मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भरती नियम , 1990
क्र० एफ० 1-163-89-बयालीस-भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये मध्य प्रदेश के राज्यपाल, एतद्द्वारा, मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षा राजपत्रित सेवा शिक्षण संवर्ग में भरती से सम्बन्धित निम्नलिखित नियम बनाते है. अर्थात -
नियम
1. संक्षिप्त नाम- इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भरती नियम, 1990 है ।
2. परिभाषाएँ-- इन नियमों में जब तक सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो--
(क) सेवा के सम्बन्ध में ''नियुक्ति प्राधिकारी'' से अभिप्रेत है सरकार;
(ख) ''आयोग'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग;
(ग) ''परीक्षा'' से अभिप्रेत है सेवा में भरती के लिये इन नियमों के नियम 11 के अधीन आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा;
(घ) ''अनुसूची'' से अभिप्रेत है इन नियमों से संलग्न अनुसूची;
(ङ) ''अनुसूचित जाति'' से अभिप्रेत है कोई जाति, मूलवंश या जनजाति अथवा ऐसी जाति, मूलवंश या जनजाति का भाग या उसमें का यूथ जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है;
(च) ''अनुसूचित जनजाति'' से अभिप्रेत है कोई जनजाति या जनजाति समुदाय अथवा ऐसी जनजाति या जनजाति समुदाय का भाग या उसमें का यूथ जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में इस रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है;
(छ) ''सेवा'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षा राजपत्रित सेवा;
3. विस्तार तथा लागू होना- मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 में अन्तर्विष्ट उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ये नियम सेवा के प्रत्येक सदस्य को लागू होगे ।
4. सेवा का गठन-. सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति होंगे, अर्थात्-.
(1) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के समय अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों को मूल रूप से धारण कर रहे हों;
(2) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के पूर्व सेवा में भरती किये गये हों; और
(3) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के उपबन्धों के अनुसार सेवा में भरती किये गये हों;
5. वर्गीकरण वेतनमान आदि- सेवा का वर्गीकरण, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या एवं उससे संबद्ध वेतनमान अनुसूची-एक में विनिष्ट किये गये अनुसार होगा :
परन्तु, सरकार सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या में, समय-समय पर, या तो स्थायी या अस्थायी आधार पर वृद्धि या कमी कर सकेगी ।
6. भरती का तरीका- (1) इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात सेवा में भरती निम्मलिखित तरीकों से की जायेगी, अर्थात्-
(क) प्रतियोगिता परीक्षा / चयन द्वारा सीधी भरती द्वारा;
(ख) अनुसूची चार के कालम (2) में विनिर्दिष्ट सेवा में पहले से ही कार्यरत सदस्यों की पदोन्नति द्वारा;
(ग) उन व्यक्तियों के स्थानान्तरण द्वारा जो ऐसी सेवाओं में ऐसे पद मूलत: धारण किये हों जो अनुसूची-दो में विनिर्दिष्ट किये गये हैं;
(घ) अनुसूची तीन-अ में विनिर्दिष्ट रीति में सरकार द्वारा अपने हाथ में लिये गये अशासकीय विविध शिल्प शालाओं के अध्यापन कर्मचारिवृन्द के आमेलन द्वारा ।
(2) उपनियम (1) खण्ड (ख) या खण्ड (ग) के अधीन भरती किये गये व्यक्तियों की संख्या किसी भी समय अनुसूची-एक में यथा विनिर्दिष्ट कर्त्तव्य पदों की संख्या के अनुसूची-दो में दर्शाये गये प्रतिशत से अधिक नहीं होगी ।
(3) इन नियमों के उपबन्धों के अधीन रहते हुये सेवा में किसी ऐसे विशिष्ट पद या पदों को, जिन्हें भरती की किसी विशिष्ट कालावधि के दौरान भरा जाना अपेक्षित हो, भरे जाने के प्रयोजन के लिये अपनाया जाने वाला भरती का तरीका या तरीके, तथा प्रत्येक तरीके द्वारा भरे जाने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रत्येक अवसर पर सरकार द्वारा आयोग- के परामर्श से अवधारित की जायेगी ।
(4) उपनियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी, यदि सरकार की राय में सेवा की अत्यावश्यकताएँ को देखते हुये ऐसा करना आवश्यक हो, तो सरकार, कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग, की पूर्व सहमति से, उक्त उपनियम में विनिर्दिष्ट सेवा में भरती के तरीकों से भिन्न ऐसे अन्य तरीके अपना सकेगी, जो वह इस निमित्त जारी किये गये आदेश द्वारा विहित करे ।
7. सेवा में नियुक्ति- इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात् सेवा में समस्त नियुक्तियां सरकार द्वारा की जायेंगी और ऐसी कोई भी नियुक्ति नियम 6 में विनिर्दिष्ट भरती के तरीकों में से किसी एक तरीके द्वारा चयन करने के बाद ही की जाएगी अन्यथा नहीं ।
8. सीधी भरती की पात्रता की शर्तें- परीक्षा / चयन में भाग लेने के लिये पात्र होने हेतु अभ्यर्थी को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी चाहिये, अर्थात्-
(एक) आयु (क) उसने परीक्षा / चयन प्रारम्भ होने की तारीख की ठीक आगामी जनवरी के प्रथम दिन को अनुसूची-तीन के कालम (3) में विनिर्दिष्ट आयु पूरी कर ली हो, किन्तु उक्त अनुसूची के कालम (4) में विनिर्दिष्ट आयु पूरी न की हो |
(ख) यदि अभ्यर्थी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का हो तो अधिकतम आयु सीमा में अधिकतम पांच वर्ष तक की छूट दी जायेगी ।
(ग) ऐसे अभ्यर्थियों के मामले में, जो मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी हों या रह चुके हों, उच्चत्तर आसु सीमा में नीचे विनिर्दिष्ट सीमा तक तथा शर्तों के अधीन रहते हुए छूट दी जायेगी-
(एक) ऐसा अभ्यर्थी; जो स्थायी सरकारी सेवक हो, 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए ।
(दो) ऐसा अभ्यर्थी, जो अस्थायी रूप से पद धारण कर रहा हो और अन्य किसी पद के लिये आवेदन कर रहा हो, 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए । यह रियायत, आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारियों तथा परियोजना कार्यान्वयन समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को भी अनुज्ञेय होगी ।
(तीन) ऐसे अभ्यर्थी को, जो छटनी किया गया सरकारी सेवक हो, अपनी आयु में से उसके द्वारा पूर्व में की गयी सम्पूर्ण अस्थायी सेवा की अधिक से अधिक सात वर्ष तक की कालावधि, भले हीं वह कालावधि एक से अधिक बार की गयी सेवाओं का योग हो, कम करने के लिये अनुज्ञात किया जायेगा, बशर्ते कि इसके परिणामस्वरूप आयु उच्चत्तर आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।
स्पष्टीकरण- पद ''छटनी किया गया सरकारी सेवक'' से द्योतक है ऐसा व्यक्ति, जो इस राज्य की या उसकी संघटक इकाइयों में से किसी संघटक इकाई की अस्थायी सरकारी सेवा में कम से कम छह माह तक की निरन्तर कालावधि तक रहा हो और जिसे रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने या सरकारी सेवा में नियोजन के लिये अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व स्थापना में कमी किये जाने के कारण सेवोन्मुक्त किया गया हो ।
(चार) ऐसे अभ्यर्थी को, जो भूतपूर्व सैनिक हो, अपनी आयु में से उसके द्वारा पूर्व में की गयी सम्पूर्ण प्रतिरक्षा सेवा की कालावधि कम करने के लिये अनुज्ञात किया जायेगा, बशर्ते इसके परिणामस्वरूप आयु उच्चतर आयु-सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।
स्पष्टीकरण- पद ''भूतपूर्व सैनिक'' से द्योतक है, ऐसा व्यक्ति जो निम्नलिखित प्रवर्गो में से किसी एक प्रवर्ग का हो तथा जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छह मास की निरन्तर कालावधि तक नियोजित रहा हो और जिसकी किसी भी रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने की या सरकारी सेवा में नियोजन हेतु अन्यथा आवेदन करने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व मितव्ययिता इकाई की सिफारिश के परिणामस्वरूप या स्थापना में सामान्य रूप से कमी की जाने के कारण छटनी कर दी गयी हो या जिसे अधिशेष घोषित कर दिया गया हो--
(1) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें समय पूर्व सेवा निवृत्ति रियायतों के अधीन सेवा से मुक्त कर दिया गया हो ।
(2) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें दूसरी बार भरती किया गया हो और जो-
क-अल्पकालीन अवधि पूर्ण हो जाने पर;
ख-भरती की शर्तो को पूर्ण कर लेने पर सेवोन्मुक्त कर दिए गए हों;
(3) मद्रास सिविल इकाई (यूनिट) के भूतपूर्व कर्मचारी;
(4) ऐसे अधिकारी (सैनिक तथा सिविल) जिन्हें उनकी संविदा पूर्ण होने पर सेवोन्मुक्त किया गया हो (जिसमें अल्पावधि सेवा के नियमित कमीशन प्राप्त अधिकारी भी सम्मिलित हैं;
(5) ऐसे अधिकारी, जिन्हें अवकाश रिक्तियों पर छह मास से अधिक समय तक निरन्तर कार्य करने के बाद सेवोन्मुक्त किया गया हो;
(6) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें अशक्त होने के कारण सेवा से अलग कर दिया गया हो;
(7) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें इस आधार पर सेवोन्मुक्त किया गया हो कि वे अब दक्ष सैनिक बनने योग्य नहीं हैं;
(8) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें गोली लगने, घाव आदि हो जाने के कारण चिकित्सीय आधार पर सेवा से अलग कर दिया गया हो ।
(घ) ऐसे अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में जो मध्य प्रदेश राज्य निगमों।मण्डलों के कर्मचारी हैं, उच्चतर आयु-सीमा में 38 वर्ष तक की छुट दी जायेगी ।
(ड)विधवा निराश्रित तथा तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों के लिये सामान्य उच्चतर आयु-सीमा 35 वर्ष होगी ।
(च) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रीन कार्ड धारण करने वाले अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में भी उच्चतर आयु-सीमा में दो वर्ष तक की छूट दी जायेगी ।
(छ) आदिमजाति, हरिजन एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अधीन पुरस्कृत दम्पत्ति के सवर्ण पति / पत्नी को सामान्य उच्चतर आयु-सीमा में 5 वर्ष तक की छूट दी जायेगी ।
(ज) ''विक्रम अवार्ड'' धारण करने वाले अभ्यर्थियों को भी सामान्य उच्चतर आयु-सीमा में 5 वर्ष तक की छूट दी जायेगी ।
(झ) स्वयंसेवी नगर सैनिकों (होम गार्डस) तथा नगर सैनिकों के नॉनकमीशन्ड अधिकारियों के मामले में उनके द्वारा इस प्रकार की गई सेवा की कालावधि के लिये अधिकतम आयु सीमा में अधिक से अधिक 8 वर्ष तक की छूट दी जायेगी, किन्तु किसी भी मामले में उनकी आयु 38 वर्ष से अधिक नहीं होगी ।
टिप्पणी – ऐसे अभ्यर्थी, जिन्हें उपरोक्त नियम 8 (ग) (एक) तथा (दो) में उल्खिखित आयु संबंन्धी रियायतों के अन्तर्गत परीक्षा/चयन में प्रवेश दिया गया हो, उस स्थिति में नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे यदि वे आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् या तो परीक्षा लिये जाने के पूर्व या पश्चात् सेवा से त्याग पत्र दे दें। तथापि वे पात्र बने रहेंगे यदि आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् उनकीसेवा या पद से छटनी की गई हो।
विभागीय अभ्यर्थियों को परीक्षा में उपस्थित होने के लिये नियुक्ति प्राधिकारी से पूर्व अनुज्ञा प्राप्त करनी होगी ।
( दो) शैक्षणिक अर्हताएं-- उनके पास ऐसी शैक्षणिक अर्हताएं होनी चाहिये, जो कि अनुसूची-तीन में दर्शाए गए अनुसार सेवा के लिये विहित की गई हो :
परन्तु-
(क) आपवादिक मामलों में सरकार की सिफारिश पर, आयोग, किसी ऐसे अभ्यर्थी को अर्ह मान सकेगा, जो यद्यपि इस खण्ड में विहित की गई अर्हताओं में से कोई अर्हता रखता हो, किन्तु जिसने अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित परिक्षाएं ऐसे स्तर से उत्तीर्ण की हो, जो आयोग की राय में अभ्यर्थी के चयन के लिए परीक्षा में प्रवेश दिए जाने या विचार किए जाने को न्यायोचित ठहराती हों, तथा-
(ख) ऐसे अभ्यर्थियों को भी जो अन्यथा अर्ह है, किन्तु जिन्होंने उन विदेशी विश्वविद्यालयों से, जिन्हें सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट रूप से मान्यता प्रदान नहीं की गई है डिग्री प्राप्त की है, चयन / परीक्षा में प्रवेश दिए जाने पर आयोग के विवेकानुसार विचार किया जाएगा ।
