नियम

शीर्षक म.प्र. स्थानीय शासन विभाग सेवा (अराजपत्रित) भर्ती नियम 1978
वर्ष 1978
सम्बंधित अधिनियम भारत का संविधान 1950 (भारत का संविधान 1950)
उद्देश्य म.प्र. स्थानीय शासन विभाग सेवा (अराजपत्रित) भर्ती के संबंध में विभाग बनाने हेतु
अधिसूचना की तिथि 06/10/1978
लागू करने की तिथि 06/10/1978
क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण म.प्र.
विभाग का नाम सामान्य प्रशासन विभाग
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विवरण
मध्य प्रदेश स्थानीय शासन विभाग सेवा (अराजपत्रित) भरती नियम, 1978
1 संक्षिप्त नाम
2 परिभाषाएँ
3 विस्तार तथा प्रयुक्ति
4 सेवा का गठन
5 वर्गीकरण, वेतनमान आदि
6 भरती की पद्धति
7 सेवा में नियुक्ति
8 सीधी भरती की पात्रता की शर्तें
9 अनर्हता
10 उम्मीदवारों की पात्रता के सम्बन्ध में समिति का विनिश्चय अन्तिम होगा
11 प्रतियोगितात्मक परीक्षा द्वारा सीधी भरती
12 समिति द्वारा सिफारिश किये गये उम्मीदवारों की सूची
13 पदोन्नति द्वारा नियुक्ति
14 पदोन्नति के लिये पात्रता सम्बन्धी शर्त
15 उपयुक्त व्यक्तियों की सूची तैयार करना
16 समिति द्वारा सूची नियुक्ति प्राधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी
17 चयन सूची
18 चयन सूची से सेवा में नियुक्ति
19 परिवीक्षा
20 निर्वचन
21 छूट
22. व्यावृत्ति
23 अनुसूची – एक
24 अनुसूची – दो
25 अनुसूची – तीन
26 अनुसूची – चार

मध्य प्रदेश स्थानीय शासन विभाग सेवा (अराजपत्रित) भरती नियम , 1978

संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये मध्य प्रदेश के राज्यपाल, एतद्द्वारा, निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात्-

नियम

1. संक्षिप्त नाम- ये नियम मध्य प्रदेश स्थानीय शासन विभाग सेवा (अराजपत्रित) भरती नियम, 1978 कहलायेंगे ।

2. परिभाषाएँ- इन नियमों में, जब तक सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो-

(क) ''नियुक्ति प्राधिकारी'' से अभिप्रेत है, अनुसूची एक के कालम (5) में विनिर्दिष्ट ऐसा प्राधिकारी जो उक्त अनुसूची के कालम (2) की तत्स्थानी प्रविष्टियों में विनिर्दिष्ट पदों पर नियुक्त व्यक्तियों के सम्बन्ध में हों;

(ख) ''समिति'' से अभिप्रेत है, अनुसूची चार के कालम (4) में उपबन्धित किये गये अनुसार गठित ऐसी विभागीय पदोन्नति समिति जो उक्त अनुसूची के कालम (3) की तत्स्थानी प्रविष्टि में विनिर्दिष्ट पदों के सम्बन्ध में हो;

(ग) ''सरकार'' से अभिप्रेत है, मध्य प्रदेश राज्य की सरकार;

(घ) ''राज्यपाल'' से अभिप्रेत है, मध्य प्रदेश के राज्यपाल;

(ङ) ''परीक्षा'' से अभिप्रेत है, नियम 11 के अधीन रखी गई प्रतियोगितात्मक परीक्षा;

(च) ''अनुसूची'' से अभिप्रेत है, इन नियमों से संलग्न अनुसूची;

(छ) ''सेवा'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश स्थानीय शासन (अराजपत्रित लिपिक वर्गीय) सेवा;

(ज) ''राज्य'' से अभिप्रेत है मध्य प्रदेश राज्य ।

(2) इन नियमों में प्रयुक्त अभिव्यक्तियों ''अनुसूचित जातियाँ'' तथा ''अनुसूचित जन- जातियाँ'' के वही अर्थ होंगे जो उन्हें राज्य के सन्दर्भ में संविधान के अनुच्छेद 366 के खण्ड (24) तथा (25) के अधीन क्रमश: दिये गये हैं ।

