नियम

शीर्षक मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) भरती नियम, 1981
वर्ष 1981
सम्बंधित अधिनियम भारत का संविधान 1950 (भारत का संविधान 1950)
उद्देश्य म.प्र. कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम 1981 के अंतर्गत भर्ती से संबंधित नियम बनाने हेतु ।
अधिसूचना की तिथि 01/01/1981
लागू करने की तिथि 01/01/1981
क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण म.प्र.
विभाग का नाम श्रम विभाग
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विवरण
मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम, 1981
1 संक्षिप्त नाम तथा प्रारम्भ
2 परिभाषाएँ
3 विस्तार तथा प्रयुक्ति
4 सेवा का गठन
5 वर्गीकरण, वेतनमान आदि
6 भर्ती की रीति
7 सेवा में नियुक्ति
8 सीधी भर्ती की पात्रता की शर्ते
9 अर्हताऐं
10 उम्मीदवारों की पात्रता के सम्बन्ध में आयोग का विनिश्चय अन्तिम होगा
11 चयन द्वारा सीधी भरती
12 आयोग द्वारा सिफारिश किये गये उम्मीदवारों की सूची
13 पदोन्नति द्वारा नियुक्ति
14 पदोन्नति के लिये पात्रता सम्बन्धी शर्ते
15 उपयुक्त पदधारियों की सूची तैयार करना
16 आयोग से परामर्श
17 चयन सूची
18 चयन सूची से सेवा में नियुक्ति
19 परिवीक्षा
20 निर्वाचन
21 शिथिलीकरण
22. निरसन तथा व्यावृत्ति
23 अनुसूची-एक
24 अनुसूची-दो
25 अनुसूची-तीन
26 अनुसूची-चार

मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम , 1981

क्र० 1 (अ) 4-78 श्रम सोलह-ए- संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये, मध्य प्रदेश के राज्यपाल, मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम, 1981 के अन्तर्गत भर्ती से सम्बन्धित निम्नलिखित नियम बनाते ऐं-

1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारम्भ- ये नियम मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) भरती नियम, 1981 कहलायेंगे ।

ये नियम ''मध्य प्रदेश राजपत्र'' में अधिसूचना के प्रकाशित होने की तारीख से प्रवृत्त होंगे. ।

2. परिभाषाएँ- इन नियमों में जब तक प्रसंग से अन्यथा अपेक्षित न हो-

(क) सेवा के सम्बन्ध में ''नियुक्ति प्राधिकारी'' से तात्पर्य शासन से है;

(ख) ''आयोग” से तात्पर्य मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से है;

(ग) “शासन'' से तात्पर्य मध्य प्रदेश के शासन से है;

(घ) ''राज्यपाल'' से तात्पर्य मध्य प्रदेश के राज्यपाल से है;

(ङ) ''अनुसूची'' से तात्पर्य इन नियमों से संलग्न अनुसूची से है;

(च) ''अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों'' का वही अर्थ होगा, जो उनके लिये संविधान के अनुच्छेद 386 के क्रमश: खण्ड (24) तथा (25) में दिया गया है तथा जो समय-समय पर राज्य शासन द्वारा अधिसूचित किया जाता है

(छ) ''सेवा'' से तात्पर्य मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित) से है;

(ज) ''राज्य'' से तात्पर्य मध्य प्रदेश राज्य से है ।

3. विस्तार तथा प्रयुक्ति- मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 में दिये गये उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ये नियम सेवा के प्रत्येक सदस्य पर लागू होंगे ।

4. सेवा का गठन— (1) सेवा में वे व्यक्ति अन्तर्विष्ट होंगे जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के समय अनुसूची एक में उल्लिखित पदों को मूलत: धारण कर रहे हों और जो सेवा से बाहर किसी अन्य सेवा से सम्बन्ध न रखते हों या किसी अन्य पद पर धारणाधिकार न रखते हों तथा बाद में जिन्हें इन नियमों के उपबन्धों के अनुसार सेवा में भरती किया जाये ।

5. वर्गीकरण , वेतनमान आदि- सेवा के वर्गीकरण उससे सम्बद्ध वेतनमान तथा सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या इससे संलग्न अनुसूची एक में दिये गये उपबन्धों के अनुसार होगी :

परन्तु शासन सेवा में सम्मिलित किये गये पदों की संख्या में समय-समय पर स्थायी या अस्थायी रूप से वृद्धि या कमी कर सकेगा ।

6 भर्ती की रीति- (1) इन नियमों के प्रारम्भ होने के बाद, सेवा में भर्ती निम्न- लिखित रीतियों से की जायेगी, अर्थात्-

(क) सीधी भर्ती द्वारा;

(ख) अनुसूची चार के कालम (2) में दिये गये अनुसार सेवा के सदस्यों की पदोन्नति द्वारा;

(ग) उन व्यक्तियों के स्थानान्तरण द्वारा, जो ऐसी सेवा में ऐसे पदों को धारण करते हों जो इस सम्बन्ध में उल्लिखित किये जाएँ ।