( तीन) फीस-- उसे आयोग द्वार विहित की गयी फीस का भुगतान करना होगा ।
9. निरर्हताएं - अभ्यर्थी की ओर से अपनी अभ्यर्थिता के लिये किन्हीं भी साधनों से समर्थन अभिप्राप्त करने के किसी भी प्रयास को आयोग द्वारा उसके परीक्षा में प्रवेश / चयन के लिये निरर्हकारी माना जा सकेगा ।
10. अभ्यर्थी की पा त्रता के सम्बन्ध में आयोग का विनिश्चय अन्तिम होगा- परीक्षा / चयन में प्रवेश के सम्बन्ध में किसी भी अभ्यर्थी की पात्रता या अन्य बात के सम्बन्ध में आयोग का विनिश्चय अन्तिम होगा तथा आयोग द्वारा ऐसे किसी भी अभ्यर्थी का साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा जिसे आयोग ने प्रवेश प्रमाण-पत्र जारी न किया हो ।
11. प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भरती.- (1) सेवा में भरती के लिए प्रतियोगी परीक्षा ऐसे अन्तरालों से ली जाएगी, जैसा सरकार आयोग के परामर्श से, समय-समय पर ।
(2) आयोग द्वारा परीक्षा ऐसे आदेशों के अनुसार संचालित की जायेगी जैसे सरकार आयोग के परामर्श से, समय-समय पर जारी करे ।
(3) सीधी भरती के लिये उपलब्ध रिक्त स्थानों में से 15 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत स्थान क्रमश: अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जन-जातियों के सदस्यों के लिये आरक्षित रखे जायेंगे ।
(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय उन अभ्यर्थियों का, जो अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हैं, नियुक्त के लिये विचार उसी क्रम से किया जायेगा, जिस क्रम में उनके नाम नियम 12 में विनिर्दिष्ट सूची में आये हों, चाहे अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका सापेक्षित स्थान (रेंक) कुछ भी क्यों न हो ।
(5) अनुसूचित जातियों अथवा अनुसूचित जनजातियों के उन अभ्यर्थियों को जिन्हें आयोग ने प्रशासन की दक्षता बनाये रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुये, सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त होने की सिफारिश की हो, उपनियम (3) के अधीन, यथास्थिति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रिक्त स्थानों पर नियुक्त किया जा सकेगा ।
(6) यदि अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी, जो आवश्यक अर्हता रखते हों, उनके लिए आरक्षित सभी रिक्त स्थानों को भरने के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हों, तो शेष रिक्तियाँ अनन्य रूप से इन अभ्यर्थियों के लिए पुन: विज्ञापित की जायेगी, यदि पुन: विज्ञापन के पश्चात् भी कोई रिक्तियाँ भरे जाने से शेष रह जाये, तो वे सामान्य अभ्यर्थियों में से भरी जायेगी तथा पश्चात्वर्ती चयन के दौरान उतनी ही संख्या में अतिरिक्त रिक्तियाँ यथास्थिति, अनुसूचित जातियों अथवा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रखी जायेगी :
परन्तु अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियो के अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रिक्तियों की कुल संख्या (जिनमें अग्रनीत रिक्तियाँ भी सम्मिलित हैं) किसी भी समय, विज्ञापित की गई कुल रिक्तियों के पैंतालीस प्रतिशत से अधिक नहीं होगी ।
(7) जब सीधी भरती द्वारा पद भरे जाने के लिए अत्यावश्यक शर्त के रूप में अनुभव की एक निश्चित कालावधि विहित की गई हो और लोक सेवा आयोग की राय में आरक्षित पदों पर भरती के लिये आवश्यक अनुभव प्राप्त अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होने की सम्भावना न हो, तो लाक सेवा आयोग, अनुसूचित जातियों / अनुसूचित जनजतियों के अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में अनुभव की शर्त को शिथिल कर सकेगा ।
11-. चयन द्वारा सीधी भरती- , (1) सेवा में भरती के लिये चयन ऐसे अन्तरालों पर किया जायेगा, जैसा कि सरकार आयोग के परामर्श से समय-समय पर अवधारित करे ।
(2) सेवा के लिये अम्यर्थियों का चयन आयोग द्वारा उनका साक्षात्कार करने के पश्चात् किया जायेगा ।
(3) सीधी भरती के लिए रिक्त स्थानों के 15 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत स्थान क्रमश: अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रखे जायेंगे ।
(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरते समय उन अभ्यर्थियों का, जो अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों, नियुक्ति के लिए विचार उसी क्रम मे किया जायेगा, जिस क्रम में उनके नाम नियम 12 में निर्दिष्ट सूची में आये हों, चाहे अन्य अम्यर्थियों की तुलना में उनका सापेक्षित स्थान (रैंक) कुछ भी क्यों न हो ।
(5) अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों, के उन अभ्यर्थियों को, जिन्हें आयोग ने, प्रशासन की दक्षता बनाये रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुये सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त घोषित किया हो, उपनियम (3) के अधीन यथास्थिति अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रिक्त स्थानों पर नियुक्त किया जा सकेगा ।
(6) यदि अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी, उनके लिये आरक्षित, सभी रिक्त स्थानों को भरने के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हों, तो शेष रिक्त स्थान उस स्थिति में, जब चयन साक्षात्कार द्वारा किया जाना हो, दो बार केवल इन अभ्यर्थियों के लिए पुन: विज्ञापित किये जायेंगे । यदि पुन: विज्ञापन के पश्चात् भी कोई रिक्त स्थान भरने से शेष रह जाते हैं तो वे सामान्य अभ्यर्थियों से भरे जायेंगे और पाश्चात्वर्ती चयन के दौरान उतनी ही संख्या में अतिरिक्त रिक्त स्थान यथास्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यार्थियों के लिए आरक्षित रखे जायेंगे :
परन्तु अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित रिक्त स्थानों की कुल संख्या (जिसमें अग्रनीत किये गये रिक्त स्थान भी सम्मिलित हैं) विज्ञापित किये गये कुल रिक्त स्थानों के पैंतालीस प्रतिशत से किसी भी समय अधिक नहीं होगी ।
(7) जब सीधी भरती द्वारा पद भरे जाने के लिए अत्यावश्यक शर्त के रूप में अनुभव की एक निश्चित कालावधि निश्चिचत की गई हो और लोक सेवा आयोग की राय में आरक्षित पदों पर भरती के लिए आवश्यक अनुभव प्राप्त अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होने की सम्भावना न हो, तो लोक सेवा आयोग, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में अनुभव की शर्त को शिथिल कर सकेगा ।
12. आयोग द्वारा सिफारिश किये गये अम्यर्थीयों की सूची-- (1) आयोग अपने द्वारा अवधारित किये गये मानकों के अनुसार अर्हित अम्यर्थियों की योग्यता क्रम से बनाई गई सूची और अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के ऐसे अभ्यर्थियों की सूची, जो यद्यपि उस मानक से अर्हित न हों, किन्तु प्रशासन की दक्षता बनाये रखने का सम्यक् ध्यान रखते हुये, आयोग द्वारा सेवा में नियुक्ति के लिए योग्य घोषित किये गये हों सरकार को भेजेगा, यह सूची सर्वसाधारण की जानकारी के लिये भी प्रकाशित की जायेगी ।
(2) इन नियमों तथा मध्य प्रदेश सिवलि सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के उपबन्धों के अधीन रहते हुये, उपबन्ध रिक्त स्थानों पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों के नामों पर उस क्रम में विचार किया जायेगा, जिसमें कि उनके नाम सूची में आये हों ।
(3) सूची में किसी अभ्यर्थी का नाम सम्मिलित किए जाने से उसे नियुक्ति का कोई अधिकार प्राप्त नहीं हो जाता, जब तक कि सरकार का, ऐसी जाँच करने के पश्चात् जो कि वह आवश्यक समझे, यह समाधान न हो जाये कि अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिये सभी प्रकार से उपयुक्त है ।
(4) चयन सूची आयोग द्वारा उसके जारी किये जाने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिये विधिमान्य रहेगी ।
13. पदोन्नति द्वारा नियुक्ति— (1) पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति हेतु प्राथमिक चयन करने के ये एक समिति का गठन किया जायेगा जिसमें अनुसूची-चार में वर्णित सदस्य होंगे ।
(2) समिति सामान्यत: एक वर्ष से अनधिक के अन्तरालों में अपनी बैठक करेगी ।
(3) ऐसे पदों में जिनमें पदोन्नति की प्रतिशतता 33-1/2 प्रतिशत या उससे अधिक है पदोन्नति के लिये उपलब्ध रिक्तियों का 15 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत क्रमश: अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उन अधिकारियों के लिये, जो नियम 14 के उपबन्धों के अनुसार पदोन्नति के पात्र हों, आरक्षित रखा जायेगा (उक्त प्रथम श्रेणी के पदों के मामले में संवर्ग के निम्नतम टैंक के लिए आरक्षण ग्राह्य होगा) ।
(4) आरक्षित रिक्तियों में पदोन्नति करने के लिये प्रक्रिया, सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार होगी ।
14. पदोन्नति के लिये पात्रता सम्बन्धी शर्ते- (1) उपनियम (2) के उपबन्धों के अधीन रहते हुये समिति उन सभी व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी, जिन्होंने उस वर्ष की पहली जनवरी को उन पदों पर, जो अनुसूची-चार के कालम (2) में वर्णित हो अथवा ऐसे किसी अन्य पद / पदों पर, जिन्हें सरकार द्वारा उनके समतुल्य घोषित किया गया हो, उतने वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो और जो अनुसूची चार के कालम (5) में विनिर्दिष्ट किये गये अनुसार शैक्षणिक अर्हता तथा अनुभव रखते हो, तथा जो उपनियम
(2) के उपबन्धों के अनुसार विचार के क्षेत्र (जोन आफ कन्सीडरेशन में आते हों :
परन्तु आपातकालीन तथा अल्पकालीन सेवा कमीशन से नियुक्त किये गये अधिकारियों की सेवाओं की गणना उनकी नियुक्ति के पश्चात् उस तारीख से की जायेगी, जिस तारीख से उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्र० 2266-1987-एक-3-67, तारीख 21 अक्टूबर, 1967 के अनुसार नियुक्त किया गया समझा गया हो :
परन्तु यह भी कि किसी कनिष्ठ व्यक्ति को, उससे वरिष्ठ व्यक्ति पर अधिमानता देकर, प्रवर श्रेणी/पदोन्नति देने के लिये केवल इस आधार पर विचार नहीं किया जायेगा कि उसने सेवा की विहित कालावधि पूर्ण कर ली है ।
(2) चयन के लिए विचार का क्षेत्र योग्यता तथा वरिष्ठता के आधार पर भरे जाने वाले पदों के मामले में सामान्यत: चयन सूची में सम्मिलित किये जाने वाले अधिकारियों की संख्या के सात गुना तक सीमित होगा:
परन्तु यदि इस प्रकार अवधारित क्षेत्र में उपयुक्त अधिकारी अपेक्षित संख्या में उपलब्ध न हों, तो समिति, उस क्षेत्र को उस सीमा तक, जहाँ तक कि वह आवश्यक समझे, लिखित में कारणों का उल्लेख करते हुए बढ़ा सकेगी ।
15. उपयुक्त अधिकारियों की सूची तैयार करना – (1) समिति ऐसे व्यक्तियों की, एक सूची तैयार करेगी जो उपरोक्त नियम 14 में विहित शर्तों को पूरा करते हों तथा जो समिति द्वारा सेवा में पदोन्नति के लिए उपयुक्त ठहराए गए हों । यह सूची चयन सूची के तैयार किए जाने की तारीख से एक वर्ष के दौरान सेवा निवृत्ति तथा पदोन्नति के कारण होने वाली प्रत्याशित रिक्तियों को भरने के लिए पर्याप्त होगी । उक्त सूची में सम्मिलित किए गए व्यक्तियों की संख्या के पच्चीस प्रतिशत व्यक्तियों की एक आरक्षित सूची उपरोक्त कालावधि के दौरान होने वाली अनवेक्षित रिक्तियों को भरने के लिए भी तैयार की जाएगी ।
(2) ऐसी सूची में सम्मिलित करने के लिए किया जाने वाला चयन, वरिष्ठता का सम्यक् ध्यान रखते हुए । योग्यता तथा सभी दृष्टि से उपयुक्तता पर आधारित होगा ।
(3) सूची में सम्मिलित आधिकारियों के नाम प्रत्येक चयन सूची तैयार करते समय अनुसूची-चार के कालम (2) में यथा विनिर्दिष्ट सेवा या पदों में वरिष्ठता के क्रम से रखे जायेगे ।
परन्तु किसी ऐसे कनिष्ठ अधिकारी को, जो समिति की राय में असाधारण रूप से योग्य तथा उपयुक्त हो, उससे वरिष्ठ अधिकारियों की तुलना में सूची में उच्चतर स्थान दिया जा सकेगा ।
स्पष्टीकरण - ऐसे किसी व्यक्ति का, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित किया गया हो, किन्तु जिसे सूची की विधिमान्यता के दौरान पदोन्नत नहीं किया गया है, केवल उसके पूर्वतर चयन के तथ्य से ही उन व्यक्तियों के ऊपर, जिन पर पश्चातवर्ती चयन में विचार किया गया है, वरिष्ठता का कोई दावा नहीं होगा ।