3. विस्तार तथा प्रयुक्ति- मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ये नियम इस सेवा के प्रत्येक सदस्य पर लागू होंगे ।

4 सेवा का गठन- सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति होंगे, अर्थात्-

(1) वे व्यक्ति जो इन नियमों के प्रारम्भ के समय अनुसूची एक के कालम (2) में विनिर्दिष्ट पदों को मौलिक रूप से धारण करते हों,

(2) वे व्यक्ति जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के पूर्व सेवा में भरती किये गये हों और

(3) वे व्यक्ति जो इन नियमों के उपबन्धों के अनुसार सेवा में भरती किये गये हों ।

5. वर्गीकरण , वेतनमान आदि- सेवा का वर्गीकरण, उससे संलग्न वेतनमान, पदों की संख्या तथा उन पदों के सम्बन्ध में नियुक्ति प्राधिकारी अनुसूची एक में विनिर्दिष्ट किये गये अनुसार होंगे ।

6. भरती की पद्धति -(1) इन नियमों के प्रारम्भ के पश्चात् सेवा में भरती निम्नलिखित पद्धतियों में से किसी एक पद्धति से की जायेगी, अर्थात्-

(क) प्रतियोगितात्मक परीक्षा से सीधी भरती द्वारा;

(ख) अनुसूची चार के कालम (2) में विनिर्दिष्ट पद धारण करने वाले व्यक्तियों की उसके (अनुसूची के) कालम (3) की तत्स्थानी प्रविष्टियों में विनिर्दिष्ट पदों पर पदोन्नति द्वारा;

(ग) अन्य सेवाओं से व्यक्तियों के स्थानान्तर द्वारा ।

(2) उपनियम (1) के खण्ड (ख) के अधीन पदोन्नति द्वारा भरे जाने वाले पदों की संख्या, अनुसूची एक के कालम (3) में विनिर्दिष्ट सम्बन्धित पदों की कुल संख्या की उस प्रतिशतता से, जो कि अनुसूची दो के कालम मैं में विनिर्दिष्ट है, अधिक नहीं होगी ।

(3) इन नियमों के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हुये भरती की किसी विशिष्ट कालावधि के दौरान भरे जाने के लिए अपेक्षित सेवा की किसी विशिष्ट रिक्त या रिक्तियों को भरने के प्रयोजन के लिये अपनायी जाने वाली भरती की पद्धति या पद्धतियाँ तथा प्रत्येक पद्धति द्वारा भरती किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा प्रत्येक अवसर पर अव- धारित की जायगी ।

(4) उपनियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी यदि नियुक्ति प्राधिकारी की राय में सेवा की अभ्‍यावश्यकताओं में ऐसा अपेक्षित हो तो नियुक्ति प्राधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग से परामर्श करने के पश्चात् उक्त उपनियम में विनिर्दिष्ट पद्धतियों को छोड़कर सेवा में भरती की ऐसी पद्धतियाँ अपना सकेगा जो वह इस सम्बन्ध में जारी किये गये आदेश द्वारा विहित करे ।

7. सेवा में नियुक्ति- इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात् सेवा में समस्त नियुक्तियाँ नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा की जायेगी और कोई भी नियुक्ति नियम 6 में विनिर्दिष्ट भरती की पद्धतियों में से किसी एक पद्धति के सिवाय किसी अन्य पद्धति से नहीं की जायेगी ।

8. सीधी भरती की पात्रता की शर्तें- प्रतियोगितात्मक परीक्षा में प्रतियोगिता करने के लिये पात्र होने हेतु किसी उम्मीदवार को निम्नलिखित शतें पूरी करनी चाहिये; अर्थात्-

(1) आयु-

(क) उसने परीक्षा प्रारम्भ होने की तारीख की आगामी 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो;

(ख) यदि उम्मीदवार अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का हो तो अधिकतम आयु सीमा में अधिक से अधिक 5 वर्ष तक की छूट दी जायेगी ;

(ग) उन उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा में भी जो मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी हों या रह चुके हों नीचे विनिर्दिष्ट की गई सीमा तक तथा शर्तों के अध्यधीन रहते हुये छूट दी जायेगी-

(एक) जो उम्मीदवार स्थायी या अस्थायी शासकीय कर्मचारी हो, उसे 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिये,

