन्मुक्त किया गया है,

(पांच) ऐसे अधिकारी, जिन्हें अवकाश रिक्तियों पर छह मास से अधिक समय तक निरन्तर कार्य कर लेने के पश्चात् सेवोन्मुक्त किया गया है,

(छह) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें अशक्त होने के कारण सेवा से अलग कर दिया गया है,

(सात) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें इस आधार पर सेवोन्मुक्त किया गया है, कि वे दक्ष सैनिक बनने योग्य नहीं हैं,

(आठ) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिनको गोली लगने, घाव होने आदि के कारण चिकित्सीय आधार पर सेवा से अलग कर दिया गया है,

(घ) विधवा अभ्यर्थियों के मामले में, ऊपरी आयु सीमा 35 वर्ष होगी ।

(ड) उन अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में, जो परिवार कल्याण कार्यक्रम के अधीन ग्रीन कार्ड धारण किये हों, ऊपरी आयु सीमा को अधिकतम 2 वर्ष तक शिथिल किया जाएगा,

(च) उन विक्रम पुरस्कार धारकों के सम्बन्ध में भी ऊपरी आयु सीमा को अधिकतम पांच वर्ष तक शिथिल किया जाएगा,

(छ) किसी ऐसे सवर्ण पार्टनर, जो आदिमजाति, हरिजन एत्रं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अधीन पुरस्कृत हुआ हो, के सम्बन्ध में भी सामान्य ऊपरी आयु सीमा को 5 वर्ष तक शिथिल किया जाएगा । ऐसे अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में, जो मध्य प्रदेश राज्य निगमों/बोर्डो के कर्मचारी हैं, ऊपरी आयु सीमा को 38 वर्ष की आयु सीमा तक शिथिल किया जाएगा ।

(झ) स्वयंसेवी नगर सैनिकों और नगर सैनिकों के नान कमीशंड अधिकारियों के मामले में, सामान्य ऊपरी आयु सीमा को, उनके द्वारा इस प्रकार की गई सेवा के वर्षो के लिये शिथिल किया जाएगा । उपरोक्तानुसार की सीमा 8 वर्ष होंगी । इस प्रकार शिथलीकरण किये जाने पर नगर सैनिक/नान कमीशंड अधिकारी की आयु 38 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये ।

9. निहर्रता-- अभ्यर्थी की ओर से अपनी अभ्यर्थिता के लिये किन्हीं भी साधनों से समर्थन अभिप्राप्त करने के किसी भी प्रयत्न को मंडल के द्वारा चयन के लिये निरर्हता के रूप में माना जा सकेगा ।

10 अभ्यर्थी की पात्रता के सम्बन्ध में मण्डल का विनिश्चय अंतिम होगा- चयन के लिये प्रवेश के सम्बन्ध में, किसी भी अभ्यर्थी को पात्रता या अन्य बात के सम्बन्ध में मण्डल का विनिश्चय अंतिम होना तथा किसी भी ऐसे अम्यर्थी को, जिसे मण्डल द्वारा प्रवेश प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है, साक्षात्कार के लिये प्रवेश नहीं दिया जाएगा ।

11. चयन द्वारा सीधी भरती- (1) सेवा में भरती के लिये चयन ऐसे अंतरालों से किया जायेगा जैसा नियुक्ति प्राधिकारी मण्डल के परामर्श से समय-समय पर अवधारित करें ।

(2) सेवा में सम्मिलित पदों के लिये अभ्यर्थियों का चयन मण्डल दारा उनका साक्षात्कार करने के पश्चात् किया जाएगा ।

(3) सीधी भरती के लिये उपलब्ध रिक्तियों के 16 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत स्थान उन अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रखे जाएँगे जो क्रमश: अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जन-जातियों के सदस्य हों ।

(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय उन अभ्यर्थियों को, जो अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों, नियुक्ति के लिये उसी क्रम में विचार किया जाएगा, जिसमें उनके नाम नियम 12 में निर्दिष्ट सूची में आये हों, चाहे अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका अपेक्षित रेंक कुछ भी क्यों न हो ।

(5) अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थीयों को, जिनकी कि मण्डल द्वारा सिफारिश, प्रशासन की दक्षता बनाये रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुए, सेवा में नियुक्ति के लिये की गई है, उपनियम (3) के अधीन, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अम्यर्थियों के लिये आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्त किया जा सकेगा ।