(2) उपनियम (1) के खण्ड (ख) के अधीन भरती किये गये व्यक्तियों की संख्या कर्त्तव्य पदों की संख्या अनुसूची-एक में यथा उल्लिखित) अनुसूची दो में दर्शाये गये प्रतिशत से किसी भी समय अधिक नहीं होगी ।

(3) इन नियमों के सम्बन्धों के अध्यधीन रहते हुये, भरती की किसी भी विनिर्दिष्ट कालावधि के दौरान, भरे जाने के लिये अपेक्षित सेवा की किसी भी विशिष्ठ रीक्ति या रिक्तियों को भरने के प्रयोजन के लिये अपनायी जाने वाली भर्ती किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या, प्रत्येक अवसर पर आयोग के परामर्श से शासन द्वारा अवधारित की जायेगी । उपनियम ( 1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी, यदि शासन की राय में सेवा की आवश्यकताओं को देखते हुये ऐसा करना अपेक्षित हो तौ शासन सामान्य प्रशासन बिभाग से परामर्श करने के पश्चात् उक्त उपनियम में विनिर्दिष्ट रीतियों को छोड्‌कर सेवा में भर्ती करने के सम्बन्ध में ऐसी रीतियों को अपना सकेगा, जो वह इस सम्बन्ध में आदेश द्वारा विहित करे । ''यदि ऐसे किसी मामले में सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति ली जाती है और तत्पश्चात् आयोग से परामर्श किया जाता है ।''

7. सेवा में नियुक्ति- इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात् सेवा में सभी नियुक्तियाँ शासन द्वारा की जायेगी और ऐसी कोई भी नियुक्ति नियम 6 में उल्लिखित भर्ती की किसी एक रीति द्वारा चयन करके ही की जायेगी अन्यथा नहीं ।

8. सीधी भर्ती की पात्रता की शर्ते- चयन किये जाने के लिये पात्र होने की दृष्टि से उम्मीदवार को निम्नलिलित शर्ते अवश्य पूरी करनी होगी, अर्थात्-

(एक) आयु-(क) परीक्षा/चयन प्रारम्भ होने की तारीख के बाद आने वाली पहली जनवरी को उसने अनुसूची तीन के खाने 4 में विहित आयु यदि कोई हो, पूरी कर ली हो और अनुसूची तीन के खाने 5 में विहित आयु पूरी न की हो;

(ख) अधिकतम आयु सीमा में निम्नानुसार छूट दी जायेगी-

(एक) अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के मामले में अधिकतम पाँच वर्षों तक;

(दो) बर्मा तथा लंका से भारतीय मूल के देश लौटने वाले वास्तविक व्यक्तियों के मामले में 45 वर्ष की आयु तक छूट दी जायेगी । इस आयु सीमा में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के लिये 5 बर्ष की और छूट दी जायेगी;

(तीन) पूर्वी पाकिस्तान से आये विस्थापितों के मामले में, जो 1-1-64 को या इसके बाद भारत में आये हों, सामान्य अधिकतम आयु सीमा के बाद आयु सीमा में तीन वर्ष तक की छूट इस शर्त के अध्यधीन दी जायेगी कि उम्मीदवार की सेवा में भरती के सम्बन्ध में दो से अधिक परिवर्तनों का लाभ उठाने की अनुमति नहीं होगी ।

उपर्युक्त के अन्तर्गत न आने वाले नियुक्तियों के लिये शासकीय सेवा में प्रवेश और साथ ही साथ उसमें स्थायी संविधान के लिये अधिकतम आयु सीमा में 45 वर्ष तक की होने की छूट दी जायेगी ।

अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों को उक्त आयु सीमाओं में 5 वर्ष की छूट दी जायेगी ।

टिप्‍पणी - (1) वर्मा तथा लंका से देश लोटने वाले वास्‍तविक व्‍यक्तियों से तात्‍पर्य ऐसे व्‍यक्तियों से है जो क्रमशा: 1-6-63 तथा 1-11-64 को या इसके बाद भारत आये है।

(2) यह रियायत उस अवधि के लिए जैसा शासन समय-समय पर निर्धारित करे मान्‍य होगी ।

(चार) ऐसा उम्मीदवार, जो स्थायी शासकीय कर्मचारी हो 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिये;

(पांच) अस्थायी शासकीय कर्मचारी 38 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिये, यह रियायत आकस्मिता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारियों तथा परियोजना कार्यान्वयन समितियों में नियोजित व्यक्तियों को भी अनुमत होगी;

(छ:) ऐसे उम्मीदवार को, जो कि छटनी किया गया शासकीय कर्मचारी हो, अपनी आयु में से उसके पूर्व में की गई सम्पूर्ण अस्थाई सेवा की अधिक से अधिक सात वर्ष की कालावधि भले ही वह एक से अधिक बार की गई सेवाओं का योग हो, कम करने की अनुमति दी जायेगी, बशर्ते कि परिणामस्वरूप निकलने वाली आयु, अधिकतम आयु सीमा से 3 वर्ष से अधिक न हो;