(दो) उपखण्ड (एक) में विनिर्दिष्ट रियायत, कार्यभारित कर्मचारी वृन्द या आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी वृन्द तथा परियोजना कार्यान्वयन समितियों में नियोजित व्यक्तियों को भी अनुज्ञेय होगी,

(तीन) जो उम्मीदवार छटनी किया गया शासकीय कर्मचारी हो उसे अपनी आयु में से उनके द्वारा पहल की गई सम्पूर्ण अस्थायी सेवा की अधिक से अधिक 7 वर्ष तक की कालावधि, भले ही वह कालावधि एक से अधिक बार की गई सेवाओं का योग हो, कम करने की अनुमति दी जायेगी बशर्ते कि इसके परिणाम स्वरूप जो आयु निकले वह अधिकतम आयु सीमा से 3 वर्ष से अधिक न हो ।

स्पष्टीकरण- शब्द ''छटनी किया गया शासकीय कर्मचारी'' से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है, जो इस राज्य की अस्थायी शासकीय सेवा में कम से कम छ: मास तक निरन्तर रहा हो तथा जो रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने अथवा शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व कर्मचारियों की संख्या में कमी की जाने के कारण सेवा मुक्त किया गया हो ।

(तीन) जो उम्मीदवार भूतपूर्व सैनिक हो उसे अपनी आयु में से उसके द्वारा पहले की गई

समस्त प्रतिरक्षा सेवा की कालावधि कम करने की अनुमति दी जायेगी बशर्ते कि इसके परिणाम स्वरूप जो आयु निकले वह अधिकतम आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो ।

स्पष्टीकरण- ''शब्द भूतपूर्व सैनिक'' से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो निम्नलिखित प्रवर्गों में से किसी एक प्रवर्ग गे रहा हो तथा जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छ: मास की कालावधि तक निरन्तर सेवा करता रहा हो तथा जिसकी किसी भी रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रीकरण कराने अथवा शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व मितव्ययिता इकाई की सिफारिश के फलस्वरूप अथवा कर्मचारियों की संख्या में सामान्य रूप से कमी की जाने के कारण छटनी की गई हो अथवा जो आवश्यक कर्मचारियों की संख्या से अधिक घोषित किया गया हो ।

(एक) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें समय पूर्व सेवानिवृत्ति रियायतों मस्टरिंग आउट कन्सेशन्स) के अधीन मुक्त कर दिया गया हो;

(दो) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें दुबारा भरती किया गया हो; और

(क) नियुक्ति की अल्पकालीन अवधि पूर्ण हो जाने पर; या

(ख) भरती सम्बन्धी शर्ते पूर्ण हो जाने पर सेवा मुक्त कर दिये गये हो :

(तीन) मद्रास सिविल इकाई (यूनिट) के भूतपूर्व कर्मचारी;

(चार) संविदा पूरी होने पर सेवा मुक्त किये गये अधिकारी (सैनिक तथा असैनिक) जिनमें अल्पावधि सेवा में नियमित कमीशन प्राप्त अधिकारी भी सम्मिलित हैं ।

(चार) अवकाश रिक्तियों पर छ: मास से अधिक समय तक निरन्तर कार्य करने के बाद सेवा मुक्त किये गये अधिकारी ।

(छ:) असमर्थ होने के कारण सेवा से अलग किये गये भूतपूर्व सैनिक ।

(सात) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें इस आधार पर सेवा मुक्त किया गया हो कि अब वे सक्षम सैनिक नहीं बन सकेंगे ।

(आठ) ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिनको गोली लग जाने से घाव आदि हो जाने के कारण चिकित्सीय आधार पर सेवा में पृथक कर दिये गये हों।

टिप्‍प्‍णी – उपर्युक्‍त नियम 8 (एक) तथा (दो) में उल्लिखित आयु संबंधी रियायतों के अधीन जिन उम्‍मीदवारों को चयन होने के पहले अथवा बाद में सेवा से त्‍यागपत्र दे दे, तो वे नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे। तथापि यदि आवेदन पत्र प्रस्‍तुत करने के पश्‍चात् सेवा या पद से उनकी छटनी की जाय तो वे नियुक्ति के पात्र बने रहेंगे। किसी भी अन्‍य मामले में ये आयु सीमाये शिथिल नहीं की जावेगी । किसी भी अन्‍य मामले में ये आयु सीमायें शिथिल नहीं की जावेगी।