(6) यदि अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अपेक्षित अर्हता रखने वाले अभ्यर्थी उनके लिए आरक्षित सभी रिक्तियों को भरने के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हों, तो शेष रिक्तियां, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों, के अभ्यर्थियों के लिए अनन्य रूप से दो बार पुन: विज्ञापित की जाएगी यदि इसके पश्चात् भी कोई रिक्ति बिना भरी रह जाएगी तो ऐसी शेष रिक्तियां अन्य अभ्यर्थियों में से भरी जाएगी और पश्चात्‌वर्ती चयन के दौरान, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए उतनी ही संख्या में अतिरिक्त रिक्तियां आरक्षित रखी जाएगी :

परन्तु अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रिक्तियों की कुल संख्या अग्रनीत रिक्तियों के सम्मिलित करते हुए विज्ञापित की गई कुल रिक्तियों के पैंतालीस प्रतिशत से किसी भी समय अधिक नहीं होगी ।

12. मंडल द्वारा सिफारिश किए गए अभ्यर्थियों की सूची- , (1) मंडल उन अम्यर्थियों की योग्यताक्रम से बनाई गई एक सूची जो ऐसे मानकों से, जैसा कि मंडल द्वारा अवधारित किया जाए, अर्हित हो और अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों को, जो यद्यपि उक्त मानक के अनुसार अर्हित नहीं हो किन्तु जिन्हें प्रशासन की दक्षता बनाए रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुए सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त घोषित किया गया है, एक सूची अग्रेषित करेगा । यह सूची सर्वसाधारण की जानकारी के लिए प्रकाशित की जाएगी ।

(2) इन नियमों तथा मध प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के उपबन्धो के अधीन रहते हुए, उपलब्ध रिक्तियों पर सूची में से अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार उसी क्रम में किया जाएगा, जिसमें उसके नाम सूची में आए हैं ।

(3) सूची में किसी अभ्यर्थी का नाम सम्मिलित किए जाने से उसे नियुक्ति का कोई आधार तब तक प्राप्त नहीं हो जाता जब तक नियुक्ति प्राधिकारी का ऐसी जांच के पश्चात्, जैसी वह आवश्यक समझे, यह समाधान न हो जाए कि अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए सभी प्रकार से उपयुक्त है ।

13 पदोन्नति द्वारा नियुक्ति- (1) पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति के लिए प्रारम्भिक चयन करने के लिए एक विभागीय पदोन्नति समिति गठित की जाएगी जिसमें अनुसूची चार में उल्लिखित सदस्य समाविष्ट होंगे ।

(2) समिति की बैठक सामान्यत: एक वर्ष से अनधिक के अन्तरालों में होगी ।

(3) ऐसे पदों में, जिनमें अनुसूची दो में यथाविनिर्दिष्ट पदोन्नति का प्रतिशत 33 1/8 प्रतिशत या उससे अधिक हो, पदोन्नति के लिए उपलब्ध रिक्तियों के 16 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत रिक्तियों अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रखी जाएंगी जो नियम 14 के उपबन्धों के अनुसार पदोन्नति के लिए पात्र हों ।

(4) आरक्षित रिक्तियों मे पदोन्नति की प्रक्रिया, सामान्य प्रशासन विभाग, द्वारा समय-समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार होगी ।

14. पदोन्नति के लिए पात्रता सम्बन्धी में —(1) उपनियम (2) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, समिति ऐसे सभी व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी, जिन्होंने उस वर्ष की पहली जनवरी, को उक्त अनुसूची के कालम (2) में यथा विनिर्दिष्ट ऐसे पदों पर या सरकार द्वारा उसके समतुल्य घोषित किसी अन्य पद/पदों पर कम से कम उतने वर्षो की सेवा पूर्ण कर ली हो (चाहे स्थानापन्न रूप में या मूल रूप में) जो उक्त अनुसूची के कालम (4) में विनिर्दिष्ट वर्षो से कम न हो ऐसे लिपीकीय पदों पर जिनके लिए लेखा प्रशिक्षण आवश्यक हो, पदोन्नति ऐसे अव्यवहित कनिष्ठ व्यक्तियों में से की जाएगी जिन्होंने लेखा प्रशिक्षण उत्तीर्ण किया हो :

परन्तु किसी कनिष्ठ व्यक्ति को, उसे वरिष्ठ व्यक्ति पर अधिमानता देकर, उसके चयन ग्रेड पदोन्नति के लिए केवल इस आधार पर विचार नहीं किया जाएगा कि उसने विहित वर्षों की सेवा पूर्ण कर ली है ।