स्पष्टीकरण- पद ''छटनी किया गया शासकीय कर्मचारी'' ऐसे व्यक्ति को व्यक्त करता है, जो इस राज्य अथवा किसी घटक इकाई की अस्थाई शासकीय सेवा में कम से कम निरन्तर छह मास की कालावधि के लिये रहा हो तथा जो नियोजन कार्यालय में अपना राष्ट्रीकरण कराने अथवा शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व कर्मचारियों की संख्या में कमी किये जाने के कारण सेवा मुक्त किया गया हो ।

(सात) 1-1-63 से आगे राष्ट्रीय छात्र सेवा में पूर्णकालिक केडेट अनुदेशकों के रूप में भरती किए गए व्यक्तियों की, जो उनकी प्रारम्भिक?वार्षिक कालावधि के समाप्त होने पर राष्ट्रीय छात्र सेना से सेवा मुक्त हो गये हों नियोजन के प्रयोजन के लिये ''छटनी किया गया शासकीय कर्मचारी'' माना जायेगा और उन्हें अपने वास्तविक आयु में से राष्ट्रीय छात्र सेना में उनके द्वारा की गई सेवा की अवधि इस शर्त के अध्यधीन कम करने की अनुमनि दी जायेगी कि इसके परिणामस्वरूप निकलने वाली आयु अधिकतम आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो '

टिप्‍पणी – इस रियायत का लाभ उठाने के लिये केडेट अनुदेशकों को नियोजन कार्यालय का इस आशय का एक प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत करना होगा के उन्‍ह‍े राष्‍ट्रीय छात्र सेना से सेवा मुकत कर दिया गया है और नियोजन कार्यालय में पंजीयन की तारीख सेवा मुक्‍त होने की तारीख से तीन वर्ष से अधिक नही है।

(आठ) ऐसे उम्मीदवार को, जो भूतपूर्व सैनिक हो, अपनी आयु में से उसके द्वारा पूर्व में की गई समस्त प्रतिरक्षा सेवा की अवधि कम करने की अनुमति दी जायेगी, बशर्ते कि उसके परिणामस्वरूप निकलने वाली आयु अधिकतम आयु सीमा से 3 वर्ष से अधिक न हो ।

स्पष्टीकरण-- पद ''भूतपूर्व सैनिक'' ऐसे व्यक्ति को व्यक्त करता है जो निम्नलिखित प्रवर्गो में से किसी एक प्रवर्ग में रहा हो तथा जो भारत सरकार के अधीन कम से कम छह माह की निरन्तर कालावधि के लिये सेवा में रहा हो तथा किसी भी नियोजन कार्यालय में अपन। पंजीयन कराने अथवा शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु अन्यथा आवेदन-पत्र देने की तारीख से अधिक से अधिक तीन वर्ष पूर्व मितव्ययिता यूनिट की सिफारिशों के परिणामस्वरूप कर्मचारियों की संख्या। में सामान्य रूप से कमी की जाने के कारण, जिसकी छटनी की गई हो अथवा अतिरिक्त घोषित किया गया हो-

(1) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें कि समय से पूर्व निवृत्ति रियायतों (मस्टरिंग आउट कन्सेशन) के अधीन मुक्त कर दिया गया हो.,

(2) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें दुबारा भरती किया गया हो, और (क) नियुक्ति की अल्पकालीन अवधि के पूर्ण हो जाने पर, (ख) भरती सम्बन्धी शर्ते पूरी हो जाने पर, सेवा मुक्त कर दिया गया हो,

(3) मद्रास सिविल यूनिट के भूतपूर्व कर्मचारी,

(4) ऐसे पदाधिकारी (सैनिक तथा सिविल) जिन्हें उनकी संविदा के पूरी होने पर सेवा मुक्त किया गया हो (जिसमें अल्पावधि सेवा में नियमित कमीशन प्राप्त पदाधिकारी भी सम्मिलित है),

(5) ऐसे पदाधिकारी, जिन्हें अवकाश रिक्तियों पर छह माह से अधिक समय तक निरन्तर कार्य करने के बाद सेवामुक्त किया गया हो,

(6) असमर्थ होने के कारण सेवा से अलग किये गये भूतपूर्व सैनिक,

(7) ऐसे भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें इस आधार पर सेवा मुक्त किया गया हो कि अब उनके कार्यक्षम सैनिक बनने की संभावना नहीं रही है,

(8) ऐसेभूतपूर्व सैनिक, जिनको गोली लग जाने तथा घाव आदि हो जाने के कारण चिकित्सा मण्डल की सिफारिशों के अनुसार सेवा से अलग कर दिया गया हो ।

टिप्‍पणी – उपर्युक्‍त नियम 8 (ख) (चार) तथा (पांच) में वर्णित संबंधी रियायात के अन्‍तर्गत जिन उम्‍मीदवारों को चयन के योग्‍य माना गया हो, यदि वे आवेदन पत्र प्रस्‍तुत करने के बाद परीक्षा/चयन के पूर्व या उसके पात्र नही होगे । परन्‍तु यदि आवेदन-पत्र देने के पश्‍चात् उसकी सेवा या पद से छटनी कर दी जाये तो, वे पात्र बने रहेगे ।