विभागीय उम्‍मीदवार चयन हेतु उपस्थित होने के लिये नियुक्ति प्राधिकारी से पूर्व अनुज्ञा अभिप्राप्‍त करेंगे ।

(2) शैक्षणिक अर्हतायें- उम्मीदवार के पास सेवा के लिये विहित शैक्षणिक अर्हताऐ होनी चाहिये जो कि अनुसूची तीन में दर्शाई गई हैं :

परन्तु-

(क) आपवादिक मामलों में समिति किसी ऐसे उम्मीदवार को अहित समझ सकेगी जो इस खण्ड में विहित अर्हताओं में से कोई अर्हता न रखता हो किन्तु जिसने अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित परीक्षाएं ऐसे स्तर से उत्तीर्ण की हों जो कि समिति की राय में उम्मीदवार के चयन के लिये विचार करने हेतु न्यायोचित ठहराता हो ।

(ख) समिति अपने विवेकानुसार चयन के लिये ऐसे उम्मीदवारों को भी सम्मिलित कर सकेगी जो अन्यथा अर्ह हो, किन्तु जिन्होंने विदेशी विश्वविद्यालयों से ऐसी उपाधियां प्राप्त की हों, जो शासन द्वारा विशिष्ट रूप से मान्यता प्राप्त न हों ।

(3) फीस- उम्मीदवार नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा विहित फीस का भुगतान करेगा ।

9. अनर्हता- उम्मीदवार की ओर से अपनी उम्मीदवारी के लिये सहायता प्राप्त करने हेतु किसी भी जरिये से किया गया कोई भी प्रयास समिति द्वारा उसके (उम्मीदवार के) चयन के सम्बन्ध में अनर्हता के रूप में माना जायेगा ।

10. उम्मीदवारों की पात्रता के सम्बन्ध में समिति का विनिश्चय अन्तिम होगा- प्रतियोगितात्मक परीक्षा में प्रवेश के लिये किसी भी उम्मीदवार की पात्रता या अन्य बात के संबंध में समिति का विनिश्चय अन्तिम होगा तथा समिति द्वारा ऐसे किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जायेगी जिसे नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा प्रवेश प्रमाण-पत्र न दिया गया हो ।

11 . प्रतियोगितात्मक परीक्षा द्वारा सीधी भरती—( 1) सेवा में भरती के लिये प्रति- योगितात्मक परीक्षा ऐसे अन्तरालों में ली जावेगी जैसा कि नियुक्ति प्राधिकारी समय-समय पर अवधारित करें ।

(2) समिति द्वारा परीक्षा ऐसे आदेशों के अनुसार ली जायेगी जिन्हें नियुक्ति प्राधिकारी समय-समय पर जारी करें ।

(3) सीधी भरती के लिये उपलब्ध रिक्त स्थानों में से 16 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत स्थान क्रमश: अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित रखे जावेंगे ।

(4) इस प्रकार आरक्षित रिक्त स्थानों को भरते समय अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों की नियुक्ति पर विचार नियम 12 में निर्दिष्ट सूची में आये उनके नामों के क्रम के अनुसार किया जावेगा चाहे अन्य उम्मीदवारों की तुलना में उनका सापेक्षिक क्रम कुछ भी क्यों न हो ।

(5) प्रशासन की दक्षता बनाये रखने का समुचित ध्यान रखते हुए सेवा में नियुक्ति के लिये समिति द्वारा चुने गये अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवार, उप- नियम (3) के अधीन यथा स्थिति, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीद- वारों के लिये रक्षित रिक्त स्थानों पर नियुक्त किये जा सकेंगे ।

(6) यदि अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवार उनके लिये रक्षित सभी रिक्त स्थानों को भरने के लिये पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हो तो शेष रिक्त स्थान अन्य उम्मीदवारों में से भरे जायेंगे तथा अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों के लिये उतनी ही संख्या में अतिरिक्त रिक्त स्थान अगले चयनों के समस्त आरक्षित रखे जावेंगे.