(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची का प्रत्येक वर्ष पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण किया जाएगा ।
(5) यदि चयन, पुनर्विलोकन अथवा पुनरीक्षण की प्रक्रिया में सेवा के किसी सदस्य को अधिक्रमित किया जाना प्रस्तावित हो तो समिति प्रस्तावित अधिक्रमण के सम्बन्ध में अपने कारणों को लेखबद्ध करेगी ।
16. आयोग से परामर्श- विभागीय पदोन्नति समिति की, जिसकी अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष या किसी सदस्य द्वारा की गई हो, सिफारिश के सम्बन्ध में यह समझा जाएगा कि संविधान के अनुच्छेद 320 के खण्ड (3) के उप-खण्ड (ख) के अधीन आयोग से परामर्श करने सम्बन्धी अपेक्षा का अनुपालन कर लिया गया है और आयोग से पृथक से परामर्श करने की आवश्यकता नही होगी ।
17. चयन सूची— (1) सरकार द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित की गई सूची अनुसूची चार के कालम (3) में यथाविनिर्दिष्ट सेवा के सदस्यों की उक्त अनुसूची के कालम (2) से पदोन्नति के लिए चयन सूची होगी ।
(2) चयन सूची सामान्यत: तब तक प्रवृत्त रहेगी जब तक कि नियम 15 के उपनियम (4) के अनुसार उसका पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण नहीं कर लिया जाता, किन्तु उसकी विधिमान्यता ऐसी सूची तैयार करने की तारीख से 18 मास की कुल कालावधि के परे नहीं बढ़ायी जायेगी:
परन्तु चयन सूची में सम्मिलित किसी व्यक्ति की ओर से आचरण या कर्त्तव्यों के निर्वहन में गंभीर चूक होने की दशा में, चयन सूची का विशेष रूप से पुनर्विलोकन सरकार की प्रेरणा पर किया जा सकेगा और यदि आयोग उचित समझे, तो वह चयन सूची से ऐसे व्यक्ति का नाम हटा सकेगा ।
18 चयन सूची से सेवा में नियुक्ति- (1) चयन सूची में सम्मिलित अधिकारियों की सेवा संवर्ग के अन्तर्गत आने वाले पदों पर नियुक्तियाँ उसी क्रम से की जाएगी जिस क्रम में ऐसे अधिकारियों के नाम चयन-सूची में हो:
परन्तु जहाँ प्रशासनिक अत्यावश्यकताओं के कारण ऐसा करना अपेक्षित हो, वहां उस व्यक्ति को, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित न हो या जिसका नाम चयन सूची में ठीक आगे न हो, सेवा में नियुक्त किया जा सकेगा यदि सरकार का यह समाधान हो जाये कि रिक्ति के तीन मास से अधिक चालू रहने की संभावना नहीं है ।
(2) ऐसे किसी व्यक्ति की, जिसका नाम चयन-सूची में सम्मिलित हो, साधारणत: सेवा में नियुक्ति के पूर्व आयोग से परामर्श करना तब तक आवश्यक नहीं होगा जब तक कि चयन-सूची में उसका नाम सम्मिलित करने तथा प्रस्तावित नियुक्ति की तारीख के बीच की कालावधि के दौरान उसके कार्य में ऐसी कोई गिरावट न आयी हो, जो सरकार की राय में ऐसी हो, जिससे वह सेवा में नियुक्ति के लिए अनुपयुक्त हो गया हो ।
19. परिवीक्षा -- सेवा में सीधी भरती किये गये प्रत्येक व्यक्ति को दो वर्ष की कालावधि के लिये परिवीक्षा पर नियुक्त किया जायेगा ।
20. निर्वचन- यदि इन नियमों के निर्वचन के संबंध में कोई प्रश्न उद्भूत होता है, तो उसे सरकार को निर्दिष्ट किया जायेगा, जिसका उस पर विनिश्चय अंतिम होगा ।
21. शिथलीकरण- इन नियमों में की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जायगा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति के मामले में, जिस पर वे नियम लागू होते हैं, राज्यपाल की ऐसी रीति में, जो उसे न्यायसंगत और साम्यपूर्ण प्रतीत हो, कार्यवाही करने की शक्ति को सीमित या कम करती है :
परन्तु किसी मामले को ऐसी रीति में नहीं निबटाया जायेगा, जो कि इन नियमों में उपबंधित रीति की अपेक्षा उसके लिये कम अनुकूल हो ।
22. व्यावृत्ति - इन नियमों में दी गई कोई भी बात अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिये राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के अनुसार उपबंधित किये जाने के लिये अपेक्षित आरक्षण तथा अन्य शर्तों को प्रभावित नहीं करेगी ।
23. निरसन और व्यावृत्ति- इन नियमों के तत्स्थानी तथा इनके प्रारंभ होने के ठीक पूर्व प्रवृत्त सभी नियम इन नियमों के अंतर्गत आने वाले विषयों के सम्बन्ध में, एतदद्वारा निरस्त किये जाते हैं :
परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन किया गया कोई भी आदेश या की गई किसी कार्रवाई के सम्बन्ध में यह समझा जाएगा कि वह इन नियमों के तत्स्थानी उपबन्धों के अधीन किया गया है या की गई है ।
|
अनुसूची – एक
[नियम 5 देखिये]
|
|
क्रमांक
(1)
|
सेवा में सम्मिलित पद का नाम
(2)
|
पदों की संख्या
(3)
|
वर्गीकरण
(4)
|
वेतनमान
(5)
|
टिपण्णी
(6)
|
|
1.
|
तकनीकी
प्राचार्य
|
10
|
प्रथम श्रेणी
|
6300-7300
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
2.
|
प्राध्यापक
|
72
|
प्रथम श्रेणी
|
4500-7300
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) अनुप्रयुक्त यांत्रिक
(5) इलेक्ट्रोनिक्स
(6) रासायनिक इंजीनियरी
(7) खनन इंजीनियरी
(8) धातु विज्ञान
(9) औद्योगिक इंजीनियरी /उत्पादन इंजीनियरी
(10) हल्की धातु और मिश्र धातु प्रौद्योगिकी
(11) कंप्यूटर विज्ञान
(12) स्थापत्यकला
|
18
17
16
02
07
02
03
01
02
01
01
02
|
|
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
3.
|
उपाचार्य (रीडर)
|
164
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) अनुप्रयुक्त यांत्रिक
(5) इलेक्ट्रोनिक्स
(6) रासायनिक इंजीनियरी
(7) खनन इंजीनियरी
(8) धातु विज्ञान
(9) हल्की धातु और मिश्र धातु प्रौद्योगिकी
(10) स्थापत्यकला
(11) इंजीनियरी रसायन
(12) कम्प्यूटर (संगणक) इंजीनियरी
|
36
38
31
10
20
06
11
03
02
04
02
01
|
|
|
|
|
4.
|
कर्मशाला अधीक्षक
|
08
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
5.
|
प्रशिक्षण और स्थानन अधिकारी (प्राध्यापक)
|
02
|
प्रथम श्रेणी
|
4500-7300 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
6.
|
प्रशिक्षण और स्थानन अधिकारी (प्राध्यापक)
|
04
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-4000 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
7.
|
प्रशिक्षण और अवकाश रक्षिति (प्राध्यापक)
|
02
|
प्रथम श्रेणी
|
4500-7300 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
8.
|
प्रशिक्षण और अवकाश रक्षिति (उपाचार्य/रीडर)
|
09
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
9.
|
प्रशिक्षण और अवकाश रक्षिति (व्याख्याता)
|
13
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-4000 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
10.
|
सहायक कर्मशाल अधीक्षक
|
17
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-4000 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
11.
|
व्याख्याता
|
249
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-4000 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) अनुपयुक्त यांत्रिक
(5) इलेक्ट्रोनिक
(6) रासायनिक इंजीनियरी
(7) खनन इंजीनियरी
(8) धातु विज्ञान
(9) हल्की धातु और मिश्र धातु (एलाय) प्रौद्योगिकी
(10) कंप्यटर इंजीनियरी
(11) स्थापत्यकला
(12) इंजीनियरी रसायन
|
52
66
49
05
35
11
11
05
01
02
07
05
|
|
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
11-क
|
ज्येष्ठ श्रेणी व्याख्याता
|
|
क्रमांक प्रथम श्रेणी 11 में वर्णित समस्त पद
|
3000-5000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
ज्येष्ठ श्रेणी
व्याख्याता प्रवर श्रेणी
|
|
11-ख
|
प्रवर श्रेणी व्याख्याता
|
|
क्रमांक प्रथम श्रेणी
11 में वर्णित समस्त पद
|
3700-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
व्याख्याता के रूप में रखने के लिए अनुसूची दो की टीप ¾ तथा 5 में अभिकथित प्रक्रिया का अनुसरण किया जायगा
|
|
12.
|
ज्येष्ठ अनुदेशक (रासायनिक (समाप्त होने वाला संवर्ग)
|
02
|
द्वितीय श्रेणी
|
2200-4000
|
|
| |
गैर तकनिकी
|
|
13.
|
प्राध्यापक 24
|
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-4000
|
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) भू/विज्ञान / अनुप्रयुक्त भू-विज्ञान
(5) कम्प्यूटर उपयोजन
|
06
06
07
01
04
|
|
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
14.
|
उपाचार्य (रीडर) 27
|
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) भू/विज्ञान / अनुप्रयुक्त भू-विज्ञान
(5) कम्प्यूटर उपयोजन
|
05
03
11
04
04
|
|
|
|
|
15.
|
व्याख्याता
|
120
|
प्रथम श्रेणी
|
3000-4000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) अंग्रेजी
(5) भू/विज्ञान / अनुप्रयुक्त भू-विज्ञान
(6) कम्प्यूटर उपयोजन
|
34
27
31
09
09
10
|
|
|
|
|
15-क.
15-ख.
|
ज्येष्ठ श्रेणी व्याख्याता
प्रवर श्रेणी व्याख्याता
|
क्रमांक 15 में वर्णित समस्त पद
क्रमांक 15 में वर्णित समस्त पद
|
प्रथम श्रेणी
प्रथम श्रेणी
|
3000-5000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
3700-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
ज्येष्ठ व्याख्यता / प्रवर श्रेणी व्याख्याता के रूप में रखने के लिए अनुसूची दो की टीप ¾ तथा 5 में अभिकथित प्रक्रिया का अनुसरण किया जाएगा
|
|
16.
|
ज्येष्ठ अनुदेशक (समाप्त होने वाला संवर्ग) 04
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
|
02
01
01
|
द्वितीय श्रेणी
|
2200-4000
|
|
|
17.
|
कार्यक्रमक (प्रोग्रामर) 13
पोलिटेकनिक/महिला पोलिटेकनिक तकनीकी
|
|
द्वितीय श्रेणी
|
2200-4000
|
|
|
1.
|
प्राचार्य 37
|
|
प्रथम श्रेणी
|
4500-150-5700-200-6300
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
2.
|
भारतीय दल प्रमुख
पोलिटेक्निक विकास इकाई
|
01
|
प्रथम श्रेणी
|
4500-150-5700-200-6300
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
3.
|
विभागाध्यक्ष
|
|
|
|
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) इलेक्ट्रोनिक तथा टी० वी० इंजीनियरी
(5) इलेक्ट्रोनिक तथा दूर संचार
(6) टेलीविजन इंजीनियरी
(7) अनुप्रयुक्त यांत्रिकी (एप्लाइड मकेनिक्स)
(8) धातु विज्ञान
(9) ऑटो मोबाइल
(10) कपड़ा (टेक्सटाइल)
(11) संरचना इंजीनियरी
(12) खनन
(13) खनन सर्वेक्षण
|
22
30
29
04
06
01
01
01
01
01
03
01
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-125-4950
-150-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
| |
(14) नगर निवेश तथा स्थापत्यकला
(15) स्थापत्यकला मानचित्रकला
(16) उत्पादन इंजीनियरी
(17) औषध निर्माण (फार्मसी)
(18) रासायनिक इंजीनियरी
(19) विशेषज्ञ अध्यापक
(पोलिटेक्निक विकास इकाई)
|
01
03
01
03
01
04
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-125-4950
-150-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
4.
|
व्याख्याता
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) इलेक्ट्रोनिक तथा दूर संचार इंजीनियरी
(5) इलेक्ट्रॉनिक तथा टी० वी० इंजीनियरी
(6) टेलीविजन इंजीनियरी
(7) इंजीनियरी रसायन शास्त्र
|
150
128
108
37
04
05
08
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-75-2800
-100-4000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
| |
(8) धातु विज्ञान
(9) ऑटोमोबाइल
(10) कपड़ा (टेक्सटाइल)
(11) संरचना इंजीनियरी
(12) नगर निवेश तथा स्थापत्यकला
(13) खनन
(14) खनन सर्वेक्षण
(15) स्थापत्यकला मानचित्राकला
(16) औषध निर्माण (फार्मेसी)
(17) उत्पादन इंजीनियरी
(18) रासायनिक इंजीनियरी
(19) अवकाश रक्षिति व्याख्याता
(20) कर्मशाला अधीक्षक
(21) प्रशिक्षण स्थानन अधिकारी
|
07
04
03
02
01
12
02
04
14
03
07
30
30
11
|
प्रथम श्रेणी
|
200-75-2800
-100-4000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
4-क.
|
ज्येष्ठ श्रेणी व्याख्याता
|
क्रमांक 4 में वर्णित समस्त पद
|
प्रथम श्रेणी
|
3000-5000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
ज्येष्ठ श्रेणी व्याख्याता तथा प्रवर श्रेणी व्याख्याता के रूप में रखने के लिए अनुसूची दो की टीप
|
|
4-ख.
|
प्रवर श्रेणी व्याख्याता
|
क्रमांक 4 में वर्णित समस्त पद
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-5700
|
3/4 तथा 5 में अधिकतम प्रक्रिया का अनुसरण किया जायेगा |
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
5.
|
सहायक कर्मशाला अधीक्षक
|
21
|
द्वितीय श्रेणी
|
200-3500
|
राज्य वेतनमान
|
|
6.