(दो) शैक्षणिक अर्हता - उसके पास सेवा के लिये विहित ऐसी शैक्षणिक अर्हताएँ होनी चाहिये जो कि अनुसूची (तीन) में दर्शायी गई है :

परन्तु-

(क) आपवादिक मामलों में आयोग, शासन की सिफारिश पर उस उम्मीदवार को अर्हमान सकेगा जिसके पास यद्यपि इस खण्ड में विहित कोई अर्हता न हो किन्तु जिसने अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित परीक्षाएँ ऐसे मानक में उत्तीर्ण की हो जिस पर आयोग की राय में चयन के लिये उम्मीदवार के सम्बन्ध में विचार करना न्याय संगत हो

(ख) आयोग के स्वविवेक पर चयन हेतु ऐसे उम्मीदवारों पर भी विचार किया जा सकेगा जो अन्यथा रूप में अर्ह हो किन्तु जिनके पास उन विदेशी विश्वविद्यालयों की उपाधि हो जिन्हें शासन द्वारा विशेष रूप से मान्यता न दी गई हो ।

(तीन) फीस-उसे आयोग द्वारा विहित फीस का भुगतान करना होगा ।

9. अर्हताऐं - उम्मीदवार की ओर से अपनी उम्मीदवारी के लिये समर्थन प्राप्त करने की दृष्टि से किसी भी साधन से किया गया कोई भी प्रयास, आयोग द्वारा, चयन के लिये अनर्हकारी माना जा सकेगा ।

10. उम्मीदवारों की पात्रता के सम्बन्ध में आयोग का विनिश्चय अन्तिम होगा- पद के लिये किसी उम्मीदवार की पात्रता या अपात्रता के सम्बन्ध में आयोग का विनिश्चय अन्तिम होगा और आयोग द्वारा ऐसे किसी उम्मीदवार का साक्षात्कार नहीं लिया जायेगा जिसे आयोग ने प्रवेश प्रमाण-पत्र जारी न किया हो ।

11. चयन द्वारा सीधी भरती- (1) सेवा में भरती के लिये चयन ऐसे अन्तरालों पर किया जायेगा, जैसा शासन, आयोग के परामर्श से समय-समय पर अवधारित करे ।

(2) सेवा के लिये उम्मीदवार का चयन, आयोग द्वारा उनका साक्षात्कार करने के पाश्चात् किया जायेगा ।

(3) सीधी भरती के लिये उपलब्ध रिक्त स्थानों में से 15 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत स्थान उन उम्मीदवारों के लिये आरक्षित रखे जायेंगे, जो क्रमश: अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों ।

(4) इस प्रकार आरक्षित रखे गये रिक्त स्थानों को भरते समय अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों को नियुक्ति पर विचार, नियम 12 में निर्दिष्ट की गई सूची में आये उनके नामों में क्रम के अनुसार किया जायेगा, चाहे अन्य उम्मीदवारों की तुलना में उनका सापेक्षित स्थान कुछ भी क्यों न हो ।

(5) प्रशासन में दक्षता बनाये दखने का समुचित ध्यान रखते हुये, सेवा में नियुक्ति के लिये आयोग द्वारा उपयुक्त घोषित किये गये अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवार, उपनियम (3) के अधीक्षक, यथास्थिति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित रिक्त स्थानों पर नियुक्त किये जायेंगे ।

(6) यदि अनुसूचित जातियों तथा अनुस्‌चित जनजातियों के उम्मीदवार, उनके लिये आरक्षित रखे गये सभी रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिये पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न हों, तो रिक्त शेष स्थान सामान्य उम्मीदवारों में से नहीं भरे जायेंगे अपितु तत्काल पुन: विज्ञापन निकाला जायेगा, यदि कोई रिक्त स्थान फिर भी न भरे जा सकें तो वे सामान्य उम्मीदवारों में से भरे जायेंगे और अगले चयनों के लिये उतने ही अतिरिक्त रिक्त स्थान अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित रखे जायेंगे :

परन्तु अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित रिक्त स्थानों की कुल संख्या (जिसमें आगे लाये गये रिक्त स्थान भी शामिल होंगे) किसी भी समय विज्ञापित कुल रिक्त स्थानों के पैंतालीस प्रतिशत से अधिक नहीं होगी ।

12. आयोग द्वारा सिफारिश किये गये उम्मीदवारों की सूची- आयोग ऐसे उम्मीदवारों के, जिन्हें उसने सर्वाधिक उपयुक्त समझा हो और साथ ही अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उन उम्मीदवारों के, जो यद्यपि उसे मानक के अनुसार अर्ह नहीं है किन्तु जिन्हें आयोग ने प्रशासन में दक्षता बनाये रखने का समुचित ध्यान रखते हुये, सेवा में नियुक्ति के लिये उपयुक्त घोषित किया है, अधिमान क्रम में सम्यक् रूप से रखे गये नाम तथा अन्य ब्यौरे नियुक्ति प्राधिकारी को भेजेगा-