परन्तु इस प्रकार आरक्षित रिक्त स्थानों की संख्या किसी भी समय कुल रिक्त स्थानों की संख्या के 45 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी ।

12 समिति द्वारा सिफारिश किये गये उम्मीदवारों की सूची - (1) समिति अपने द्वारा अवधारित किये गये मानकों के अनुसार अर्ह उम्मीदवारों की योग्यता क्रम से बनाई गई सूची और अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उन उम्मीदवारों की सूची जो यद्यपि उक्त मानकों के अनुसार अर्ह न हो, किन्तु जिन्हें समिति ने प्रशासन में दक्षता बनाये रखने का समुचित ध्यान रखते हुए सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त घोषित किया है, नियुक्ति प्राधिकारी को भेजेगा ।

(2) इन नियमों तथा मध्य प्रदेश सिबिल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हुए उपलब्ध रिक्त स्थानों पर सूची में दिये गये नामों के क्रम से उम्मीदवारों की नियुक्ति के सम्बन्ध में विचार किया जायेगा |

(3) सूची में किसी उम्मीदवार का नाम सम्मिलित किये जाने सम्बन्धी तथ्य ही उसे नियुक्ति का कोई अधिकार प्रदान नहीं करता जब तक कि नियुक्ति अधिकारी का ऐसी जांच करने के बाद जिसे वह आवश्यक समझे इस बात से समाधान न हो जाये कि उम्मीदवार सेवा में नियुक्ति के लिये सभी प्रकार से उपयुक्त है ।

13. पदोन्नति द्वारा नियुक्ति.- (1) पात्र उम्मीदवारों की पदोन्नति हेतु प्रारम्भिक चयन समिति द्वारा किया जायेगा समिति का इस प्रयोजन के लिये सम्मिलिन ऐसे अन्तरालों से होगा जो साधारण तौर पर एक वर्ष से अधिक न हो ।

14. पदोन्नति के लिये पात्रता सम्बन्धी शर्त- (1) उपनियम (2) के उपबन्धों के अधीन, समिति उन सभी व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी जिन्होंने उस वर्ष की 1 जनवरी को अनुसूची चार के कालम (2) में उल्लिखित पद पर या किसी अन्य पद या पदों पर, जिन्हें सरकार ने उनके समतुल्य घोषित किया है, चाहे स्थानापन्न या मूलरूप से 5 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो तथा जो विचारार्थ क्षेत्र में आते हों ।

(2) इस चयन के लिये विचारार्थ क्षेत्र, चयन सूची में सम्मिलित किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या से सामान्यत: पांच गुना अधिक व्यक्तियों तक सीमित रहेगी, परन्तु यदि इस प्रकार अवधारित किये गये क्षेत्र के भीतर अपेक्षित संख्या में उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न हो तो ऐसे क्षेत्र को समिति उस सीमा तक बढ़ा सकेगी जो वह लिखित में कारण दर्शाते हुए आवश्यक समझे ।

15. उपयुक्त व्यक्तियों की सूची तैयार करना- (1) समिति ऐसे व्यक्तियों की एक सूची तैयार करेगी, जो नियम में विहित शर्तों को पूरी करते हों तथा जिन्हें समिति द्वारा सेवा में पदोन्नति के लिए उपयुक्त समझा गया हो, सूची में सम्मिलित किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या उतनी होगी जो सूची तैयार करने की तारीख से एक वर्ष के भीतर सेवा निवृत्ति तथा पदोन्नतियों के कारण संभावित रिक्त स्थानों को पूरा करने के लिये पर्याप्त हो । इसके अतिरिक्त उक्त कालावधि के दौरान होने वाले अप्रत्याशित रिक्त स्थानों को भरने के लिये एक आरक्षित सूची तैयार की जानी चाहिये, जिसमें चयन सूची में सम्मिलित व्यक्तियों की संख्या के 25 प्रति- शत नाम होंगे ।

(2) ऐसी सूची में नाम सम्मिलित करने के लिये किया जाने वाला चयन वरिष्ठता पर समुचित रूप से ध्यान देते हुए योग्यता तथा सभी दृष्टि से उपयुक्तता पर आधारित होगा ।

(3) सूची में सम्मिलित किये गये अधिकारियों के नाम प्रत्येक सूची बनाने के समय वरिष्ठता क्रम के अनुसार रखे जायेंगे :

परन्तु किसी ऐसे कनिष्ट अधिकारी को, जो समिति की राय में विशेष रूप से योग्य तथा उपयुक्त हो, उससे वरिष्ठ अधिकारी/अधिकारियों की तुलना में सूची में उच्च स्तर स्थान दिया जा सकेगा ।