|
सहायक व्याख्याता (समाप्त होने वाला संवर्ग)
|
|
|
|
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) धातु विज्ञान
(5) खनन
(6) कपड़ा (टेक्सटाइल)
(7) गणित
(8) वेश भूषा अभिकल्प (डिजाइन) तथा पोषाक निर्माण
(9) सचिवालयीन कार्यप्रणाली तथा शीघ्रलेखन
(10) स्थापत्यकला मानचित्रकला
|
13
16
21
01
01
01
01
02
01
01
|
द्वितीय श्रेणी
|
2200-75-2800-100
4000
|
राज्य वेतनमान
|
|
7.
|
विभागाध्यक्ष
|
| |
गैर तकनिकी
|
| |
(1) वाणिज्यिक कार्यप्रणाली
(2) सचिवालयीन कार्यप्रणाली तथा शीघ्रलेखन
(3) वेशभूषा अभिकल्प (डिजाइन) तथा
पोषाक निर्माण
(4) वीडियो उत्पादन
(5) आन्तरिक सजावट
(6) चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी
(7) कम्प्यूटर उपयोजन
|
05
03
04
01
01
01
03
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-125-4950
150-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
8.
|
व्याख्याता
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) अंग्रेजी
(5) वनस्पति शास्त्र
(6) वाणिज्यिक कार्यप्रणाली
|
29
29
37
36
01
19
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-75-2800-
100-4000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
| |
(7) सचिवालयीन कार्यप्रणाली तथा शीघ्र लेखन
(8) वेशभूषा अभिकल्पन (डिजाइन) तथा पोषाक निर्माण
(9) कम्प्यूटर उपयोजन
(10) चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी
(11) वीडियो उत्पादन
(12) अनुप्रयुक्त फोटोग्राफी
(13) सिनेमोटोग्राफी
(14) वीडियो प्रौद्योगिकी
|
07
03
08
03
02
01
01
01
|
|
|
|
|
8-क.
|
ज्येष्ठ श्रेणी व्याख्याता
|
क्रमांक 8 में वर्णित समस्त पद
|
प्रथम श्रेणी
|
3000-5000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
ज्येष्ठ श्रेणी व्याख्याता प्रवर श्रेणी व्याख्याता के रूप में रखने के लिए अनुसूची दो की
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
|
8-ख.
|
प्रवर श्रेणी व्याख्याता
|
क्रमांक 8 में वर्णित समस्त पद
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-5700 (ए०आई०सी०टी०ई०)
|
टीप ¾ तथा 5 में अभिकथित प्रक्रिया का अनुसरण किया जायगा
|
|
9.
10.
|
(1) आलेखक (स्क्रिप्ट राइटर)
(2) विडियों रेकाडिस्ट
(1) कार्यक्रमक (प्रोग्रामर)
(2) तंग (सिस्टम) विश्लेषक
(3) विडियोंग्राफर
(4) कलाकार
(5) केमरामेन
|
01
01
05
02
01
01
01
|
प्रथम श्रेणी
प्रथम श्रेणी
|
3000-4500
2200-4000
|
राज्य वेतनमान
राज्य वेतनमान
|
|
11.
|
कला निकेतन
|
|
|
|
|
|
(1) प्राचार्य
|
01
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-125-4950-150-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
(2) विभागाध्यक्ष (लेटर प्रेस)
|
01
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-125-4950-150-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
(3) विभागाध्यक्ष (फोटोलियोग्राफी)
|
01
|
प्रथम श्रेणी
|
3700-125-4950-150-5700
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
(4) व्याख्याता
|
|
|
|
|
|
सिविल इंजीनियरी
यांत्रिकी इंजीनियरी
विद्युत इंजीनियरी
(5) व्याख्याता मुद्रण
(6) मुख्य अनुदेशक (मुद्रण)
(7) कर्मशाला फोरमैन
(8) सहायक व्याख्याता/वरिष्ठ
अनुदेशक (समाप्त होने वाला संवर्ग)
|
04
02
04
05
01
01
|
प्रथम श्रेणी
|
2200-75-2800-100-4000
(ए०आई०सी०टी०ई०)
|
|
|
टीप- “ए०आई०सी०टी०ई०” से अभिप्रेत है, आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्नीकल एज्युकेशन |
|
| |
(क) मुद्रण
(ख) यांत्रिक
(ग) ऑटोमोबाइल शासकीय उच्चतर माध्यमिक तकनीकी शाला
|
02
02
01
|
द्वितीय श्रेणी
|
2200-75-2800-100-4000
|
राज्य वेतनमान
|
|
12
|
(1) प्राचार्य
|
12
|
द्वितीय श्रेणी
|
2375-75-3200-100-3500-125-4125
|
राज्य वेतनमान
|
|
(2) कर्मशाला फोरमैन
|
12
|
द्वितीय श्रेणी
|
2000-60-2300-75-3200
-100-3500
|
राज्य वेतनमान
|
|
(3) ब्याख्याता
(क) यांत्रिकी
(ख) विद्युत
|
12
12
|
द्वितीय श्रेणी
द्वितीय श्रेणी
|
(i) 1640-2900
(ii) 2000-3500
|
12 सेवा वर्ष की सेवा पूरी करने और छानबीन करने पर योग्य पाए जाने पर
|
|
(4) व्याख्याता
(तकनीकी स्ट्रम कोर्सेस)
(समाप्त होने वाला संवर्ग)
(क) सिविल
(ख) यांत्रिकी
(ग) विद्युत
|
04
03
04
|
|
|
राज्य वेतनमान
|
अनुसूची-दो
[ नियम 6 देखिये ]
|
क्र
|
विभाग का नाम
|
सेवा का नाम
|
कर्तव्य पदों की संख्या
|
भरे जाने वाले कर्तव्य पदों की संख्या का प्रतिशत
|
टिप्पणी
|
|
सीधी भरती द्वारा
|
सेवा के मूल/अस्थायी सदस्यों की पदोन्नति
|
अन्य सेवाओं से व्यक्तियों के स्थानांतरण द्वारा
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
(6)
|
(7)
|
(8)
|
| |
जनशक्ति
|
तकनीकी
|
|
|
|
|
|
| |
नियोजन
|
इंजीनियरिंग महाविद्यालय,
|
प्रथम श्रेणी
|
|
|
|
|
| |
विभाग
|
|
|
|
|
|
|
|
1.
|
|
प्राचार्य
|
10
|
...
|
100%
|
...
|
...
|
|
2.
|
|
प्राध्यापक
|
72
|
|
|
|
|
| |
|
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) अनुप्रयुक्त यांत्रिकी
(5) इलेक्ट्रोनिक्स
(6) रासायनिक इंजीनियरिंग
(7) खनन इंजीनियरि
(8) धातु विज्ञान
(9) औद्योगिक इंजीनियरी /उत्पादन इंजीनियरी
(10) हल्की धातु तथा मिश्र
धातु प्रौद्योगिक
(11) कम्प्यूटर विज्ञान
(12) स्थापत्यकला
|
18
17
16
02
07
02
03
01
02
01
01
02
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
...
...
...
...
...
...
....
....
....
....
....
....
|
...
...
...
...
...
...
....
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
3.
|
उपाचार्य (रीडर)
|
164
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) अनुप्रयुक्त यांत्रिकी
(5) इलेक्ट्रोनिक्स
(6) रासायनिक इंजीनियरी
(7) खनन इंजीनियरी
(8) धातु विज्ञान
(9) हल्की धातु तथा मिश्र धातु प्रौद्योगिकी
(10) स्थापत्यकला
(11) इंजीनियरी रसायन शास्त्र
(12) कम्प्यूटर इंजीनियरी
|
36
38
31
10
20
06
11
03
02
04
02
01
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
4.
|
कार्यशाला अधीक्षक
|
|
08
|
...
|
...
|
उपाचार्य रीडर यांत्रिक/ औद्योगिक उत्पादन इंजीनियरी के संवर्ग स्थानांतरण द्वारा 100%
|
|
|
5.
|
प्रशिक्षण तथा स्थानन अधिकारी
(प्राध्यापक)
|
|
02
|
...
|
...
|
प्राध्यापक (तकनीकी के संवर्ग के स्थानांतरण द्वारा 100%
|
निरंक
|
|
6.
|
प्रशिक्षण तथा स्थानन अधिकारी (व्याख्याता)
|
|
04
|
....
|
...
|
व्याख्याता (तकनिकी) के संवर्ग से स्थानांतरण द्वारा 100%
|
निरंक
|
|
7.
|
प्रशिक्षण तथा अवकाश रक्षिति (प्राध्यापक)
|
|
02
|
....
|
....
|
अन्य सेवाओं से स्थानान्तरण द्वारा यथा राज्य एवं केन्द्रीय सरकार के संगठन (लोक निर्माण विभाग, सिंचाई आदि) एवं उनकी अन्य उपक्रम, मध्यप्रदेश
|
|
|
8.
|
प्रशिक्षण तथा अवकाश रक्षिति (प्रवाचक / रीडर)
|
|
09
|
|
|
विद्युत मंडल,कोल इण्डिया लि. भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड आदि प्रतिनियुक्ति/संविदा पर 100%
|
|
|
9
|
प्रशिक्षण तथा अवकाश रक्षिति (व्याख्याता)
|
13
|
|
10.
|
सहायक कर्मशाला अधीक्षक
|
|
17
|
...
|
...
|
व्याख्याता यांत्रिक इंजीनियरी से स्थानान्तरण द्वारा 100%
|
|
|
11.
|
व्याख्याता-
|
|
|
|
|
|
|
| |
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिकी इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) अनुप्रयुक्त यांत्रिकी
(5) इलेक्ट्रोनिक्स
(6) रासायनिक इंजीनियरी
(7) खनन इंजीनियरी
(8) धातु विज्ञान
(9) हल्की धातु तथा मिश्र धातु प्रौद्योगिकी
(10) कम्प्यूटर इंजीनियरी
(11) स्थापत्यकला
(12) इंजीनियरी रसायन शास्त्र
|
|
52
66
49
05
35
11
07
05
01
02
07
05
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
|
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
|
|
12.
|
प्राध्यापक
|
24
|
|
|
|
|
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) भू-विज्ञान अनुप्रयुक्त भूविज्ञान
(5) कम्प्यूटर उपयोजन
|
|
06
06
07
01
04
|
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
13.
|
उपाचार्य रीडर
|
27
|
|
|
|
|
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) भू.विज्ञान अनुप्रयुक्त भूविज्ञान
(5) कम्प्यूटर उपयोजन
|
|
05
03
11
04
04
|
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
14.
|
व्याख्याता
|
120
|
|
|
|
|
|
| |
(1) भौतिक शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) अंग्रेजी
(5) भू-विज्ञान अनुप्रयुक्त
भूविज्ञान
(6) कम्प्यूटर उपयोजन
|
|
34
27
31
09
09
10
13
|
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
15.
|
कार्यक्रमज (प्रोग्रामर)
|
13
|
13
|
100%
|
|
|
|
| |
पोलिटेक्निक / महिला पोलीटेक्निक तकनीकी
|
|
|
|
|
|
|
|
1
|
प्राचार्य
|
|
|
|
|
|
|
| |
पोलिटेकनिक
|
|
37
|
....
|
100%
|
...
|
निरंक
|
|
2.
|
भारतीय दल प्रमुख (पोलिटेकनिक विकास ईकाई)
|
|
01
|
....
|
...
|
प्राचार्य के संवर्ग से 100%
|
|
|
3.
|
विभागाध्यक्ष
|
(1) सिविल इंजीनियरी
(2) यांत्रिक इंजीनियरी
(3) विद्युत इंजीनियरी
(4) इलेक्ट्रोनिक तथा दूर संचार
(5) इलेक्ट्रॉनिक तथा दूरदर्शन इंजीनियरी
(6) दूरदर्शन इंजीनियरी
(7) अनुप्रयुक्त यांत्रिकी
(8) धातु विज्ञान
(9) ऑटोमोबाइल
(10) कपड़ा (टेक्सटाइल)
(11) संरचना इंजीनियरी
(12) खनन
(13) खनन सर्वेक्षण
(14) नगर नियोजन तथा
स्थापत्यकला
(15) स्थापत्यकला
मानचित्रकारिता
(16) औषध विज्ञान (फार्मसी)
(17) उत्पादन इंजीनियरी
(18) रासायनिक इंजीनियरी
(19) विशेषज्ञ शिक्षक
(पोलीटेकनिक विकास ईकाई)
|
22
30
29
06
04
01
01
01
01
01
01
03
01
01
03
01
01
01
01
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
...
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
....
...
....
....
....
....
विभागाध्यक्ष (तकनीकि) के संवर्ग से 100%
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
4.
|
व्याख्याता
|
| |
|
(1) सिविल
(2) यांत्रिक
(3) विद्युत
(4) इलेक्ट्रोनिक तथा दूर संचार इंजीनियरी
(5) इलेक्ट्रोनिक्स तथा दूरदर्शन इंजीनियरी
(6) (दूरदर्शन) इंजीनियरी
(7) इंजीनियरी रसायन शास्त्र
(8) धातु विज्ञान
(9) ऑटोमोबाइल
(10) कपड़ा (टेक्सटाइल)
(11) संरचना (इंजीनियरी
(12) नगर निवेश तथा स्थापत्यकला
(13) खनन
(14) खनन सर्वेक्षण स्थापत्यकला
(15) स्थापत्यकला मानचित्रकारिता
(16) औषध विज्ञान (फार्मेसी)
(17) उत्पादन इंजीनियरी
(18) रासायनिक इंजीनियरी
(19) कर्मशाला अधीक्षक
(20) प्रशिक्षण स्थानन अधिकारी
|
150
128
108
37
04
50
08
07
04
03
02
01
12
02
04
14
03
07
30
30
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
....
|
...