(1) इन नियमों तथा मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हुये उपलब्ध रिक्त स्थानों पर नियुक्ति के लिये उम्मीदवारों के बारे में उसी क्रम से विचार किया जायेगा, जिस क्रम से उनके नाम, सूची में दिये गये हों,

(2) सूची में उम्मीदवार का नाम सम्मिलित किया जाना नियुक्ति के लिये कोई अधिकार प्रदान नही करता जब तक कि शासन का ऐसी जांच के पश्चात् जैसी कि आवश्यकता समझी जाये, यह समाधान न हो जाये कि उम्मीदवार सेवा में नियुक्ति के लिये सभी प्रकार से उपयुक्त है ।

(3) इन नियमों के प्रवृत्त होने की तारीख को या उसके बाद मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा/पद पर नियुक्ति किसी भी व्यक्ति को, भारत की प्रतिरक्षा से सम्बन्धित किसी प्रतिरक्षा सेवा या पद पर, यदि अपेक्षित हो, कम से कम 4 वर्षो की अवधि के लिये, जिसमें प्रशिक्षण में व्यतीत की गई अवधि, यदि कोई हो शामिल होगी, सेवा करनी पडेगी :

परन्तु ऐसे व्यक्ति की-

(क) उसकी नियुक्ति की तारीख से 10 वर्षों की अवधि के समाप्त होने के बाद उपर्युक्त सेवा नहीं करनी पड़ेगी;

(ख) 45 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के बाद सामान्यता उक्त सेवा नहीं करनी पड़ेगी ।

13. पदोन्नति द्वारा नियुक्ति – (1) पात्र उम्मीदवारों में से पदोन्नति हेतु प्रारम्भिक चयन करने के लिये एक समिति गठित की जायेगी, जिसमें अनुसूची चार में उल्लिखित सदस्य होंगे ।

(2) समिति की बैठक ऐसे अन्तरालों में होगी, जो साधारणत: एक वर्ष से अधिक के न हों ।

(3) पदों/सेवा में, जिनमें सीधी भरती का प्रतिशत 66-2/3 होगा, पदोन्नति के लिये उपलब्ध रिक्त स्थानों में से 15 प्रतिशत तथा 13 प्रतिशत रिक्त स्थान उन उम्मीदवारों के लिये आरक्षित रखे जायेंगे, जो क्रमश: अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्य हों और जो नियम 14 के अनुसार पदोन्नति के लिये पात्र हों ।

(4) उपनियम (3) के अनुसार अनुसूचीत जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के लिये आरक्षित रिक्त स्थानों पर पदोन्नति करने की प्रक्रिया समय-समय पर शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये अनुदेशों के अनुसार होगी ।

14. पदोन्नति के लिये पात्रता सम्बन्धी शर्ते- (1) उपनियम (2) के उपबन्धों के अध्यधीन समिति उन सभी व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी जिन्होंने उस वर्ष 1 जनवरी को अनुसूची चार में वर्णित पद/सेवा पर या शासन द्वारा उसके समक्ष घोषित किये गये किसी अन्य पद या पदों पर अनुसूची-चार के खाने 3 में वर्णित सेवा (मूलत: या स्थानापन्न रूप से) की अवधि पूरी कर ली हो और जिन पर निम्नलिखित पद पर पदोन्नति के लिये उपनियम (2) के अनुसार विचार किया जा सकता हो-

(एक) संचालक स्नातकोत्तर या उसके समकक्ष अर्हता ।

(2) अन्य विभागों के मामले में चयन का क्षेत्र, चयन सूची में शामिल किये जाने वाले पदधारियों की संख्या के पांच गुना तक सीमित होगा परन्तु यदि आवश्यक मानक के पदधारी इस प्रकार अवधारित क्षेत्र में अपेक्षित संख्या में उपलब्ध न हों तो इस क्षेत्र में उस सीमा तक वृद्धि की जा सकेगी जैसा कि समिति दारा लेखबद्ध किये जाने वाले कारणों का उल्लेख करते हुये आवश्यक समझा जाये ।

15. उपयुक्त पदधारियों की सूची तैयार करना-( 1) समिति ऐसे व्यक्तियों की एक सूची तैयार करेगी जो उक्त नियम 14 में विहित शर्तो को पूरा करते हों तथा जिन्हें समिति सेवा में पदोन्नति के लिये उपयुक्त समझती हो यह सूची, चयन सूची तैयार करने की तारीख से एक वर्ष के दौरान सेवा निवृत्ति और पदोन्नतियों के कारण रिक्त होने वाले पूर्वानुमानित रिक्त स्थानों को भरने के लिये पर्याप्त होगी, उपयुक्त अवधि के दौरान होने वाले अप्रत्याशित रिक्त स्थानों को भरने के लिये एक आरक्षित सूची तैयार की जायगी जिसमें की संख्या उक्त (चयन) सूची में शामिल किये गये व्यक्तियों की संख्या का 25 प्रतिशत होगी ।