स्पष्टीकरण - ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित है, किन्तु उस सूची को विधिमान्यता के दौरान उसकी पदोन्नति नहीं हुई हो, तो वह केवल अपने पूर्व में चयन होने के आधार पर, उन ब्यक्तियों से वरिष्ठ होने का दावा नहीं कर सकेगा, जिन्हें बाद के चयन में विचार में लिया गया हो ।

(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची का प्रत्येक वर्ष पुनर्विलोकन/पुनरीक्षण किया जायेगा |

(5) यदि इस प्रकार के चयन, पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण की प्रक्रिया के दौरान सेवा के किसी सदस्य को अधिक्रमित करना प्रस्तावित हो तो समिति प्रस्तावित अधिक्रमण के सम्बन्ध में अपने कारणों को लेखबद्ध करेगी ।

16. समिति द्वारा सूची नियुक्ति प्राधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी- तत्पश्चात् नियम 15 के अनुसार तैयार की गई सूची समिति द्वारा निम्नलिखित के साथ नियुक्ति प्राधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी -

(1) सूची में सम्मिलित सभी व्यक्तियों के अभिलेख;

(1) अनुसूची चार के कालम (2) में दर्शित सेवा के ऐसे सभी सदस्यों के अभिलेख जिन्हें सूची में की गई सिफारिशों के अनुसार अधिक्रमित किया जाना प्रस्तावित हों ;

(3) (अनुसूची चार के कालम (2) में यथावर्णित सेवा के किसी सदस्य के प्रस्तावित अधिक्रमण के सम्बन्ध में समिति द्वारा लेखबद्ध किये गये कारण ।

17. चयन सूची- (1) नियुक्ति प्राधिकारी, समिति से प्राप्त अन्य दस्तावेजों के साथ-साथ समिति द्वारा तैयार की गई सूची पर विचार करेगा और यदि उसमें कोई परिवर्तन आवश्यक न समझे तो उस सूची को अनुमोदित करेगा ।

(2) यदि नियुक्ति प्राधिकारी समिति से प्राप्त सूची में कोई परिवर्तन आवश्यक समझे तो वह प्रस्तावित परिवर्तनों के सम्बन्ध में समिति को सूचित करेगा तथा समिति की उस पर टिप्पणियों का ध्यान रखते हुये उक्त सूची को ऐसे उपान्तरणों के साथ, यदि कोई हो, जो उसकी राय में न्यायोचित तथा उपयुक्त हो, अनुमोदित कर सकेगा ।

(3) नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अन्तिम रूप से अनुमोदित सूची, सेवा के सदस्यों की अनु- सूची चार के कालम (2) में उल्लिखित पदों से उक्त अनुसूची 'के कालम (3) में उल्लिखित पदों पर पदोन्नति के लिये चयन सूची होगी ।

(4) चयन सूची सामान्यत: तब तक लागू रहेगी, जब तक कि नियम 15 के उपनियम (4) के अनुसार उसका पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण न किया जाय, किन्तु इस सूची की विधिमान्यता इसके तैयार करने की तारीख से 18 मास की अवधि के बाद नहीं बढ़ाई जायेगी;

परन्तु चयन सूची में सम्मिलित किसी व्यक्ति के आचरण या उसकी ओर से कर्त्तव्यों के पालन में गम्भीर चूक होने की दशा में सरकार के । कहने पर चयन सूची का विशेष रूप से पुन- र्विलोकन किया जा सकेगा और यदि नियुक्ति प्राधिकारी उचित समझे तो चयन सूची से ऐसे व्यक्ति का नाम हटा सकेगा ।

18. चयन सूची से सेवा में नियुक्ति- (1) चयन सूची में सम्मिलित अधिकारियों की सेवा के काडर के पदों पर नियुक्तियां उसी क्रम से की जायेंगी, जिस क्रम से ऐसे अधिकारियों के नाम चयन सूची में हों :

परन्तु जहां आवश्यकताओं के कारण ऐसा अपेक्षित हो वहां किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित न किया गया हो या जिसका नाम चयन सूची में दिए गये क्रम में अगले स्थान पर न हो सेवा में उस स्थिति में नियुक्ति किया जा सकेगा जब कि नियुक्ति प्राधिकारी का यह समाधान हो जाय कि उक्त रिक्ति के तीन मास से अधिक समय तक चालू रहने की संभावना नहीं है ।