....
....
....
.....
....
....
....
....
....
...
....
.....
....
...
....
...
....
....
....
|
...
....
....
....
.....
....
....
....
....
....
...
....
.....
....
...
....
...
....
यांत्रिकी इंजीनियरी/उत्पादक इंजीनियरी के व्याख्याता के स्थानांतरण द्वारा 100% तकनीकी व्याख्याता संवर्ग के स्थानांतरण द्वारा 100%
|
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
निरंक
निरंक
|
| |
|
(21) अवकाश रक्षिति व्याख्याता
|
30
|
....
|
....
|
अन्य सेवाओं / प्रतिनियुक्ति संविदा में स्थानांतरण द्वारा 100%
|
निरंक
|
|
5.
|
|
सहायक कर्मशाला अधीक्षक
|
21
|
....
|
100%
|
....
|
....
|
|
6.
|
गैर तकनीकी
विभागाध्यक्ष
|
(1) वाणिज्यिक कार्य
(2) सचिवालीयन कार्य प्रणाली तथा शीघ्र लेखन
(3) वेशभूषा अभिकल्प (डिजाइन) तथा पोषाक निर्माण
(4) विडियों उत्पादन
(5) आन्तरिक सजावट प्रौद्योगिक
(6) चिकित्सा प्रयोगशला प्रौद्योगिकी
(7) कम्प्यूटर उपयोजन
|
05
03
04
01
01
01
03
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
चयन द्वारा
|
|
7
|
व्याख्याता
|
(1) भौतिकी शास्त्र
(2) रसायन शास्त्र
(3) गणित
(4) अंग्रजी
(5) वनस्पती शास्त्र
(6) वाणिज्यिक कार्य प्रणाली
(7) सचिवालीयन कार्य प्रणाली तथा शीघ्रलेखन
(8) वेशभूषा अभिकल्प
(डिजाइन) तथा पोषाक निर्माण
(9) कम्प्यूटर उपयोजन
(10) चिकित्सा प्रयोगशाला
प्रौद्योगिकी
(11) वीडियो उत्पादन
(12) अनुपयुक्त फोटोग्राफी
(13) सिनेमाटोग्राफी प्रौद्योगिकी
(14) वीडियो रिकार्डिस्ट
|
29
29
37
36
01
19
07
03
08
03
02
01
01
01
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
....
....
|
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
|
|
8.
|
|
(1) आलेखक (स्क्रिप्टराइटर)
(2) वीडियो रिकार्डिस्ट
|
01
01
|
100%
100%
|
....
....
|
....
....
|
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
|
|
9.
|
|
(1) कार्यक्रमक
(2) तंत्र-विश्लेषक
(3) वीडियोग्राफर
(4) कलाकार
(5) कैमरामैन
|
05
02
01
01
01
|
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
|
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
|
|
10.
|
कला निकेतन
|
(1) प्राचार्य
|
01
|
....
|
....
|
विभागाध्यक्ष तकनीकी के संवर्ग से स्थानांतरण द्वारा
|
|
| |
|
(2) विभागाध्यक्ष (लेटर प्रेस)
(3) विभागाध्यक्ष (फोटोलियोग्राफी)
(4) व्याख्याता
सिविल इंजीनियरी
यांत्रिक इंजीनियरी
विद्युत इंजीनियरी
(5) व्याख्याता मुद्रण
(लेटर प्रेस/फोटोलियो ग्राफी)
(6) मुख्य अनुदेशक (मुद्रण)
(7) कर्मशाला फोरमेन
|
01
01
04
02
04
05
01
01
|
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
....
....
....
....
|
....
....
....
....
....
....
....
....
|
चयन द्वारा
चयन द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
परीक्षा द्वारा
|
|
11.
|
उच्चतर माध्यमिक
|
तकनीक शाला
प्राचार्य
कर्मशाला फोरमेन
व्याख्याता यांत्रिकी
व्याख्याता विद्युत
|
12
12
12
12
|
....
....
....
....
|
100%
100%
100%
100%
|
....
....
....
....
|
निरंक
निरंक
निरंक
निरंक
|
टिप्पण-1. कर्मशाला अधीक्षत, इंजीनियरिंग महाविद्यालय / सहायक कर्मशाला अधीक्षक, इंजीनियरिंग महाविद्यालय / प्रशिक्षण स्थानन अधिकारी इंजीनियरिंग महाविद्यालय तथा कर्मशाला अधीक्षक, पोलीटेकनिक / कर्मशाला फोरमैन कला निकेतन स्थानन अधिकारी, पोलीटेकनिक के संवर्गों के मामले मे, जो अनुसूची दो के कालम (4) में यथाविनिर्दिष्ट सवर्ग से स्थानान्तरण द्वारा भरे जाएंगे, यह स्पष्ट किया जाता है कि इन पदों. पर स्थानान्तरित व्यक्तियों को संस्था की आवश्यकतानुसार उसके समतुल्य अध्यापन पदों पर पुन: स्थानान्तरित किया जा सकता है । इन पदों का अनुभव उसी के समतुल्य अध्यापन पदों के अनुभव के समतुल्य माना जाएगा ।
टिप्पण-.2. ऐसे अभ्यर्थियों को, जिनके पास व्याख्याता के रूप में उनकी भरती के समय इंजीनियरी / प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर या डॉक्टर की उपाधि हो, क्रमश: दो तथा चार अग्रिम वेतनवृद्धियां दी जाएगी और जिन अभ्यर्थियों के पास विज्ञान तथा गानविकी में एम ० फिल, तथा पी० एच ० डी० की उपाधि हो, उन्हें रुपये 2200-4000 के वेतनमान में क्रमश: एक तथा तीन अग्रिम वेतनब्रुद्धि के साथ ही पदोन्नति के प्रयोजन के लिए तत्स्थानी वर्षों की सेवा का लाभ भी दिया जाएगा । विद्यमान व्याख्याता जिनके पास इस प्रकार की अर्हताएं न हो या जिसे भविष्य, में इन अर्हताओं के न होते हुए भी भरती किया जाए, जव भी वह ऐसी अर्हताएं प्राप्त कर ले, सेवा में पदोन्नति के प्रयोजन के लिये समान लाभ पाने का पात्र हो जाएगा किन्तु उसे अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं होगी । विद्यमान व्याख्याता भी जिसके पास इस प्रकार की अर्हतायें हों, पदोन्नति के प्रयोजन के लिए उक्त लाभ पाने के पात्र होंगे ।
टिप्पण-3. रुपये 2200-4000 के वेतनमान में नियमित व्याख्याता के रूप में नियुक्त व्याख्याता को रुपये 3000-5000 के वेतनमान में ज्येष्ठ व्याख्याता के रूप में रखा जाएगा, यदि,-
(क) उसने उपरोक्त टिप्पण 2 में यथा उपबन्धित सेवा में छूट सहित नियमित व्याख्याता के रूप में आठ वर्षों की सेवा पूर्ण कर ली हो ।
(ख) उसने दो पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों या ग्रीष्म कालीन संस्थाओं में जिनमें से प्रत्येक की अवधि लगभग चार सप्ताह की होगी, अथवा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (आल इन्डिया काउन्सिल फार टेकनिकल एजुकेशन) द्वारा अनुमोदित अन्य तुल्य सतत शिक्षा कार्यक्रम में भाग लिया हो ।
(ग) इसके पास निरंतर संतोषप्रद कार्य निष्पादन मूल्यांकन प्रतिवेदन हो ।
टिप्पण-4. ज्येष्ठ वेतनमान वाले व्याख्या को उपरोक्त टिप्पण 2 में यथा उपबंधित अनुसार सेवा की छूट सहित आठ वर्षों की सेवा पूर्ण करने पर 3700-5700 के ज्येष्ठ वेतनमान में व्याख्याता प्रवर श्रेणी के रूप में रखा जाएगा, यदि -
(क) उसने ज्येष्ठ व्याख्याता के रूप में आठ वर्षो की सेवा पूर्ण कर ली हो ।
(ख) वह दो पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों अथवा ग्रीष्मकालीन संस्थाओं में अथवा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा यथा अनुमोदित तकनीकी शिक्षा तुल्य सतत शिक्षा कार्यक्रम में उपस्थित रहा हो ।
(ग) उसका कार्य निष्पादन निरंतर से अच्छा आँका गया हो ।
टिप्पण-5. व्याख्याता के ज्येष्ठ वेतनमान तथा प्रवर श्रेणी में स्थानन के प्रयोजन के लिए उनके द्वारा धारित तत्स्थानी पदों को क्रमोन्नत कर दिया जाएगा । ऐसा स्थानन स्क्रीनिंग / चयन प्रक्रिया से एक समिति के द्वारा किया जाएगा जिसमें निम्नांकित सदस्य होंगे ।
(क) इंजीनियरिंग सचिव -अध्यक्ष
महाविद्यालय संचालक तकनीकी -सदस्य
शिक्षा
इंजीनियरिंग -सदस्य
महाविद्यालय
के दो प्राचार्य
(ख) पोलिटेकनिक सचिव -अध्यक्ष
संचालक तकनीकी -सदस्य
शिक्षा
पोलीटेकनिक के -सदस्य
दो प्राचार्य
अनुसूची-तीन
[ नियम 8 देखिये ]
|
विभाग का नाम
|
पद का नाम
|
न्यूनतम आयु सीमा
|
उच्चतम आयु सीमा
|
शैक्षणिक अर्हताएं तथा अनुभव
|
टिप्पणियां
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
(6)
|
| |
इंजीनियरिंग महाविद्यालय
तकनीकी
|
|
|
|
|
|
जनशक्ति नियोजन
विभाग
|
- प्राध्यापक
|
....
|
55
|
(1) पी० एच० डी० तथा प्रथम श्रेणी में इंजीनियरी / प्रौद्योगिकी की समुचित शाखा में स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि |
तथा
(2) अध्यापन / उद्योग / शोध कार्य संबंधी 10 वर्षों का अनुभव जिसमें से 5 वर्षों का उपाचार्य (रीडर) या उसके समतुल्य स्तर का अनुभव होना चाहिए |
टिप्पण -डॉक्टरेट के समतुल्य राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त उच्च स्तर के व्यावसायिक कार्य के अनुभव वाले उद्योग / व्यवसाय के अभ्यर्थी भी पात्र होंगे |
|
|
| |
- उपाचार्य (रीडर)
|
....
|
50
|
(1) इंजीनियरी / प्रौद्योगिकी की समुचित शाखा में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि.
(2) समुचित स्तर पर अध्यपन /उद्योग /शोध कार्य संबंधी पांच वर्षों का अनुभव |
टिप्पण -इंजीनियरी/प्रौद्योगिकी के मामले में उद्योग/व्यवसाय से सम्बंधित अभ्यर्थी भी, जिनके पास स्नातकोत्तर की उपाधि के समतुल्य मान्यता प्राप्त व्यावसायिक कार्य का अनुभव हो, पात्र होंगे |
वांछनीय- इंजीनियरी/प्रौद्योगिकी में पी०एच०डी० उपाधि |
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- व्याख्याता
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21
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30
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इंजीनियरी/प्रौद्योगिकी की समुचित शाखा में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि |
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2. गैर तकनीकी
1. प्राध्यापक
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55
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(1) मानविकी तथा विज्ञान में अध्यापन पदों के लिए समुचित शाखा में प्रथम श्रेणी में एम०एस०सी० सहित पी०एच०डी० उपाधि | तथा
(2) अध्यापन / उद्योग / शोध कार्य का 10 वर्ष का अनुभव जिसमें से 5 वर्ष का अनुभव उपाचार्य (रीडर) या उसके समतुल्य स्तर का होना चाहिए |
टिप्पण-डॉक्टरेट के समतुल्य राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त उच्च स्तर के व्यावसायिक कार्य के अनुभव वाले उद्योग / व्यवसाय के अभ्यर्थी भी पात्र होंगे |
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2. उपाचार्य (रीडर)
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....
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50
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1. मानविकी तथा विज्ञान में अध्यापन, पदों के मामले में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि सहित किसी समुचित शाखा में पी०एच०डी० तथा
2. समुचित स्तर पर अध्यापन/उद्योग /शोध का 5 वर्ष की अनुभव |
टिप्पण - मानविकी तथा विज्ञान में, यथास्थिति, पी०एच०डी० के समतुल्य मान्यता प्राप्त व्यावसायिक कार्य सहित उद्योग/ व्यवसाय से सम्बंधित अभ्यर्थी भी पात्र होंगे |
वांछनीय - मानविकी / विज्ञान में अध्यापन पदों के दशा में पोस्ट डाक्टोरल वर्क |
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3. व्याख्याता
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21
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30
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मानविकी तथा विज्ञान में अध्यापन पदों के मामले में अध्ययन की किसी भी समुचित शाखा में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर की उपाधि |
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3. कम्प्यूटर उपयोजन
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(एप्लीकेशन)
1. प्राध्यापक
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...