(2) सूची में सम्मिलित करने के लिये किया जाने वाला चयन वरिष्ठता को सम्यक् ध्यान में रखते हुए योग्यता तथा उपयुक्तता पर आधारित होगा ।

(3) प्रत्येक चयन सूची तैयार करते समय सूची में शामिल किये जाने वाले पदधारियों के नाम सेवा में वरिष्ठता के कम में (अनुसूची चार के कालम (2) में दिये अनुसार) व्यवस्थित किये जायेंगे परन्तु यदि समिति की राय में कोई कनिष्ठ पदधारी विशेष रूप से योग्य तथा उपयुक्त हो तो उसे उसके वरिष्ठ पदधारियों की तुलना में सूची में उच्चतर स्थान दिया जा सकेगा ।

स्पष्टीकरण- ऐसे व्यक्ति की, जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित किया गया हो किन्तु जिसे सूची के मान्य रहने के दौरान पदोन्नत न किया गया हो सिर्फ अपने पूर्व चयन के तथ्य पर उन व्यक्तियों पर अपनी वरिष्ठता का दावा करने का कोई अधिकार नहीं होगा जिनके बारे में पश्चातवर्ती चयन में विचार किया गया हो ।

(4) इस प्रकार तैयार की गई सूची का प्रतिवर्ष पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण किया जायेगा ।

(5) यदि चयन, पुनर्विलोकन या पुनरीक्षण की प्रक्रिया में सेवा के किसी सदस्य का अधिक्रमण प्रस्तावित किया जाये तो समिति प्रस्तावित अधिक्रमण के सम्बन्ध में अपने कारणों को लेखबद्ध करेगी ।

16. आयोग से परामर्श-- नियम 15 के अनुमार तैयार की गई सूची के बाद में निम्नलिखित के साथ शासन द्वारा आयोग को अग्रेषित की जायगी-

(एक) सूचियों में सम्मिलित सभी व्यक्तियों के अभिलेख;

(दो) अनुसूची चार के कालम दो में उल्लिखित किये अनुसार सेवा के ऐसे सभी सदस्यों के अभिलेख, जिनका सूची में की गई सिफारिशों;

(तीन) अनुसूची-चार के कालम (2) में उल्लिखित किये अनुसार सेवा के किसी सदस्य के प्रस्तावित अधिक्रमण के लिये समिति द्वारा लेखबद्ध किये गये कारण; तथा

(चार) समिति की सिफारिशों पर शासन का मत ।

17. चयन सूची- (1) आयोग शासन से अन्य दस्तावेजों के साथ प्राप्त हुई समिति द्वारा तैयार की गई सूची पर विचार करेगा और जब तक वह कोई परिवर्तन करना आवश्यक नहीं समझता है, सूची को अनुमोदित कर देगा ।

(2) यदि आयोग, शासन से प्राप्त सूची में कोई परिवर्तन करना आवश्यक समझता है तो आयोग प्रस्तावित परिवर्तनों की सूचना शासन को देगा तथा शासन की टिप्पणियों पर यदि कोई हो, विचार करने के पश्चात् ऐसे संशोधनों जो उसके विचार में ठीक तथा उपयुक्त हो, यदि कोई हो, सहित अंतिम रूप से सूची को अनुमोदित कर देगा ।

(3) आयोग द्वारा अंतिम रूप से यथानुमोदित सूची, अनुसूची-चार के कालम (3) में यथा उल्लिखित सेवा में अनुसूची चार के कालम (2) में यथा उल्लिखित सेवा के सदस्यों की पदोन्नति के लिये चयन सूची होगी ।

(4) चयन सूची साधारणत: तब तक प्रभावी रहेगी जब तक उसका नियम 15 के उपनियम (4) के अनुसार पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण नहीं किया जाता है किन्तु उसकी वैधता उसके तैयार होने के तारीख से 18 महीनों की कुल अवधि से अधिक की नहीं होगी :

परन्तु चयन सूची में सम्मिलित किसी व्यक्ति की ओर से कर्त्तव्यों के निष्पादन में गंभीर चूक होने की स्थिति में चयन सूची का विशिष्ट पुनर्विलोकन शासन के कहने पर किया जा सकता है और आयोग यदि वह उचित समझे, चयन सूची से ऐसे व्यक्ति का नाम हटा सकता है ।

18. चयन सूची से सेवा में नियुक्ति- (1) चयन सूची में सम्मिलित पदधारियों की नियुक्ति उस क्रम में की जायेगी जिस क्रम में ऐसे पदधारियों के नाम चयन सूची में दिये गये हों :

परन्तु जहाँ प्रशासनिक दृष्टि से अत्यावश्यक हो वहाँ किसी ऐसे व्यक्ति को जिसका नाम चयन सूची में सम्मिलित नहीं किया गया हो या जिसका नाम चयन सूची में दूसरे स्थान पर हो, सेवा में नियुक्त किया जा सकेगा यदि शासन का इस बात से समाधान हो जाये कि रिक्त स्थान के तीन महीने से अधिक चलने की सम्भावना नहीं है ।