(2) जिस व्यक्ति का नाम चयन सूची में सम्मिलित किया गया हो, उस व्यक्ति को सेवा में नियुक्त करने से पूर्व समिति से परामर्श करना सामान्यत: तब तक आवश्यक नहीं होगा, जब तक कि चयन सूची में उसका नाम सम्मिलित किये जाने तथा प्रस्तावित नियुक्ति की तारीख के बीच की कालावधि में उसके कार्य में ऐसी कोई गिरावट न आई हो जो नियुक्ति प्राधिकारी की राय में सेवा में नियुक्ति के लिये उस व्यक्ति को अनुपयुक्त सिद्ध करती हो ।

(3) चतुर्थ श्रेणी सेवा के ऐसे उम्मीदवारों को जिन्हें अनुसूची चार के कालम (2) में यथा उल्लिखित निम्न श्रेणी लिपिकों के पदों पर पदोन्नत किया जायेगा, मध्य प्रदेश शीघ्रलेखन तथा मुद्रलेखन बोर्ड द्वारा संचालित हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी अन्यथा उन्हें चतुर्थ श्रेणी के मूल पद पर प्रत्यावर्तित कर दिया जायेगा ।

19. परिवीक्षा - सेवा में सीधे भरती किया गया प्रत्येक व्यक्ति दो वर्ष की कालावधि के लिये परिवीक्षा पर नियुक्त किया जायेगा ।

20. निर्वचन- यदि इन नियमों के निर्वचन के सम्बन्ध में कोई प्रश्न उठे तो वह सरकार को निर्दिष्ट किया जावेगा, जिसका उस पर विनिश्चय अन्तिम होगा ।

21. छूट- इन नियमों में दी गई किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जायगा कि वह ऐसे व्यक्ति के मामले में, जिस पर ये नियम लागू होते हैं, ऐसी रीति से कार्यवाही करने की राज्यपाल की शक्ति को सीमित या कम करती है, तो उन्हें उचित और न्यायपूर्ण प्रतीत हो :

परन्तु मामला ऐसी रीति से नहीं निपटाया जाएगा, जो कि इन नियमों में उपबन्धित रीति की अपेक्षा उसके लिये कम अनुकूल हो ।

22. व्यावृत्ति- इन नियमों की कोई भी बात अनुसूचित जातियों, जनजातियों तथा व्यक्तियों के अन्य विशेष प्रवर्गो को राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के अनुसार दिये जाने के लिये अपेक्षित आरक्षणों तथा अन्य रियायतों को प्रभावित नहीं करेगी ।

अनुसूची – एक

[ नियम 5 देखिये ]

क्र

(1)

सेवा में सम्मिलित पदों का नाम

(2)

पदों की संख्या

(3)

वेतनमान

(4)

नियुक्ति अधिकारी

(5)

1.

अधीक्षक

2

रु० 400-20-500-25-675 ...

संचालक, स्थानीय संस्थाएं अनुसूची में सम्मिलित समस्त पदों के लिए |

2.

लेखा अधिकारी .... ...

1

रु० 350-12-1/2-400-20-500द० रो० 25-600

3.

सहायक अधीक्षक ... ...

7

रु० 280-10-350-12-1/2-400 द० रो० 20-480

 

4.

5.

सहायक (उच्च श्रेणी लिपिक)....

स्टेनोंग्राफर.... ....

21

2

रु० 246-6-270-10-350-द० रो० 12-1/2-400-20-460

रु० 280-10-350-12-1/2-400-द०रो०-

20-480

उप संचालक स्थानीय संस्थाएं अपने-अपने संभागों में स्टेनों टायपिस्ट तथा निम्न श्रेणी लिपिक के लिए नियुक्ति प्राधिकारी होंगे |

6.

लेखापाल .... ... ...

6

रु० 205-5-240-6-270-द०रो०-10-350-

12-1/2-375

 

7.

उच्च श्रेणी लिपिक-2 ....

26

रु० 195-5-240-6-252-द० रो-6-270-

10-330

 

8.

स्टेनो टायपिस्ट.... ...

25

रु० 169-4-185-5-240-द० रो० -6-270-

10-300- तथा रु० 40-00 विशेष वेतन प्रतिमास

 

9.