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55
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1. कम्प्यूटर विज्ञान, इंजीनियरी या प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि सहित पी० एच० डी०
या
मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन मास्टर ऑफ कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग / प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी सहित कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) में पी० एच० डी० की उपाधि
तथा
2. 10 वर्ष अध्यापन/उद्योग/शोध कार्य का अनुभव जिसमें से 5 वर्ष का (रीडर) उपाचार्य या उसके समतुल्य स्तर का कार्य करने का अनुभव होना चाहिए |
टिप्पण- डॉक्टरेट के समतुल्य राष्टीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त उच्चस्तर के व्यावसायिक कार्य के अनुभव वाले उद्योग/व्यवसाय के अभ्यर्थी भी पात्र होंगे |
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2. उपाचार्य (रीडर)
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...
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50
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1. कम्प्यूटर विज्ञान/कम्प्यूटर इंजीनियरी या प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि
या
कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि सहित कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) में पी० एच० डी० या कम्प्यूटर इंजीनियरी या प्रौद्योगिकी में स्नातक उपाधि
तथा
2. अध्यापक / उद्योग / कम्प्यूटर केंद्र/शोध कार्य का समुचित स्तर पर 5 वर्ष का अनुभव
टिप्पण- कम्प्यूटर विज्ञान/इंजीनियरी या प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर उपाधि के समतुल्य प्राप्त व्यावसायिक कार्य सहित कम्प्यूटर (सॉफ्टवेयर) उद्योग / व्यवसाय में लगे / कम्प्यूटर उपयोजन भी पात्र होंगे |
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3
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व्याख्याता
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21
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30
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वांछनीय- कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) के मामले में कम्प्यूटर विज्ञान में पी. एच . डी. या शोधोत्तर कार्य |
कम्प्यूटर विज्ञान / कम्प्यूटर इंजीनियरी या प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि,
या
कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि |
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4. कार्य क्रमांक
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21
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30
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इंजीनियरी में स्नातक उपाधि या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की गणित/भौतिक / सांख्यिकी / ऑपरेशन शोध में कम से कम द्वितीय श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि जिसके साथ कोबल / कार्यक्रम बनाने के कार्य का एक वर्ष का अनुभव
या
इलेक्ट्रोनिक या कम्प्यूटर विज्ञान में द्वितीय श्रेणी में स्नातक उपाधि
या
कम्प्यूटर उपयोजन कार्यक्रम प्रोग्रामिंग में पत्रोपाधि / उच्चतर पत्रोपाधि जिसके साथ कम्प्यूटर पर कार्य करने का एक वर्ष का अनुभव |
वांछनीय अर्हता – डी. एम. एस. / स्प्रेड शीट का अनुभव |
टिप्पण – ऐसे अभ्यर्थियों के लिए अनुभव में छूट स्वीकार्य होगी जिनके पास ऊपर पैरा (1) में उल्लिखित अर्हता सहित कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) तथा कार्यक्रम बनाने संबंधी (प्रोग्रामिंग) पत्रोपाधि / उच्चतर पत्रोपाधि हो |
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5. ज्येष्ठ अनुदेशक (रासायनिक)
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21
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30
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रसायन इंजीनियरी में स्तानक उपाधि |
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6. ज्येष्ठ अनुदेशक (विज्ञान)
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21
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30
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भौतिक शास्त्र/रसायनशास्त्र/गणित में स्नातकोत्तर उपाधि |
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जनजाति नियोजन विभाग
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पोलीटेकनिक तथा तकनीकी शाला
1. विभागाध्यक्ष (तकनीकी), सिविल यांत्रिक/विद्युत/टी. वी. इंजीनियरी / दूरसंचार/दूरदर्शन / अनुप्रयुक्त यांत्रिकी / धातु विज्ञान/आटोमोबाईल वस्त्र संरचनात्मक इंजीनियरी/ खनन/खनन सर्वेक्षण/नगर निवेश तथा स्थापत्यकला/निवेश तथा स्थापत्यकला/मान –चित्रकला / उत्पादन इंजीनियरी/रासायनिक इंजीनियरी
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....
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50
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अनिवार्य 1 . इंजीनियरी / प्रौद्योगिकी / तकनीशियन शिक्षा की उपयुक्त शाखा में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि तथा साथ में इंजीनियरी की उपयुक्त शाखा में बुनयादी उपाधि,
और
2. समुचित स्तर पर अध्यापन / उद्योग और शोधकार्य में पांच वर्षों का अनुभव |
टिप्पण- उद्योग / व्यवसाय के अभ्यर्थी भी, जिनके पास स्नातकोत्तर उपाधि के समतुल्य मान्यता प्राप्त व्यावसायिक कार्य का अनुभव हो, पात्र होंगे |
वांछनीय -इंजीनियरी / प्रौद्यौगिकी /तकनीशियन शिक्षा की समुचित शाखा में पी.एच.डी. की उपाधि |
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- विभागाध्यक्ष, चिकित्सा प्रयोगशाला/प्रौद्योगिकी
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....
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50
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एस.बी.बी. एस. के साथ पांच वर्षों का अनुभव, जिनमें से दो वर्षों का विकृति विज्ञान या जीवाणु-विज्ञान विभाग में कार्य करने का अनुभव
या
विकृति विज्ञान में एम.डी.के साथ तीन वर्षों का अनुभव
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- विभागाध्यक्ष, औषधि विज्ञान फार्मेसी (तकनीकी)
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....
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50
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(1) बी. फार्मा. की बुनियादी उपाधि के साथ प्रथम श्रेणी में एम. फार्मा.
तथा
(2) अध्यापन / या शोध कार्य में पांच वर्षों का अनुभव |
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- विभागाध्यक्ष, वाणिज्यिक कार्य प्रणाली
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...
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50
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1. वाणिज्य में पी. एच. डी. की उपाधि और
2. समुचित स्तरों पर अध्यापन/उद्योग और शोध कार्य में पांच वर्षों का अनुभव |
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- विभागाध्यक्ष सचिवालयीन कार्य प्रणाली तथा शीघ्र लेखन
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50
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1. वाणिज्य में पी. एच. डी. की उपाधि
तथा
2. समुचित स्तरों पर अध्यापन/उद्योग और शोध कार्य में पांच वर्षों का अनुभव |
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- विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरी प्रौद्योगिकी [जिसमें कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) सम्मिलित है]
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50
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कम्प्यूटर विज्ञान/कम्प्यूटर इंजीनियरी/प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि, या
कम्प्यूटर उपयोजन में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि या कम्प्यूटर विज्ञान/कम्प्यूटर इंजीनियरी / प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि सहित कम्प्यूटर उपयोजन में पी.एच.डी. या
कम्प्यूटर उपयोजन में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर या कम्प्यूटर विज्ञान / कम्प्यूटर इंजीनियरी / प्रौद्योगिकी में प्रथम श्रेणी में स्नातक सहित तकनीशियन शिक्षा में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर, तथा
(2) उपयुक्त स्तरों पर अध्यापन / उद्योग / कम्प्यूटर केंद्र/शोधकार्य में पांच वर्षो का अनुभव |
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- विभागाध्यक्ष, वीडियो उत्पादन
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50
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1. भौतिक शास्त्र /रसायन शास्त्र में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि
या
इंजीनियरी में प्रथम श्रेणी में उपाधि तथा
2. फोटोग्राफी में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि के साथ ही आठ वर्ष का अध्यापन तथा / व्यावसायिक अनुभव
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- विभागाध्यक्ष, मुद्रण (लेटर प्रेस)
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...
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50
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किसी मान्यता प्राप्त संस्था/मंडल/विश्वविद्यालय से मुद्रण प्रौद्योगिकी (लेटर / प्रेस) में कम से कम या तो आठ वर्षों का व्यवहारिक अनुभव या अध्यापन तथा मुद्रण प्रौद्योगिकी में कुल मिलाकर आठ वर्षों का ऐसा व्यवहारिक अनुभव |
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- विभागाध्यक्ष, मुद्रण (फोटोलिथोग्राफी)
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...
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50
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किसी मान्यता प्राप्त संस्था/मंडल विश्वविद्यालय से मुद्रण प्रौद्योगिकी (फोटोलियोग्राफी/समूह) के क्ष्रेत्र में आठ वर्ष का व्यावहारिक अनुभव या मुद्रण प्रौद्योगिकी (फोटोलियोग्राफी) के क्षेत्र में कुल मिलाकर आठ वर्ष का अध्यापन या व्यावहारिक अनुभव |
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- वेशभूषा अभिकल्पन (डिजाइन) तथा पोषाक निर्माण
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...
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50
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वस्त्र तथा परिधान निर्माण में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि (एम.एच.एस.सी) के साथ पांच वर्षों का अनुभव
या
किसी भी विषय में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि के साथ वेश अभिकल्पना और पोशाक निर्माण में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि तथा विषय में पांच वर्षों का अनुभव |
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- व्याख्याता
(तकनीकी)
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21
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30
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इंजीनियरी प्रौद्योगिकी की उपर्युक्त शाखा में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि |
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- व्याख्याता
विज्ञान तथा मानविकी
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21
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30
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मानविकी तथा विज्ञान में अध्यापन पदों के लिए अध्ययन की उपयुक्त शाखा में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि |
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- व्याख्याता औषधि
विज्ञान (तकनीकी)
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21
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30
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सम्बंधित विषय में स्नातकोत्तर उपाधि,
या
तीन वर्ष के अनुभव सहित सम्बंधित विषय में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि |
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- व्याख्याता चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी
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21
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30
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एम0बी0बी0एस0 या उसके समतुल्य कोई अन्य उपाधि जिसके साथ एक वर्ष का व्यावसायिक अनुभव हो,
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या
जीव रसायन शास्त्र में प्रथम श्रेणी में एम. एस.सी. या उसके समतुल्य कोई अन्य उपाधि जिस के साथ इसी प्रकार के पाठ्यक्रमों में अध्यापन कार्य का तीन वर्ष का अनुभव |
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- व्याख्याता वाणिज्यिक कार्य प्रणाली
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21
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30
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वाणिज्य में प्रथम श्रेणी में स्तानाकोत्तर उपाधि |
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- व्याख्याता वाणिज्यिक कार्य प्रणाली (शीघ्रलेखन)
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21
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30
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वाणिज्य में प्रथम श्रेणी में स्नाकोत्तर उपाधि जिसके साथ वाणिज्यिक कार्य/सचिवालयीन कार्य पद्धति तथा आशुलिपि में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि |
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- व्याख्याता सचिवालयीन कार्य पद्धित तथा शीघ्र लेखन
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21
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30
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वाणिज्य में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि
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- व्याख्याता सचिवालयीन कार्य पद्धति तथा शीघ्रलेखन (शीघ्रलेखन के लिए)
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21
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30
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वाणिज्य में प्रथम श्रेणी की स्नातकोत्तर उपाधि जिसमें सचिवालयीन कार्य पद्धति एक विषय रहा हो,
या
वाणिज्य में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि जिसके साथ वाणिज्यिक कार्य/ सचिवालयीन कार्य पद्धति शीघ्रलेखन में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि हो |
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- व्याख्याता अनुप्रयुक्त फोटोग्राफी
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21
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30
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1. भौतिक शास्त्र/रसायनशास्त्र में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि या उसके समतुल्य कोई अन्य उपाधि,
या
इंजीनियरी में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि
तथा
2. फोटोग्राफी में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि जिसके साथ तीन वर्ष का अध्यापन तथा व्यावसायिक अनुभव हो |
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- व्याख्याता वीडियो उत्पादन
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21
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30
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हिन्दी या अंग्रेजी में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर अवधि के साथ वीडियो निर्माण में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि
या
जन-संपर्क/फिल्म निर्माण में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि तथा
2. किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था में निर्देशक / निर्माता के रूप में अनुभव
या
दूरदर्शन निर्माण या टी.वी. संस्था रिले करने का दो वर्ष का अनुभव |
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- व्याख्याता चल चित्रिकी (सिनेमेटोग्राफी)
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21
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30
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1. कम से कम प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि
तथा
2. किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था से फिल्म निर्देशन / चल चित्रिकी में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि |
टिप्पण- ऐसे अभ्यर्थियों की अधिमान दिया जायेगा जिनके पास फिल्म निर्देशक / चलचित्रिकी का अनुभव हो|
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- व्याख्याता वीडियो प्रौद्योगिकी
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21
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30
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1. इलेक्ट्रोनिक्स में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि
या
इलेक्ट्रोनिक्स में विशेषज्ञता सहित भौतिक शास्त्र में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि,
तथा
2. किसी भी दूरदर्शन में स्टूडियों में वीडियो तथा आडियो उपकरणों के निर्देशक और अनुरक्षण का दो वर्ष अनुभव |
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- व्याख्याता कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन)
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21
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30
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कम्प्यूटर उपयोजन (एप्लीकेशन) में प्रथम श्रेणी स्नातकोत्तर उपाधि,
या
कम्प्यूटर विज्ञान / इंजीनियरी इलेक्ट्रोनिक्स में प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि |
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- (क) व्याख्याता मुद्रण (लेटर प्रेस)
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21
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30
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किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था / मंडल / विश्वविद्यालय से मुद्रण / प्रौद्योगिकी (लेटर प्रेस) में कम से कम प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि जिसके साथ पांच वर्ष का यांत्रिकी अक्षर योजन (कम्पोजिंग) मुद्रण मशीन लेटर प्रेस ग्रुप में जिल्दबंदी की विभिन्न प्रक्रियाओं में कार्य करने का अनुभव हो जिसमें से कम से कम एक वर्ष का कनिष्ठ कार्यपालन की हैसियत से या उसके समतुल्य अध्यापन संवर्ग के किसी अन्य पद पर कार्य करने का अनुभव हो |
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(ख) मुख्य अनुदेशक मुद्रण
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21
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30
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किसी मान्यता प्राप्त संस्था / मंडल विश्वविद्यालय से मुद्रण प्रौद्योगिकी (लेटर प्रेस) से कम से कम प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि जिसके साथ पांच वर्ष का यांत्रिक अक्षरयोजन (कम्पोजिंग) मुद्रण मशीन लेटर प्रेस ग्रुप में जिल्दबंदी की विभिन्न प्रक्रियाओं में कार्य करने का अनुभव ही जिसमें से कम से कम एक वर्ष या कनिष्ठ कार्यपालन की हैसियत से या उसके समतुल्य अध्यापन संवर्ग के किसी अन्य पद पर कार्य करने का अनुभव हो |
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| |
(ग) व्याख्याता (फोटोलिथोग्राफी)
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21
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30
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किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था / मंडल / विश्वविद्यालय से मुद्रण प्रौद्योगिकी (फोटोलिथोग्राफी) से कम से कम प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि जिसके साथ प्रोसेस ब्लाक बनाने और कला के क्षेत्र में मुद्रण प्रौद्योगिकी का कम से कम पांच वर्ष का अध्यापन का व्यावहारिक अनुभव जिसमें से एक वर्ष का कनिष्ठ कार्यपालक या उसके समकक्ष, अध्यापन प्रवर्ग में किसी अन्य पद पर कार्य करने का अनुभव होना चाहिए |
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- व्याख्याता वेशभूषा अभिकल्प तथा पोषक निर्माण
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21
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30
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वस्त्र तथा परिधान निर्माण में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि (एम.एच.एस.सी.)