(2) उस व्यक्ति की नियुक्ति से पूर्व, जिसका नाम सेवा की चयन सूची में शामिल किया गया हो, आयोग से परामर्श करना सामान्यत: तब तक आवश्यक नहीं होगा जब तक चयन सूची में उसका नाम शामिल करने और प्रस्तावित नियुक्ति की तारीख के बीच पड़ने वाली अवधि के दौरान उसके कार्य में कोई ऐसी कमी नहीं होती है जो शासन की राय में ऐसी हो कि इसके फलस्वरूप उसे सेवा में नियुक्ति के लिये अनुपयुक्त ठहराया जा सके ।

19. परिवीक्षा- सेवा में सीधे भरती किये गये प्रत्येक व्यक्ति को दो वर्ष की कालावधि के लिये परिवीक्षा पर नियुक्त किया जायेगा ।

20. निर्वाचन- यदि इन नियमों के निर्वचन के सम्बन्ध में कोई प्रश्न उद्‌भूत हो तो वह शासन को निर्दिष्ट किया जायेगा और उस पर उसका विनिश्चय अन्तिम होगा ।

21. शिथिलीकरण -इन नियमों में दी गई किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जायेगा कि वह ऐसे व्यक्ति के मामले में, जिस पर नियम लागू होते हैं, राज्यपाल की ऐसी रीति से कार्यवाही करने की शक्ति को सीमित या कम करती है, जो उसे न्याय संगत तथा साम्यपूर्ण प्रतीत हो :

परन्तु जहां किसी व्यक्ति के मामले में किसी नियम को शिथिल किया जाय वहां मामले पर किसी ऐसी रीति से कार्यवाही नहीं की जायेगी जो कि उस नियम में उपबन्धित रीति की अपेक्षा, उसके लिये कम अनुकूल हो ।

22. निरसन तथा व्यावृत्ति- इन नियमों के तत्स्थानी वे समस्त नियम, जो इन नियमों के प्रारम्भ होने के ठीक पूर्व प्रदत्त हो, एतद्द्वारा, इन नियमों के अन्तर्गत आने वाले सभी विषयों के सम्बन्ध में निरस्त किये जाते हैं :

परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन दिया गया कोई भी आदेश या की गई कोई भी कार्यवाही इन नियमों के तत्‍स्‍थानी उपबन्धों के अधीन किया गया आदेश या की गई कार्यवाही समझी जायेगी ।


अनुसूची-एक

[ नियम 5 देखिये ]

क्रमांक

सेवा में सम्मिलित पदों के नाम

पदों की संख्या

वर्गीकरण

वेतनमान

(अ) कर्तव्य पद

1.

संचालक, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएँ

1

प्रथम श्रेणी

रु० 1250-50-1500-75-1800+ वेतन का 25 प्रतिशत की दर से प्रेक्टिस न करने का भत्ता |

2.

उप-संचालक

2

प्रथम श्रेणी

रु० 680-40-800-50-1000-दक्षतारोध 50-1150+ वेतन का 25 प्रतिशत की दर से प्रेक्टिस न करने के लिए भत्ता |

3.

अधीक्षक, कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय

3

प्रथम श्रेणी

रु०680-40-800-50-1000-दक्षतारोध-50 –1150+ वेतनमान के 25 प्रतिशत की दर के प्रेक्टिस न करने के लिए भत्ता

4.

विशेषज्ञ, कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय

9

प्रथम श्रेणी

रु० 680-40-800-50-1000-दक्षतारोध-50 -1150+ वेतनमान के 25 प्रतिशत की दर से प्रेक्टिस न करने के लिए भत्ता |

5.

सुपरवाइजरी बीमा चिकित्सा (पदाधिकारी)

5

प्रथम श्रेणी

रु० 680-40-800-50-1000-दक्षतारोध-50+ वेतन का 25 प्रतिशत की दर से प्रेक्टिस न करने के लिए भत्ता |

6.

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी (प्रथम श्रेणी)

19

प्रथम श्रेणी

रु० 500-30-680-40-800- दक्षतारोध-50+ वेतन का 25 प्रतिशत की दर से प्रेक्टिस न करने के लिए भत्ता |

7.

सहायक चिकित्सा/बीमा चिकित्सा अधिकारी

239

द्वितीय श्रेणी

रु० 425-25-500-30-680-दक्षतारोध-40-800+ 50-900+वेतन का 25 प्रतिशत की दर से प्रेक्टिस न करने के लिए भत्ता और 100 रुपये प्रतिमाह कर्मचारी राज्य बीमा विशेष भत्ता |

8.