(2) सामान्यत: चयन का क्षेत्र ''योग्यता तथा वरिष्ठता'' के आधार पर भरे जाने वाले पदों के सम्बन्ध में, चयन सूची में सम्मिलित किये जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में सात गुना तक और ''वरिष्ठता तथा योग्यता'' के आधार पर भरे जाने वाले पदों के सम्बन्ध में चयन सूची में सम्मिलित किये जाने वाले कर्मचारियों की संख्या के पांच गुना तक सीमित होगी :

परन्तु यदि इस प्रकार अवधारित किए गए क्षेत्र में अपेक्षित संख्या में उपयुक्त कर्मचारी उपलब्ध न हों तो समिति द्वारा उस क्षेत्र को उस सीमा तक बढ़ाया जा सकेगा जिस सीमा तक समिति द्वारा उसके लिए लिखित कारणों का उल्लेख करते हुए आवश्यक समझा जाय ।

15. उपयुक्त व्यक्तियों की सूची का तैयार किया जाना— (1) समिति ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करेगी, जो ऊपर नियम 14 में विहित शर्ते पूरी करते हों तथा जिन्हें समिति द्वारा सेवा में पदोन्नति के लिए उपयुक्त ठहराया गया हो, यह सूची चयन सूची तैयार किए जाने की तारीख से एक वर्ष के दौरान सेवानिवृत्ति और पदोन्नति के कारण होने वाली प्रत्याशित रिक्तियों को भरने के पर्याप्त होगी उक्त सूची में सम्मिलित व्यक्तियों की संख्या के 25 प्रतिशत व्यक्तियों की एक आरक्षित सूची भी पूर्वोक्त कालावधि के दौरान होने वाली अनवेक्षित रिक्तियों को भरने के लिए तैयार की जाएगी ।

(2) ऐसी सूची में सम्मिलित किए जाने हेतु चयन निम्नांकित मानदण्ड पर आधारित होगा-

(क) अधीक्षक तथा संपर्क अधिकारी योग्यता तथा वरिष्ठता,

और

(ख) अन्य ... वरिष्ठता तथा योग्यता,

(3) सूची में सम्मिलित कर्मचारियों के नाम, प्रत्येक चयन सूची के तैयार करते समय, अनुसूची-चार के कालम (2) में यथा विनिर्दिष्ट पदों में वरिष्ठता के क्रम में रखे जाएंगे:

परन्तु किसी ऐसे कनिष्ठ कर्मचारी को, जो समिति की राय में विशेष रूप से योग्य तथा उपयुक्त हों, उससे वरिष्ठ कर्मचारियों की तुलना में सूची में उच्चतर स्थान दिया जा सकेगा ।

स्पष्टीकरण- ऐसे किसी व्यक्ति को, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित किया हो, किन्तु जो सूची की विधिमान्यता के दौरान पदोन्नत न किया गया हो, केवल उसके पूर्वत्तर चयन के तथ्य के कारण से ही उन व्यक्तियों के ऊपर, जिन पर पश्चात्वर्ती चयन में विचार किया गया हो वरिष्ठता का दावा नही रहेगा ।

(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची का पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण प्रतिवर्ष किया जावेगा ।

(5) यदि चयन, पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण की प्रक्रिया में सेवा के किसी सदस्य को अतिष्ठित किया जाना प्रस्तावित किया जाता है तो समिति प्रस्तावित अतिष्ठित किए जाने के सम्बन्ध में अपने कारणों को लेखबद्ध करेगी ।

16. चयन सूची- (1) नियुक्ति प्राधिकारी अन्य सुसंगत दस्तावेजों के साथ-साथ समिति द्वारा तैयार की गई सूची पर विचार करेगा और जब तक वह कोई परिवर्तन आवश्यक न समझे, सूची को अनुमोदित करेगा ।

(2) यदि नियुक्ति प्राधिकारी, समिति से प्राप्त चयन सूची में कोई परिवर्तन करना आवश्यक समझता है तो वह प्रस्तावित परिवर्तनों के लिए कारणों के साथ उक्त सूची समिति को लौटा देगा । समिति, प्रस्तावित परिवर्तनों पर विचार करने के पश्चात् सूची मे ऐसे उपांतरण कर सकेगी जो उसकी राय मे न्याय सगत व उचित है ।

(3) नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अतिम रूप से यथा अनुमोदित सूची सेवा के सदस्यों की अनुसूची-चार के कालम (2) में पदों से उक्त अनुसूची के कालम (3) में विनिर्दिष्ट पद। पर पदोन्नति के लिए चयन सूचा होगी ।