या
किसी भी विषय में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि तथा वेशभूषा अभिकल्प तथा पोषाक निर्माण में प्रथम श्रेणी में पत्रोपाधि |
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- वीडियों प्रभिलेखक (रिकडिस्ट)
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21
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30
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इलेक्ट्रोनिक में द्वितीय श्रेणी में उपाधि तथा किसी प्रतिष्टित टी.वी./वीडियो स्टूडियो में दो वर्ष के कार्य का अनुभव
या
किसी मान्यता प्राप्त संस्था/मंडल विश्वविद्यालय से चलचित्र में पत्रोपाधि और संपादन/ध्वनि अभिलेखन में विशेषज्ञता तथा साथ में तीन वर्षों काव्यावहारिक अनुभव |
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- आलेखक
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21
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30
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1. हिंदी / अंग्रेजी में द्वितीय श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि
और
2. किसी मान्यता प्राप्त मंडल/विश्वविद्यालय से आलेखन नाटक / टी.वी. प्रस्तुतीकरण में पत्रोपाधि और साथ ही किसी प्रतिष्ठित संस्था में आलेखक/निर्देशक/अभिनेता/निर्माता के संस्था में आलेखक / निर्देशक / अभिनेता / निर्माता के रूप में कार्य करने का दो वर्षो का अनुभव
या
किसी मान्यता प्राप्त संस्था/विश्वविद्यालय से फिल्मांकन में द्वितीय श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि और साथ में किसी प्रतिष्ठित संस्था में आलेखक / निर्देशक / अभिनेता / निर्माता के रूप में कार्य करने का दो वर्षो का अनुभव |
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- वीडियोग्राफर
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21
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30
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किसी मान्यता प्राप्त मंडल से वीडियो प्रस्तुतिकरण (प्रोड्क्शन) में पत्रोपाधि द्वितीय श्रेणी में
या
विज्ञान में कम से कम द्वितीय श्रेणी में पत्रोपाधि / प्रमाण-पत्र
टिप्पण -वीडियो कैमरा चलने का व्यावसायिक अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को अधिमान दिया जायेगा |
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- कैमरामेन
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21
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30
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किसी मान्यता प्राप्त मंडल से वीडियो प्रस्तुतिकरण (प्रोडक्शन) में द्वितीय श्रेणी में पत्रोपाधि
या
विज्ञान में कम से कम द्वितीय श्रेणी में स्नातक उपाधि और साथ ही वीडियोग्राफी में द्वितीय श्रेणी में पत्रोपाधि / प्रमाण-पत्र |
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- कार्यक्रमक (प्रोग्रामर) तंत्र विश्लेषक (सिस्टम एनालिस्ट)
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21
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30
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किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से इंजीनियरी में स्नातक उपाधि या गणित/भौतिकशास्त्र/सांख्यिकी/ऑपरेशन शोध में कम से कम द्वितीय श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ कोबाल/फोरटान/बुनियादी अभिकलित्र (कम्प्यूटर) कार्यक्रमण कर कार्य करने का एक वर्ष का अनुभव या इलेक्ट्रोनिक्स या कम्प्यूटर विज्ञान में द्वितीय श्रेणी में स्नातक उपाधि
या
कम्प्यूटर उपयोजन कार्यक्रमण में पत्रोपाधि/उत्तरपत्रोपाधि के साथ कम्प्यूटर पर एक वर्ष कार्य करने का अनुभव |
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- कलाकार
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21
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30
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किसी मान्यता प्राप्त मंडल से अनुप्रयुक्त कला में विशेषज्ञता सहित ललित तथा अनुप्रयुक्त कला में कम से कम द्वितीय श्रेणी में पंचवर्षीय राष्ट्रीय पत्रोपाधि
या
किसी मान्यता प्राप्त मंडल से रेखांकन तथा चित्रकारों में विशेषज्ञता सहित कम से कम द्वितीय श्रेणी में ललित तथा अनुप्रयुक्त कलाओं में पंचवर्षीय राष्ट्रीय पत्रोपाधि |
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अनुसूची तीन-अ
[ नियम 6 के उपनियम (1) का खण्ड (घ) देखिये ]
सरकार द्वारा ग्रहण कर लिए गए अशासकीय पालीटेकनिक अध्यापनवृन्द का आमेलन-
1. इस अनुसूची में जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो- (एक) ''पोलीटेकनिक'' से प्रभिप्रेत है तथा उसके अन्तर्गत आती है ऐसी कोई भी अशासकीय पोलीटेकनिक संस्था चाहे यह किसी भी नाम की हो, जिसे सम्बद्ध अशासकीय पोलीटेकनिक या संघटक पोलीटेकनिक के रूप में राज्य के मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षा मण्डल के विशेषाधिकार दिये गये हों और जो सरकार द्वारा ग्रहण कर लिए गए हों ।
(दो) ''सरकार'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश सरकार ।
(तीन) “कर्मचारीवृन्द'' से अभिप्रेत है उस समय का जबकि पोलीटेकनिक सरकार द्वारा ग्रहण कर लिया गया है, प्राचार्य तथा अशासकीय पोलीटेकनिक की स्थायी या असस्थायी संविदा सेवा की समस्त श्रेणिओं के अध्यापन कर्मचारी वृन्द ।
(चार) ''अनुवीक्षण समिति'' से अभिप्रेत है ऐसी समिति जिसमें निम्नलिखित होंगे-
(क) अध्यक्ष, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग अथवा अध्यक्ष द्वारा नाम निर्देशित लोक सेवा आयोग का सदस्य;
(ख) सचिव, जनशक्ति नियोजन विभाग;
(ग) संचालक, तकनीकी शिक्षा; और
(घ) दो प्राचार्य (शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय का एक एवं पोलीटेकनिक से एक)
।
(पांच) अशासकीय पोलीटेकनिक के कर्मचारीवृन्द के संबंध में ''अध्यापन अनुभव'' से अभिप्रेत है केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पोलीटेकनिक / इंजीनियरिंग महाविद्यालय के पत्रोपाधि / उपाधि कक्षाओं के विषय का कुल अध्यापन अनुभव किन्तु इसमें मानसेवी या अंशकालीन आधार पर किया गया अध्यापन कार्य सम्मिलित नहीं होगा ।
2. अनुवीक्षण समिति कर्मचारीवृन्द को सरकारी सेवा में आमेलित किये जाने के मामले पर विचार करेगी ।
3. अनुवीक्षण समिति उपयुक्त पदों पर आमेलन हेतु उसको सौंपे गये मामलों पर विचार करेगी और निम्नांकित मार्गदर्शी बिन्दुओं के तहत विचार करेगी-
(एक) कोई भी व्यक्ति उस पद पर संविलियत नहीं किया जाएगा जो मध्य प्रदेश शैक्षणिक सेवा (तकनीकी शाखा) भर्ती नियम, 1967 में विहित न्यूनतम अर्हताएं न रखता हो ।
(दो) कोई भी व्यक्ति सेवा में आमेलित नहीं किया जाएगा यदि उसे सरकारी या किसी अन्य सेवा में किसी भी समय कदाचार और या दांडिक अपराध के साबित होने पर पद से हटाया गया था या पदच्युत किया गया था ।
(तीन) कोई भी व्यक्ति सरकारी सेवा में आमेलित नहीं किया जाएगा यदि उसमें आमेलन के समय प्रवृत्त शासकीय नियमों के अनुसार अधिवार्षिकी की आयु प्राप्त कर ली हो ।
4. (1) व्याख्याताओं के पदों के आमेलन के मामलों को छोडकर कोई भी व्यक्ति सरकारी सेवा में ऐसे किसी पद पर आमेलित नहीं किया जायेगा, जिसका वेतनमान उस पद के वेतनमान से उच्चतर हो, जिस पर ऐसा व्यक्ति सरकार द्वारा अशासकीय पालीटेकनिक ग्रहण कर लिये जाने के पूर्व कार्य कर रहा था ।
(2) ऐसा कोई भी व्यक्ति, जो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा व्याख्याता पद से उच्च पद पर नियुक्ति के लिये अग्रहित कर दिया गया हो, उस पद से उच्च पद पर आमेलित नहीं किया जाएगा, जिसके लिए उसे अग्रहित कर दिया गया था ।
(3) पोलीटेकनिक के प्राचार्य के रूप में आमेलित किए जाने के लिए सरकार द्वारा ग्रहण कर लिए गये पोलीटेकनिक के प्राचार्य के रूप में कार्यरत व्यक्ति को इस अनुसूची में विहित अन्य शर्तो के अतिरिक्त कम से कम 8 वर्ष का अध्यापन अनुभव और या शोध कार्य, व्यावहारिक अनुभव जिसमें से 4 वर्ष का अध्यापन, जिसमें शोध कार्य सम्मिलित है, आवश्यक होगा ।
5. अनुवीक्षण समिति इस अनुसूची में सुसंगत उपबन्धों पर विचार करने के पश्चात् उपयुक्त सिफारिशें राज्य सरकार को उपयुक्त सिफारिश करेगी । अनुवीक्षण समिति की सिफारिश सरकार द्वारा अनुमोदित कर दिये जाने पर सरकार द्वारा आमेलन आदेश जारी किया जाएगा ।
6. (1) किसी विशिष्ट पद पर आमेलित व्यक्ति अपनी ज्येष्ठता पोलीटेकनिक को सरकार द्वारा ग्रहण कर लिये जाने की तारीख से प्राप्त करेगा, अर्थात् आमेलन की तारीख के पूर्व उस पद/संवर्ग (केडर) में लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती किये गये या विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पदोन्नत किये गये विद्यमान अंतिम सरकारी सेवक के नीचे उसे रखा जाएगा ।
(2)-(क) पोलीटेकनिक से आमेलित किये गए व्यक्ति की पारस्परिक ज्येष्ठता वही रहेगी जो उसे पोलीटेकनिक सरकार द्वारा ग्रहण कर लिए जाने से अव्यवहित पूर्व रही थी ।
(ख) जब किसी एक ही तारीख को राज्य सरकार द्वारा एक से अधिक पोलीटेकनिक शासन द्वारा ग्रहण कर लिये जाए तो ऐसे पोलीटेकनिक से आमेलित व्यक्तियों के बीच ज्येष्ठता किसी विशिष्ट पद पर कुल लगातार सेवा अवधि के आधार पर अवधारित की जावेगी । किन्तु उसमें ऐसी कालावधि अपवर्जित रहेगी जिसके दौरान शुद्धतया अंतरिम या आकस्मिक व्यवस्था के लिये नियुक्ति की गई हो ।
ग) खण्ड (ख) में अंतर्विष्ट कि सी बात के होते हुए भी, जब एक ही तारीख को सरकार द्वारा एक से अधिक पोलीटेकनिक ग्रहण कर लिए जाए और किसी व्यक्ति को उस पोलीटेकनिक में जहां से उसे लिया गया, उसके द्वारा धारित पद की अपेक्षा निम्न पद पर आमेलित किया जाए । तब उसका नाम ऐसे समस्त व्यक्तियों के ऊपर जो उस पद पर आमेलित किये गये हों और जो सरकार द्वारा ग्रहण कर लिये गये पोलीटेकनिक में वैसा ही पद धारण कर रहे हों, रखा जाएगा ।
(घ) जब आमेलित पद पर ज्येष्ठ व्यक्ति द्वारा की गई सेवायें ऐसे पद में आमेलित किये गए कनिष्ठ व्यक्ति की सेवाओं की कालावधि से कम हो तब कनिष्ठ व्यक्ति की सेवा की कालावधि ज्येष्ठ व्यक्ति की सेवा की कालावधि के बराबर समझी जाएगी और ऐसी सेवा के अवधारण के आधार पर उसकी ज्येष्ठता की कल्पित तारीख नियत की जाएगी ।
(ड) अन्य बातें समान होने पर अधिक आयु वाले व्यक्ति को कम आयु वाले व्यक्ति के ऊपर ज्येष्ठता दी जाएगी ।
7. किसी अशासकीय पोलीटेकनिक में कार्य कर रहे व्यक्ति को, सरकारी सेवा में उसके आमेलित किये जाने पर किसी अवकाश को आगे ले जाने (कैरीफारवर्ड) के लिए अनुज्ञात नहीं किया जाएगा:
परन्तु यदि ऐसा व्यक्ति अशासकीय पोलीटेकनिक में की गई सेवा के संबंध में, अवकाश वेतन अभिदाय (लीव सेलरी कन्ट्रीब्यूशन) का भुगतान कर दे, तो उसे इस प्रकार अर्जित अवकाश को, मध्य प्रदेश सिविल सेवा (लीव रूल्स 1977) में विहित निर्बन्धनों तथा अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए आगे ले जाने के लिये अनुज्ञात किया जाएगा ।
8. इस अनुसूची के उपबंधों के अधीन सरकारी सेवा में आमेलित कोई भी व्यक्ति इस तथ्य के आधार पर कि वह पूर्व में ही अशासकीय पोलीटेकनिक द्वारा सेवा में स्थायी किया गया था, सरकारी सेवा में स्थायी किये जाने हेतु अधिकार के रूप में कोई दावा नहीं करेगा । ऐसे व्यक्तियों का स्थायीकरण समय-समय पर प्रवृत्त शासकीय नियमों के अनुसार किया जाएगा ।
9. (क) सरकारी सेवा में आमेलित किसी अधिकारी की नियुक्ति/पदोन्नति की तारीख वह तारीख मानी जाएगी जिसको उसकी नियुक्ति/पदोन्नति का अनुमोदन, संबंधित पोलीटेकनिक के शासीनिकाय द्वारा किया गया हो । उपयुक्त तारीख को ऐसे अधिकारी का वेतन उस पद के जिस पर उसे आमेलित किया है वेतनमान के न्यूनतम पर सैद्धांतिक रूप से नियत किया जाएगा जहाँ किसी ऐसे अधिकारी को, जो सरकारी सेवा में अपने आमेलन के पूर्व प्राचार्य-विभागाध्यक्ष का पद धारण किए हुए था, व्याख्याता के पद पर आमेलित किया जाता है और जो व्याख्याता के पद के समय वेतनमान के अधिकतम या उससे अधिक वेतन प्राप्त कर रहा था तो उसके द्वारा आहरित मूल वेतन ऐसी रीति में सुरक्षित रखा जाएगा जिससे कि उसका मूल वेतन व्याख्याता के वेतनमान के अधिकतम के बराबर रहे और अन्तर को वैयक्तिक वेतन माना जाएगा जो कि पदोन्नति के पद के वेतन की वृद्धि में आमेलित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण- यदि संबंधित पोलीटेकनिक के शासीनिकाय का अनुमोदन उस पद से उच्च पद हेतु प्राप्त हो जिस पर उसे आमेलित किया गया है तो उक्त अनुमोदन उसी तारीख से आमेलित पद के लिए अनुमोदन समझा जाएगा ।