प्रशासनिक अधिकारी आ-छुट्टी रक्षित इ-प्रशिक्षण रक्षित

1 कुछ नहीं

द्वितीय श्रेणी

रु० 400-25-500-30-680-दक्षतारोध-40-800 |


अनुसूची-दो

[ नियम 6 देखिये ]

विभाग का नाम

सेवा का नाम

पदों की कुल संख्या

भरे जाने वाले कर्तव्य पदों की संख्या का प्रतिशत

नियम 6 (क) के अनुसार सीधी भर्ती द्वारा

नियम 6 (ख) के अनुसार सेवा के सदस्य की पदोन्नति द्वारा

नियम 6 (ग) के अनुसार अन्य सेवाओं में व्यक्ति के स्थानांतरण द्वारा

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

(6)

श्रम विभाग

मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएँ (राजपत्रित) प्रथम श्रेणी

1. संचालक, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएँ

1

....

प्रतिशत

100

यदि पदोन्नति के लिए उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न हो तो लोक स्वास्थ्य (चिकित्सा) विभाग से किसी व्यक्ति, जो संयुक्त संचालक के पद से नीचे का पद धारण न किये हों के स्थानांतरण द्वारा

द्वितीय श्रेणी

7. बीमा चिकित्सा अधिकारी

8. प्रशासनिक अधिकारी

239

1

100

...

...

100

...

मुख्यालय के अधीक्षक से पदोन्नति द्वारा


अनुसूची- तीन

[ नियम 8 देखिये ]

विभाग का नाम

सेवा का नाम

पद

न्यूनतम आयु सीमा

अधिकतम आयु सीमा

शैक्षणिक योग्यता तथा अनुभव

अभ्युक्ति

श्रम विभाग

मध्य प्रदेश कार्यचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित)

उप-संचालक/ अधीक्षक/सुपर वाइजरी बीमा चिकित्सा पदाधिकारी

...

45 वर्ष

1. एम०बी०बी०एस० अथवा समकक्ष (भारतीय चिकित्सा परिषद् में पंजीयत उम्मीदवार)

2. व्यवसाय में कम से कम 10 वर्ष का अनुभव प्राप्त हो जिसमें से 5 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव होना चाहिए |

विशेषज्ञ

....

35 वर्ष

  1. विशेषज्ञों में स्नातकोत्तर
  2. विशेषज्ञों में कम से कम 3 वर्ष का अनुभव

2. उप-संचालक (मुख्यालय)

3.सुपरवाईजरी बीमा चिकित्सा

4.अधीक्षक, कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय

2

5

3

...

100

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी से पदोन्नत यदि योग्य उम्मीदवार उपलब्ध न हों तो पदों की पूर्ति सीधी भरती द्वारा की जावेगी ये पद विनिमय के अधीन होगे |

5. विशेषज्ञ, कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय

9

...

100

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी जो पोस्ट ग्रेजुएट विशेषज्ञों में स्नातकोत्तर शैक्षणिक योग्यता प्राप्त बीमा चिकित्सा पदाधिकारियों में से पदोन्नति द्वारा यदि उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न होने पर पदों की पूर्ति सीधी भरती द्वारा की जावेगी |

6. बीमा चिकित्सा पदाधिकारी (प्रथम श्रेणी)

19

...

100

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी द्वितीय श्रेणी के पदोन्नति द्वारा

बीमा चिकित्सा अधिकारी/सहायक चिकित्सक

...

32 वर्ष

एम० बी० बी० एस० अथवा समकक्ष (भारतीय चिकित्सा परिषद् में पंजीयत उम्मीदवार)


अनुसूची-चार

[ नियम 13 देखिये ]

विभाग का नाम

उस पद का नाम जिसमें पदोन्नति की जानी है

पदोन्नति की पात्रता के लिए न्यूनतम अवधि अथवा सेवा

उस पद का नाम जिस पर पदोन्नति की जानी है

विभागीय पदोन्नति समिति के सदस्यों के नाम (नियम 12)

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)

श्रम विभाग मध्य प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (राजपत्रित)

1.

अधीक्षक/उपसंचालक/सुपरवाइजरी बीमा चिकित्सा पदाधिकारी विशेषज्ञ

5 वर्ष

संचालक कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं

1. मुख्य सचिव, अध्यक्ष

2. वरिष्ठतम सचिव, सदस्य

3. श्रम सचिव, सदस्य

4. उप-सचिव, श्रम विभाग, संयोजक

2.

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी प्रथम श्रेणी

5 वर्ष

उप संचालक/अधीक्षक सुपरवाइजरी बीमा चिकित्सा पदाधिकारी

1. अध्यक्ष, लोक सेवा आयोग या आयोग के द्वारा मनोनीत आयोग के सदस्य, अध्यक्ष

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी द्वितीय श्रेणी

10 वर्ष

विशेषज्ञ

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी जो सम्बंधित विषय में स्नातकोत्तर शैक्षणिक योग्यता रखते हों

3 वर्ष

2. सचिव, श्रम; सदस्य;

3. संचालक कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएँ; सदस्य

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी सहायक चिकित्सक

5 वर्ष

बीमा चिकित्सा पदाधिकारी प्रथम श्रेणी

4.

अधीक्षक (मुख्यालय, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएँ

5 वर्ष

प्रशासनिक अधिकारी








नवीनीकृत: 12-May-2017