निम्न श्रेणी लिपिक

35

रु० 169-4-182-5-240-द० रो० -6-270-10-300

 

अनुसूची – दो

[ नियम 6 देखिये ]

अनुक्रमांक

(1)

सेवा में सम्मिलित पदों के नाम

(2)

भरे जाने वाले पदों की संख्या का प्रतिशत

अन्य सेवाओं से व्यक्तियों के स्थानांतर द्वारा देखिये नियम 6 (ग)

(5)

टिप्पणियां

(6)

सीधी भर्ती द्वारा नियम (क)

(3)

सेवा के मुल सदस्‍य की पदोन्‍नति द्वरा नियम

(4)

1.

अधीक्षक ... ...

...

100 प्रतिशत

...

 

2.

लेखा अधिकारी ....

...

....

100 प्रतिशत

 

3.

सहायक अधीक्षक ...

...

100 प्रतिशत

...

 

4.

सहायक (उच्च श्रेणी लिपिक)

25 प्रतिशत

75 प्रतिशत

...

 

5.

लेखापाल ....

...

100 प्रतिशत

...

 

6.

शीघ्रलेखक ... ....

100 प्रतिशत

...

...

 

7.

उच्च श्रेणी लिपिक 2 ...

...

100 प्रतिशत

...

 

8.

स्टेनो टायपिस्ट

100 प्रतिशत

...

...

 

9.

निम्न श्रेणी लिपिक टायपिस्ट

90 प्रतिशत

10 प्रतिशत

...

 

अनुसूची-तीन

[ नियम 8 देखिये ]

विभाग का नाम

(1)

सेवा का नाम

(2)

विहित शैक्षणिक अर्हताएं

(3)

टिप्पणियां

(4)

संचालनालय स्थानीय

शीघ्र लेखक ....

1. हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण |

 

संस्थाएं

स्टेनो टाइपिस्ट ....

2. किसी मान्यता प्राप्त संस्था से हिंदी शीघ्र लेखन तथा मुद्रलेखन परीक्षा प्रमाण-पत्र होना चाहिए तथा विशेषतः अंग्रेजी शीघ्र लेखक तथा मुद्रलेखन का ज्ञान होना चाहिए | किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का स्नातक |

 
 

सहायक ....

1. हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण |

 
   

2. मध्य प्रदेश शीघ्र लेखन तथा मुद्रलेखन बोर्ड से हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा का प्रमाण-पत्र |

 
 

स्टेनो टाइपिस्ट ...

1. हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण |

2. मध्य प्रदेश शीघ्र लेखन तथा मुद्रलेखन बोर्ड से हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा का प्रमाण – प्रत्र |

3. हिन्दी मुद्रलेखन का काम चलाऊ ज्ञान जो साधारणतया 60 शब्द प्रति मिनट की गति का हो |

 

अनुसूची – चार

[ नियम 14 देखिये ]

विभाग का नाम

उस सेवा या पद का नाम जिससे पदोन्नति की जाना है

उस सेवा या पद का नाम जिसमें पदोन्नति की जाना है

विभागीय पदोन्नति समिति के सदस्यों के नाम

(1)

(2)

(3)

(4)

संचालनालय, स्थानीय संस्थाएं

सहायक अधीक्षक ...

अधीक्षक (2) ...

1. वरिष्ठतम संयुक्त संचालक-अध्यक्ष

2. एक संयुक्त संचालक जो संचालक द्वारा नामनिर्देशित किया जायगा-सदस्य

3. एक उप संचालक जो संचालक द्वारा नामनिर्देशित किया जाएगा – सचिव सदस्य

 

सहायक (उ० श्रे० लि० -1)

उ० श्रे० लि० (2) लेखापाल

सहायक अधीक्षक (7) सहायक (उ० श्रे० लि० -1) लेखापाल (लेखा प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है)

... तदैव ...

... तदैव ...

 

निम्न श्रेणी लिपिक स्टेनो टायपिस्ट

उच्च श्रेणी लिपिक-2

... तदैव ...

 

उच्च श्रेणी लिपिक ....

लेखापाल, लेखा प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है

... तदैव ...

 

चतुर्थ श्रेणी सेवा के हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण वे कर्मचारी जिन्होंने उस पर लगातार 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है

निम्न श्रेणी लिपिक ...

1. एक संयुक्त संचालक जो संचालक द्वारा नामनिर्देशित किया जाएगा – अध्यक्ष

2. एक उप संचालक जो संचालक द्वारा नाम निर्देशित किया जायगा – सदस्य सचिव


नवीनीकृत: 03-May-2017