(4) चयन सूची सामान्यत: तब तक प्रदत रहेगी जब तक नियम 15 के उपनियम (4) के अनुसार उसका पुनर्विलकिन या पुनरीक्षण न किया जाए किन्तु उसकी विधि मान्यता उसके तैयार किये जाने का तारीख से 18 मास को कुल कालावधि से परे नही बढ़ाई जाएगी :

परन्तु चयन सूची में सम्मिलित किसी व्यक्ति की ओर से आचरण या कर्त्तव्यों के निर्वहन में गंभीर चूक होने की दशा में, चयन सूची का विशेष रूप से पुनर्विलोकन नियुक्ति प्राधिकारी की प्रेरणा पर किया जा सकेगा ।

17. चयन सूचि से सेवा में नियुक्ति- (1) चयन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों की सेवा के संवर्ग के अन्तर्गत आने वाले पदों पर नियुक्तियाँ उसी क्रम से की जाएंगी जिस क्रम से ऐसे कर्मचारियों के नाम चयन सूची में हों ।

(2) उस व्यक्ति की, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित हो, सेवा में नियुक्ति के पूर्व समिति से परामर्श करना सामान्यत: तब तक आवश्यक नहीं होगा जब तक कि ऐसी सूची में उसका नाम सम्मिलित करने तथा प्रस्तावित नियुक्ति की तारीख के बीच की कालावधि के दौरान उसके कार्य में ऐसी कोई गिरावट न आ गई हो, जो नियुक्ति प्राधिकारी की राय में ऐसी हो जिसके कारण वह सेवा में नियुक्ति के लिये अनुपयुक्त हो गया हो ।

18. परिवीक्षा- सेवा में सीधी भरती किए गए प्रत्येक व्यक्ति को दो वर्ष की काला- बधि के लिए परिवीक्षा पर नियुक्ति किया जाएगा ।

19. निर्वचन- यदि इन नियमों के निर्वचन के संबंध में कोई प्रश्न उद्‌भूत होता है तो वह सरकार को निर्दिष्ट किया जाएगा जिसका उस पर विनिश्चय अंतिम होगा ।

20. शिथिलीकरण- इन नियमों की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि यह किसी ऐसे व्यक्ति के मामले में जिसे ये नियम लागू होते हैं, ऐसी रीति में कार्यवाही करने की राज्यपाल की शक्ति को, जो उसे न्यायसंगत तथा साम्यापूर्ण प्रतीत होती हो, सीमित या कम करती है :

परन्तु किसी मामले को ऐसी रीति से निपटाया नहीं जाएगा जो इन नियमों में उपबंधित रीति की अपेक्षा उसके लिए कम अनुकूल हो ।

21. व्यावृत्ति – इन नियमों की कोई भी बात अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर इस संबंध में जारी किए गये आदेशों के अनुसार उपबंधित किये जाने हेतु अपेक्षित आरक्षण तथा अन्य शर्तो को प्रभावित नहीं करेगी ।

22. निरसन- वे समस्त नियम, जो इन नियमों के तत्स्थानी तथा उनके प्रारंभ होने के ठीक पूर्व प्रवृत्त हों, इन नियमों के अन्तर्गत आने वाले विषयों के सम्बन्ध में एतद्द्वारा निरस्त किये जाते हैं :

परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन किए गए किसी आदेश या की गई कोई कार्यवाही के सम्बन्ध में यह समझा जाएगा कि वह इन नियमों के तत्स्थानी उपबन्धों के अधीन किया गया है या की गई है ।


अनुसूची-एक

[ नियम 5 देखिये ]

अनु० क्रमांक

सेवा में सम्मिलित पदों के नाम

पदों की संख्या

वर्गीकरण

वेतनमान

नियुक्ति प्राधिकारी

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

(6)

1.

अधीक्षक

2

तृतीय श्रेणी लिपिकीय सेवा

रु० 1540-40-1620-50-2320-60-2740

संचालक पेंशन तथा कर्मचारी कल्याण

2.

संपर्क अधिकारी

1

तदैव

रु० 1540-40-1620-50-2320-60-2740

तदैव

3.

सहायक आन्तरिक लेखा परिक्षण (अधिकारी) (एस० ए० एस०)

4

तदैव

रु०1500-40-1620-50-2320-60-2680

तदैव

4.

स्टेनोग्राफर

2

तदैव

रु० 1290-30-1560-40-2040

तदैव

5.

सहायक

6

तदैव

रु० 1260-30-1440-30-1860

तदैव

6.