(क) तारीख 19-11-84 को या आमेलन की तारीख को, इनमें से जो भी बाद में हो, आमेलित अधिकारी के वेतन की गणना ऐसे अनुमोदन की तारीख के पश्चात् की गई सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए उसको लागू वेतनमान में वेतन वृद्धि मंजूर की जाने के पश्चात् की जाएगी ।
(ख) यदि उक्त तारीख को नोशनल आधार पर परिगणित वेतन वास्तविक वेतन से अधिक है तो ऐसे अधिकारी को वास्तविक वेतन ही प्राप्त होता रहेगा और उसे नोशनल गणना में निर्धारित तारीखों को आगामी वेतन वृद्धियां दी जाएगी ।
(ग) यदि उस तारीख को वास्तविक वेतन नोशनल आधार पर परिगणित वेतन से अधिक हो तो उस अधिकारी का वेतन नोशनल वेतन के आधार पर निर्धारित किया जाएगा और अन्तर राशि को वैयक्तिक वेतन माना जाएगा जो कि आगामी वेतन वृद्धि या वेतन वृद्धियों में आमेलित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण- वास्तविक वेतन से अभिप्रेत है मूल वेतन और वैयक्तिक वेतन, यदि कोई हो ।
10. इस अनुसूची में की किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति के मामले में, जिसे इस अनुसूची के उपबन्ध लागू होते हैं ऐसी रीति में, जो उसे उचित और साम्यापूर्ण प्रतीत हो, कार्यवाही करने की शासन की शक्ति को सीमित या कम करती है, परन्तु मामले में किसी ऐसी रीति में कार्यबाही नहीं की जायेगी, जो उसे अनुसूची में उपबंधित रीति से कम अनुकूल हो ।
अनुसूची-चार
[ नियम 14 (1) देखिये ]
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विभाग का नाम
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सेवा अथवा पद का नाम, जिससे पदोन्नति की जानी हो
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सेवा अथवा पद का नाम, जिस पर पदोन्नति की जानी हो
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पदोन्नति के लिए अपेक्षित अनुभव
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शैक्षणिक तथा अन्य अर्हता
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नियम के 13 अनुसार पदोन्नति समिति के नाम
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विभागीय सदस्य का
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टिप्पणी
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(1)
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(2)
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(3)
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(4)
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(5)
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(6)
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(7)
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जनशक्ति नियोजन विभाग
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प्राध्यापक (तकनीकी) शा. इंजीनियरी महाविद्यालय
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प्राचार्य शा. इंजीनियरी महाविद्यालय
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5 वर्ष
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अनिवार्य
1. इंजीनियरी/प्रौद्योगिक में स्नातक का स्नातकोत्तर स्तर की प्रथम श्रेणी की उपाधि सहित पी. एच. डी.
और
2. अध्यापन/उद्योग/शोध में 10 वर्ष का अनुभव
टिप्पण – डॉक्टरेट के समतुल्य मान्यता प्राप्त व्यावसायिक स्तर के उद्योग/व्यवसाय से संबंधित अभ्यर्थी भी पात्र होंगे।
वांछनीय - उत्तरदायित्व पूर्ण पद का प्रशासनिक अनुभव |
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1. अध्यक्ष लोक, सेवा आयोग अथवा उसके द्वारा मनोनीत लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य-अध्यक्ष
2. अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव/सचिव-सदस्य
3. संचालक, तकनीकी शिक्षा-सदस्य
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अनिवार्य :
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पोलीटेकनिक विभागाध्यक्ष, पोलीटेकनिक (तकनीकी) विशेषज्ञ शिक्षक पोलीटेकनिक विकास इकाईस
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प्राचार्य, पोलिटेकनिक महिला, पोलीटेकनिक
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5 वर्ष
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1. इंजीनियरी में मूल उपाधि सहित इंजीनियरी प्रौद्योगिकी /तकनीशियन शिक्षा में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि
और
2. उपयुक्त स्तरों पर अध्यापन उद्योग तथा शोध में पांच वर्ष का अनुभव
टिप्पण : स्नातकोत्तर उपाधि के समतुल्य मान्यता प्राप्त व्यावसायिक स्तर के उद्योग-व्यवसाय से सम्बंधित अभ्यर्थी भी पात्र होगा
वांछनीय : इंजीनियरी/प्रौद्योगिकी / तकनीशियन शिक्षा की उपयुक्त शाखा में पी. एच. डी. की उपाधि |
उत्तरदायित्वपूर्ण पद का प्रशासनिक अनुभव
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1. अध्यक्ष, लोक सेवा आयोग अथवा उनके द्वारा मनोनीत लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य-अध्यक्ष |
2. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव-सदस्य
3. संचालक, तकनीकी शिक्षा सदस्य
4. इंजीनियरी महाविद्यालय के दो ज्येष्ठ प्राचार्य-सदस्य
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इंजीनियरी महाविद्यालय तथा पोलिटेकनिक से कनिष्ठ अनुदेशक/मानचित्रकार उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय का प्रधान अनुदेशक जिसके पास यांत्रिक, इंजीनियरी की पत्रोपाधि हो
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सहायक कार्यशाला अधीक्षक (पोलीटेकनिक)
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5 वर्ष
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यांत्रिक इंजीनियरी या उसके समतुल्य कोई उपाधि द्वितीय श्रेणी में
अथवा
तीन वर्ष के व्यावसायिक / अध्यापन अनुभव सहित यांत्रिक इंजीनियरी में कम से कम द्वितीय श्रेणी में पत्रोपाधि
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1. अध्यक्ष, लोक सेवा आयोग या उसके द्वारा मनोनीत लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य अध्यक्ष
2. अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव/सचिव- सदस्य
3. संचालक, तकनीकी शिक्षा सदस्य
4. इंजीनियरी महाविद्यालयों के दो ज्येष्ठ प्राचार्य – सदस्य
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उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय
उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय का कर्मशाला फोरमैन / यांत्रिक व्याख्याता / वैद्युत व्याख्याता
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प्राचार्य, उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय
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5 वर्ष
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एक वर्ष के व्यावसायिक/अध्यापक अनुभव सहित यांत्रिक / विद्युत इंजीनियरी में स्नातक उपाधि या उसके समतुल्य उपाधि
अथवा
यांत्रिक/विद्युत में कम से कम द्वितीय श्रेणी में पत्रोपाधि या उसके समतुल्य उपाधि तथा तकनीकी शिक्षा / कर्मशाला / अध्यापक का लगभग पांच वर्ष का प्रशासनिक अनुभव, जिसमें से अध्यापन का तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए
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1. अध्यक्ष, लोक सेवा आयोग या उसके द्वारा मनोनीत लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य -अध्यक्ष
2. अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव/सचिव- सदस्य
3. संचालक, तकनीकी
शिक्षा –सदस्य
4. इंजीनियरी
महाविद्यालय के दो
ज्येष्ठ प्राचार्य-सदस्य
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1. इंजीनियरी महाविद्यालय के सहायक कर्मशाला फोरमैन/ तकनीकी सहायक /कर्मशाला सहायक / मानचित्रकार यांत्रिक
2. पोलीटेकनिक के कनिष्ठ अनुदेशक यांत्रिक / मानचित्रकार यांत्रिक
3. उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय के प्रधान अनुदेशक
4. कला निकेतन के कनिष्ठ अनुदेशक/यांत्रिक सहायक कर्मशाला फोरमेन
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उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय के कर्मशाला फोरमैन
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5 वर्ष
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यांत्रिक इंजीनियरी में पत्रोंपाति या उसके समतुल्य उपाधि तथा तीन वर्ष का अध्यापन / व्यावहारिक अनुभव
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1. लोक सेवा आयोग अध्यक्ष या उसके आयोग का कोई सदय
–अध्यक्ष
2. अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव/सचिव-सदस्य
3. संचालक, तकनीकी शिक्षा –सदस्य
4. इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के दो ज्येष्ठ प्राचार्य
-सदस्य
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1. इंजीनियरी महाविद्यालय के सहायक कर्मशाला फोरमैन/ यांत्रिक तकनीकी सहायक यांत्रिक /कर्मशाला सहायक यांत्रिक / मानचित्रकार यांत्रिक
2. पोलीटेकनिक के कनिष्ठ अनुदेशक यांत्रिक / मानचित्रकार (यांत्रिक)
3. उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय के प्रधान अनुदेशक
4. कला निकेतन के कनिष्ठ अनुदेशक (यांत्रिक)/सहायक कर्मशाला फोरमेन
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उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय के व्याख्याता फोरमैन
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5 वर्ष
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यांत्रिक इंजीनियरी में उपाधि या उसके समतुल्य उपाधि – या- यांत्रिक इंजीनियरी में पत्रोपाधि या उसके समतुल्य उपाधि तथा तीन वर्ष का अध्यापन/व्यावहारिक अनुभव
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1. लोक सेवा आयोग अध्यक्ष या उसके आयोग का कोई सदय
–अध्यक्ष
2. अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव/सचिव-सदस्य
3. संचालक, तकनीकी शिक्षा –सदस्य
4. इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के दो ज्येष्ठ प्राचार्य
-सदस्य
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1. इंजीनियरी महाविद्यालय के तकनीकी सहायक (विद्युत) कर्मशाला सहायक (विद्युत) विद्युत सहायक (विद्युत)
2. पोलिटेकनिक के कनिष्ठ अनुदेशक (विद्युत) मानचित्र-कार (विद्युत)
3. उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय के प्रधान अनुदेशक (विद्युत)
4. कला निकेतन के कनिष्ठ अनुदेशक (विद्युत)
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उच्चतर माध्यमिक तकनीकी विद्यालय के व्याख्याता (विद्युत)
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5 वर्ष
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विद्युत इंजीनियरी में उपाधि या उसके समतुल्य उपाधि-या- विद्युत इंजीनियरी में पत्रोंपाधि या उसके समतुल्य उपाधि तथा तीन वर्ष का अध्यापन/व्यावहारिक अनुभव।
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1. लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या उसके द्वारा मनोनीत लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य – अध्यक्ष
2. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव सचिव-सदस्य
3. संचालक, तकनीकी शिक्षा –सदस्य
4. इंजीनियरी महाविद्यालयों के दो ज्येष्ठ प्राचार्य-सदस्य
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टिप्पणी – 1. ए.एम.आई.ई. की अर्हता, (ए.एम.आई..ई. के खण्ड अ और ब उत्तीर्ण)
टिप्पणी – 250 अंकों के साथ पास श्रेणी को द्वितीय श्रेणी की उपाधि के समतुल्य माना जायेगा ।
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