उच्च श्रेणी लिपिक

8

तदैव

रु० 975-25-1000-30-1210-40-1450-50-1650

तदैव

7.

स्टेनो टायपिस्ट

3

तदैव

रु० 870-20-910-25-1010-30-1220-40-1420

+विशेष वेतन रुपये 40 प्रतिमाह

तदैव

8.

निम्न श्रेणी लिपिक

13

तदैव

रु० 870-20-910-25-1010—30-1220-40-1420

तदैव


अनुसूची – दो

[ नियम 6 देखिये ]

अनु०क्रमांक

पद का नाम

पदों की संख्या

भरे जाने वाले पदों की संख्या का प्रतिशत

अन्य सेवाओं के व्यक्तियों के स्थानांतरण द्वारा

सीधी भरती द्वारा

पदोन्नति द्वारा

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

(6)

1.

अधीक्षक

2

....

100%

अन्य सेवाओं से प्रतिनियुक्ति द्वारा (यदि उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न हो)

2.

संपर्क अधिकारी

1

....

100%

तदैव

3.

सहायक आन्तरिक लेखा परिक्षण (अधिकारी) (एस० ए० एस०)

4

....

मध्य प्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा से प्रतिनियुक्ति द्वारा

4.

स्टेनोग्राफर

2

100% प्रतिशत

....

....

5.

सहायक

6

25 प्रतिशत

75 प्रतिशत

....

6.

उच्च श्रेणी लिपिक

8

....

100% प्रतिशत

....

7.

स्टेनो टायपिस्ट

3

100% प्रतिशत

....

....

8.

निम्न श्रेणी लिपिक

13

80 प्रतिशत

20 प्रतिशत

उन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से जो हायर सेकेंडरी या 10+2 शिक्षा पद्धति के अधीन हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण हो तथा 5 वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण कर चुके हों |


अनुसूची-तीन

[ नियम 8 देखिये ]

अनु०क्रमांक

पदाभिधान

न्यूनतम आयु सीमा

अधिकतम आयु सीमा

विहित शैक्षणिक अर्हता (न्यूनतम)

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

1.

सहायक

21 वर्ष

38 वर्ष

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की स्नातक उपाधि एवं शासकीय सेवा का पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए |

2.

स्टेनोग्राफर

18 वर्ष

30 वर्ष

1. हायर सेकेंडरी या 10+2 शिक्षा पद्धति के अधीन हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए |

2. किसी मान्यता प्राप्त संस्था से या मध्य प्रदेश शीघ्रलेखन एवं मुद्रलेखन बोर्ड से हिंदी शीघ्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए

3.

स्टेनो टायपिस्ट

18 वर्ष

30 वर्ष

1. हायर सेकेंडरी या 10+2 शिक्षा पद्धति के अधीन हाई स्कूल परीक्षा या उसके समकक्ष अन्य परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए तथा मध्य प्रदेश शीघ्रलेखन मुद्रलेखन बोर्ड से या किसी अन्‍य मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍था से हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए

2. शीघ्रलेखन का ज्ञान आवश्यक है तथा 60 शब्द प्रति मिनिट की गति होना चाहिए

4.

निम्न श्रेणी लिपिक

18 वर्ष

30 वर्ष

हायर सेकेंडरी या 10+2 शिक्षा पद्धति के अधीन हाईस्कूल या उसके समकक्ष कोई अन्य परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए तथा मध्यप्रदेश शीघ्रलेखन तथा मुद्रलेखन बोर्ड से या किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्था से हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए |


अनुसूची – चार

[ नियम 14 देखिये ]

अनुक्रमांक

उस पद का नाम जिससे पदोन्नति की जाना है

उस पद का नाम जिस पर पदोन्नति की जाना है

कालम (2) में दर्शाये गए पद पर अपेक्षित अनुभव

विभागीय पदोन्नति समिति के सदस्य

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

1.

सहायक

अधीक्षक / संपर्क अधिकारी

5 वर्ष

(1) संयुक्त संचालक, पेंशन अधीक्षक

(2) उप-संचालक, प्रशासन सदस्य

(3) उप संचालक, कर्मचारी कल्याण, सदस्य

2.

उच्च श्रेणी लिपिक

सहायक

5 वर्ष का अनुभव तथा लेखा परीक्षा उत्तीर्ण

तदैव

3.

निम्न श्रेणी लिपिक

उच्च श्रेणी लिपिक

5 वर्ष का अनुभव

तदैव


नवीनीकृत: 11-Apr-2017